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'मेरी डोली मेरे अंगना' में इंदुलता के किरदार में कई रंग हैं: संगीता जोशी

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By Mayapuri Desk
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'मेरी डोली मेरे अंगना' में इंदुलता के किरदार में कई रंग हैं: संगीता जोशी

गुजरात की जानी-मानी अदाकारा एवं स्टेज, टीवी और फिल्मों में बेहतरीन काम कर चुकीं अनुभवी अभिनेत्री सरिता जोशी अब भारत में गांव प्रेमियों के पहले मनोरंजन चैनल आज़ाद के नए शो 'मेरी डोली मेरे अंगना' में इंदुलता के रोल में नजर आ रही हैं। यह शो हर सोमवार से शनिवार रात 9 बजे प्रसारित हो रहा है। विभिन्न टीवी सीरीज़ में नज़र आ चुकीं सरिता गुजराती टीवी सीरियल 'प्रीत, पीयू अने पन्नाबेन' में पन्नाबेन की शीर्षक भूमिका के लिए जानी जाती हैं।

एक खास चर्चा में संगीता ने अपने नए रोल और बहुत-सी बातों के बारे में बताया।

गुजराती सीरियल से हिंदी शो करने तक के अपने सफर के बारे में बताएं?

हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है और बचपन से मुझे हिंदी बोलने में बहुत मजा आता है। मैं स्कूल में चंदा मामा पढ़ती थी। कॉलेज में मैं धर्मयुग, मेरी सहेली और अन्य हिंदी पत्रिकाएं पढ़ा करती थीं। मैंने मुंशी प्रेमचंद की कहानियां पढ़ने का भी लुत्फ उठाया है। मैं एक गुजराती परिवार में जन्मी हूं और मैंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत गुजराती मंच से की थी। धीरे-धीरे मैंने हिंदी टीवी धारावाहिकों और फिल्मों में प्रवेश किया। इस भाषा में काम करना बहुत आसान था, क्योंकि मैं धाराप्रवाह हिंदी बोल सकती थी। मुझे हिंदी फिल्में और टीवी धारावाहिक करने में मजा आता है और मैंने पाया कि इसके निर्देशक, लेखक, निर्माता और अभिनेता भी बहुत अच्छे हैं।

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मेरी डोली मेरे अंगना में आपकी क्या भूमिका है?

इंदुलता मुख्य नायिका जानकी की एक अच्छी और सजग मां हैं। फिलहाल मेरा किरदार एक सकारात्मक मां का है लेकिन मुझे बताया गया है कि कहानी के एक मोड़ पर मेरा किरदार नकारात्मक भी होगा। मुझे भी इसका इंतज़ार है। मुझे इंदुलता कहा जाता है और यह मजेदार है कि घर पर आजकल मेरे पति मुझे इंदु और लता कहते हैं।

सुरेंद्र पाल जैसे वरिष्ठ अभिनेता और आस्था अभय जैसी युवा प्रतिभा के साथ काम करना कैसा रहा?

यह एक बेहतरीन अनुभव है। सुरेंद्र पाल जी एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं और उससे भी बढ़कर, वो एक बढ़िया व्यक्ति हैं। मैं उनके साथ काम करने और उनकी पत्नी की भूमिका निभाने के लिए बहुत उत्साहित थी। मैंने उन्हें बरसों पहले महाभारत में देखा था। मैंने ओम पुरी जी के साथ बहुत करीब से काम किया है और आमिर खान, पंकज त्रिपाठी, शरमन जोशी, मनोज जोशी, अरुणा ईरानी, स्मृति ईरानी, नीना गुप्ता और अन्य प्रसिद्ध एक्टर्स के साथ भी काम किया है। इसलिए, मैं कम्फर्टेबल हूं और सुरेंद्रजी के साथ काम करने का मजा ले रही हूं। जहां तक युवा कलाकार आस्था अभय की बात है, तो पहला सीन करते ही हम फौरन घुल-मिल गए। मैं यह भी बताना चाहूंगी कि

मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मुझे इस सीरियल में एक प्यारी दोस्त अर्चना दामोहे मिली हैं। वो इस शो में मेरी सास का किरदार निभा रही हैं।

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'मेरी डोली मेरे अंगना' जैसे शो को चुनने की कोई खास वजह?

आज़ाद एक नया चैनल है, जो विशेष रूप से गांव प्रेमी भारतीय दर्शकों के लिए बनाया गया है, और इसी खासियत ने मुझे इस चैनल के पहले टीवी शो की ओर आकर्षित किया। इस धारावाहिक में मेरा किरदार बड़ा दिलचस्प है, क्योंकि इसमें कई अलग-अलग रंग हैं और मुझे अलग-अलग चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं करना पसंद है।

आज़ाद बाकी मनोरंजन चैनल्स से किस तरह अलग है?

सबसे पहले तो इसका नाम आज़ाद है, जिसने मेरा ध्यान खींचा क्योंकि यह भारत के गांव प्रेमियों के लिए है। हर कोई शहरों में रहने वाले लोगों के बारे में सोचता है। आज़ाद पहला टीवी चैनल है, जिसने देश की ग्रामीण आबादी के बारे में सोचा, जिन्हें वास्तव में अपनी संस्कृति दिखाने वाले अपने चैनल की जरूरत है। आज़ाद एक फ्री-टू-एयर चैनल है। इससे करोड़ों भारतीयों को टीवी देखने का मौका मिलेगा। आज़ाद ना सिर्फ उन्हें टीवी देखने का अवसर देगा बल्कि मनोरंजन देने के साथ-साथ उन्हें शिक्षित भी करेगा।

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महामारी के साथ शूट करना कितना मुश्किल है?

हां, हमें सावधान रहना चाहिए, दूरी बनाए रखना, मास्क का उपयोग करना और समय-समय पर सैनिटाइज़र का उपयोग करना चाहिए। मुंबई में भी अब लोग इसका पालन करते हैं और स्वच्छता रखने का प्रयास कर रहे हैं। 'मेरी डोली मेरे अंगना' के सेट पर भी काफी सावधानी बरती जाती है। सभी लोग मास्क पहनते हैं और सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हैं। सेट पर निर्माताओं द्वारा की गई व्यवस्था ने सभी कलाकारों को निडर और कम्फर्टेबल बना दिया है।

एक्टिंग को करियर बनाने के लिए आपको किस बात ने प्रेरित किया?

मुझे लगता है कि मैं एक कलाकार बनने के लिए पैदा हुई थी। एक कलाकार होने की मेरी स्वाभाविक प्रवृत्ति ने मुझे मंच, फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में काम करने के लिए प्रेरित किया।

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आपकी पसंदीदा भूमिकाएं क्या रही हैं?

मैंने कई भूमिकाएं निभाई हैं और वे सभी मेरी पसंदीदा रही हैं। फिर भी गुजराती टीवी सीरियल 'प्रीत, पीयू आने पन्नाबेन' में निभाए गए पन्नाबेन के टाइटल रोल को सभी दर्शकों ने पसंद किया और मुझे पन्नाबेन के नाम से जाना जाने लगा है। मुझे मुश्किल भूमिकाएं निभाना भी पसंद है, जिससे मुझे अपना एक्टिंग टैलेंट दिखाने का मौका मिलता है। 'मेरी डोली मेरे अंगना' में मेरी वर्तमान भूमिका बहुत दिलचस्प मालूम होती है, क्योंकि मुझे पहले एक प्यार करने वाली मां के रोल में और फिर एक सास के रोल में एक बहुत ही अलग किरदार में अभिनय करना है।

आपके पसंदीदा एक्टर्स कौन-कौन हैं?

मैं मिस्टर अमिताभ बच्चन और स्वर्गीय नूतनजी की बहुत बड़ी फैन हूं।

अपनी ज़िंदगी के बारे में कुछ बताएं? आप गुजरात में कहां से हैं?

मैं राजकोट में पैदा हुई थी, लेकिन अपने जन्म के तुरंत बाद से मुंबई में रही हूं। मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं। मैं अपनी पढ़ाई में बहुत अच्छी थी और कॉमर्स ग्रेजुएट हूं।

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आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में आपके लिए क्या महत्वपूर्ण है?

ईमानदारी, निष्ठा, सम्मान और पारिवारिक संबंध मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। मैं एक अच्छी इंसान कहलाना पसंद करूंगी। अपने करियर में मुझे एक्टिंग करना पसंद है। मैं अच्छे और नकारात्मक किरदारों सहित विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं करना चाहती हूं। इंदुलता के किरदार के अलग-अलग रंग हैं।

दर्शकों को आज़ाद पर रोज रात 9 बजे 'मेरी डोली मेरे अंगना' क्यों देखना चाहिए?

इसकी अच्छी कहानी, शानदार परफॉर्मेंस और भारतीय ग्रामीण परंपराओं, जीवन शैली और सामाजिक मान्यताओं के बारे में ज्यादा जानने के लिए। इसके अलावा दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद एक सुकून भरे मनोरंजन के लिए इसे जरूर देखें।

देखिए मेरी डोली मेरे अंगना, हर सोमवार से शनिवार रात 9 बजे आज़ाद पर। यह चैनल टाटा स्काई पर 183, डीडी फ्रीडिश चैनल नंबर 36 पर उपलब्ध है और एमएक्स प्लेयर पर मुफ्त में देखा जा सकता है।

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