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आपने लोट पोट पढ़ी है ? हंस कर सलमान खान ने कहा - ‘‘हम्म्म्म !! मैं मायापुरी पढ़ता हूँ

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By Lipika Varma
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आपने लोट पोट पढ़ी है ? हंस कर सलमान खान ने कहा - ‘‘हम्म्म्म !! मैं मायापुरी पढ़ता हूँ

लिपिका वर्मा

सलमान खान की फिल्म ‘रेस -3’ की प्रोमोशंस बड़ी तेजी से चल रहे हैं। इस फिल्म में पुष्प गुच्छ की तरह कलाकारों की भरमार सी है .... अनिल कपूर, सलमान खान, बॉबी देओल, जैकलिन फर्नांडीस, डेजी शाह ,सकिब सलीम और  भी कई करैक्टर आर्टिस्ट्स इस रेस का हिस्सा है। ‘रेस 3’ के निर्देशक रेमो डिसूजा इस फिल्म से एक्शन फिल्म निर्देशक भी कहलाये जायेंगे।

दो चीज खास है सलमान खान को लेकर अब इस फिल्म से -नंबर वन - इस फिल्म ‘रेस -3’ से सलमान लिरिसिस्ट गीतकार, की श्रेणी में पहुँच गए है- ‘सेल्फिश’ गाने के बोल सलमान ने ही लिखे हैं। जाहिर सी बात है वह लेखक के खानदान से बिलाँग करते हैं। पिता सलीम खान ने शोले से लेकर कई ढेर सारी फिल्मों को लिख उन्हें आइकॉनिक फिल्मों की लीग में शामिल कर दिया है। और इस फिल्म से सलमान खान डिस्ट्रीब्यूटर भी हो चले हैं। ‘‘जी हाँ मुझे बिजनेस के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं है। राइटिंग कर ली,  क्योंकि लेखनी मेरे खून में है। डिस्ट्रीब्यूशन के लिए रमेश तौरानी जी तो है ही।’’

पेश है सलमान खान से लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश :

आप आजकल ज्यादा एक्शन फिल्म में देखें जा रहे हैं ?

जब तक फिल्म में रोमांस, इमोशन एवं ड्रामा न हो तब तक फिल्म में एक्शन का कोई मायने नहीं है। यदि फिल्म में केवल बढ़िया एक्शन ही एक्शन हो तो आप केवल फाइटर्स के साथ फाइट करते दिखाई देंगे। फिल्म में अन्तः मनसोल, बिल्कुल नहीं होगा। अतः फिल्म अच्छी होने के लिए इमोशन रोमांस इत्यादि का होना बहुत जरुरी है। सीधी सी बात है एक्शन हमेशा इमोशन एवं रोमांस के शेयर आगे बढ़ाता है।

ऐसी फिल्में जिसमें ड्रामा एवं सस्पेंस हो आपको कितनी पसंद आती है ?

इस फिल्म में ड्रामा और सस्पेंस नहीं है। और ऐसी फिल्में मुझे पसंद भी नहीं है। हंस कर रमेश जी की तरफ देख सलमान बोले, ‘‘रमेश जी सोचते हैं इस फिल्म में ड्रामा और सस्पेंस है, किन्तु ऐसा कुछ हमारे दिमाग में नहीं है। यह फिल्म एक एक्शन संगीत से परिपूर्ण उपहार है। जब आप यह फिल्म देख रहे होंगे कुछ बारी आपका गेस वर्क सही पड़ेगा तो कई मर्तबा राँग हो जायेगा। यदि आप एक बच्चे को एक गेंद देते हैं तो कुछ समय बाद वो बोर हो जायेगा। और यदि वह बॉल गेंद, आप हमेशा अपने पास रखना चाहेंगे तो वह फेड अप हो जायेगा। हर फिल्म में इन चीज का  60 से 40 परसेंटेज का अनुपात रेश्यो, होना चाहिए ताकि ऑडियंस को फिल्म देखने में दिलचस्पी पैदा हो। यहाँ, आपको एहसास हो जायेगा कि ऑडियंस का गेस वर्क राँग है। publive-image

आपके ढेर सारे फैंस बच्चों की मात्रा में है। क्या कनेक्शन है उनसे आपका ?

यह मेरी समझ के बाहर है। मुझे नहीं समझ में आता कि-उनसे बच्चो, कैसे मैं कनेक्ट कर पाता हूँ। मेरे ख्याल से मैंने अपने आप को स्टार कभी माना ही नहीं है। मैं जैसा भी हूँ वैसा ही सबसे पेश आता हूँ। मेरे अंदर कोई भी दिखावा नहीं है। जब की मेरे अंदर कोई भी स्टार क्वालिटी नहीं है सो मुझे कुछ भी सोच समझ कर नहीं बोलना होता है। मैं सभी साधारण देश वासियों की तरह ही बातचीत करता हूँ। जो कुछ भी मेरे हृदय में होता है वह मैं स्पष्ट बोल देता हूँ। मेरे अंदर सकारत्मकता भरी हुई है। किन्तु लोग उस में भी नकारत्मकता खोज कर शोषण हेतु मेरे बोले हुए शब्दों का अनुचित लाभ उठाते हैं और उसे टेलीविजन पर चलाकर अपनी टीआरपी बढ़ाने के चक्र में रहते हैं। और सोशल मीडिया पर भी इन चीज से उनको 3-4 दिन की टीआरपी मिल जाती है।

आपका पसंदीदा एक्शन हीरो कौन है ?

मुझे विनोद खन्ना की फाइटिंग स्टाइल बहुत अच्छा लगता है। संजय दत्त, सनी देओल, जैकी श्रॉफ एवं अमिताभ बच्चन। और धर्मेन्द्र दोनों रोमांटिक, एक्शन और कॉमेडी में कही पर भी फिट हो जाते हैं। वह बहुत सिंपल व्यक्तित्व रखते हैं। उन्हें काफी चीजों के लिए क्रेडिट भी नहीं दिया गया। publive-image

और अनिल कपूर के साथ भी आपकी बॉन्डिंग रहे हैं काफी फिल्मों में एक साथ काम भी किया है ?

 हमने ‘नो एंट्री’ फिल्म की है। ‘बीवी नंबर 1’ भी की है - ‘युवराज’ फिल्म के बारे में न याद दिलाये उन्हें। उनके बारे में एक चीज काबिले तारीफ है, भले वो बॉलीवुड के आदर्श हीरो नहीं माने गए। किन्तु जिस दिन से उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में पदार्पण किया है वही एक ऐसा हीरो है उस पीढ़ी के जो हर दिन काम करते हैं। यह वो सिर्फ इसलिए कर पाते हैं क्योंकि वो बहुत ही अनुशासित ढंग से जीवन व्यतीत करते हैं। वह शारीरिक तौर से भी अपने आप को हमेशा फिट रखते हैं। फिल्मों में काम करने से उनका इंटरेस्ट और चाव अभी तक खत्म नहीं हुआ है। हर दिन काम करने की इच्छा उनके मन में आज भी रहती है। यह उनकी एक बहुत ही असाधारण रिमार्केबल, क्वालिटी है। यदि आप जिस किसी भी प्रोफेशन में हो, और उसमें काम करने की इच्छा है तो आप उस प्रोफेशन से कभी भी गायब नहीं होंगे। वह आज भी फिजिकली फिट और अच्छे दिखते हैं।

अनिल कपूर की तारीफे में सलमान और भी बहुत कुछ बोलते हैं, ‘‘उन्होंने पिता, दादा के किरदार भी बढ़िया निभाए है। फिल्म ‘नो एंट्री’ में उन्होंने मुझे प्रेम भाई कह कर पुकारा था। वो अपनी दाढ़ी कभी शेव  कर देते हैं तो कभी साल्ट-पेपर वाली दाढ़ी रख लेते हैं। उनकी कमाई आज के यंग स्टार्स से भी ज्यादा है। इस प्रोफेशन के लिए वह एकदम सही है। अगर श्री अमिताभ बच्चन का कोई रिप्लेसमेंट है- तो वह - अनिल कपूर ही है। जो काम मिस्टर बच्चन ने ‘मौहबतें’ के समय किया था वही आज अनिल कपूर कर रहे हैं।publive-image

इस फिल्म से आप डिस्ट्रीब्यूटर वितरक, भी हो चले हैं। बिजनेस की क्या समझ है आप में ?

हम फिल्म ‘रेस 3’ खुद ही डिस्ट्रीब्यूट कर रहे हैं। सो हमने जो भी ढेर सारे पैसे खर्च किये हैं- वह हमारे पास ही आएंगे। दरअसल, में हम इरोज के साथ डिस्ट्रीब्यूशन के बारे में बातचीत कर रहे थे पर यह हो नहीं पाया। मैं तो बिसनेसमैन ही नहीं हूँ। बिजनेस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है मुझे। किन्तु यह मालूम है कितने थिएटर्स हमें चाहिए इस फिल्म को रिलीज करने के लिए। राइटिंग बैकग्राउंड से बिलाँग करता हूँ अतः स्क्रिप्ट की सेलेक्शन करनी आती है मुझे साथ मैं लक्की भी रहा स्क्रिप्ट सेलेक्शंस में। अच्छी फिल्में नहीं मिलने के समय भी ‘जागृति’ जैसी अच्छी स्क्रिप्ट मुझे मिली।

आप निर्देशक रेमो के साथ एक डांस फिल्म कर रहे थे। कुछ बतायें इस फिल्म के बारे में ?

इस फिल्म में डेजी शाह और जैकी फर्नांडीस भी थी। हम इस फिल्म के लिए डांस रिहर्सल कर रहे थे पर ऐसा लगा कि इस डांस फिल्म के लिए मैं अभी तैयार नहीं हूँ। सो हमने ‘रेस 3’ शुरू कर दी। इस डांस फॉर्म में, ‘‘बैक फ्लिप है, सौमेर साल्ट है, जिमनास्टिक्स है -मुझे वही डांस पसंद है जो 98 कॉमन लोग करते हैं।’’

आपने बचपन में कॉमिक्स पढ़ी है ?

जी हाँ मैंने बचपन में ‘आर्चिज’ कॉमिक्स बहुत पढ़ी है। अमर चरित्र कथा और डेनिस दी मेनिस भी बहुत पढ़ी है। आप ने लोट पोट पढ़ी है ? हंस कर सलमान ने कहा - ...हम्म्म्म !! मैं मायापुरी पढ़ता हूँ।

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