INTERVIEW: उसने मुझे मेरे कठिन वक्त में भी मुझे कभी निराश नहीं होने दिया - संजय दत्त By Mayapuri Desk 31 Aug 2017 | एडिट 31 Aug 2017 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर जेल से बाहर आने के बाद एक बार फिर सजंय दत्त बतौर अभिनेता दर्शकों के सामने आने के लिये बेताब हैं। एक तरफ तो लेखक निर्देशक राजकुमार हिरानी संजू की बायोपिक बना रहे हैं, दूसरी तरफ वे खुद बाप बेटी के भावनात्मक रिश्ते पर आधरित फिल्म ‘भूमि’ में नजर आने वाले हैं। फिल्म के फर्स्ट लुक पर संजू से हुई एक मुलाकात। करीब तीन साल बाद दौबारा अपनी दुनियां में आने के बाद क्या महसूस हुआ? मैने जब तीन साल बाद इस फिल्म के सेट पर कदम रखा तो थोड़ा अजीब लेकिन अच्छा महसूस हुआ,वैसे भी सेट का माहौल काफी खुषनुमा था। फिल्म की टीम के साथ काम करते हुये मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं अपने घर वापस आ गया हूं क्योंकि एक बार फिर लाइट, कैमरा, साउंड सब देखते और सुनते हुये मैं भीतर तक रोमांचित हो रहा था । बेषक थोड़ी नर्वसनेस थी बावजूद इसके मैने पहला ही षॉट ओ के दिया तो वो घबराहट भी हवा हो गई। भूमि जैसी फिल्म से शुरूआत करने की कोई्र वजह? वजह यही थी कि मैं तीन साल के बाद जिस किसी फिल्म से शुरूआत करूं वो कुछ तो डिफरेंट होनी चाहिये यानि उसमें कुछ ऐसा हो जो उसे एक फ्रेष फिल्म साबित कर पाये । मेरे पास यह सब्जेक्ट आया तो मैने पहले पूरी स्क्रिप्ट पढ़ी, मुझे वह कहानी वैसी ही लगी जैसी मैं सोच रहा था । ये फिल्म, बाप बेटी के रिष्ते पर आधारित ऐसी भावनात्मक कहानी है जो गरीब तबके को लेकर कही गई है। आउट डोर शूटिंग के दौरान आगरा के दर्शकों का आपके प्रति कैसा रिस्पांस रहा ? बहुत बढ़िया, बहुत सकारात्मक। इसकी सबसे बड़ी वजह सोशल मीडिया है जिसकी बदौलत लोग बाग फिल्मों के साथ साथ फिल्म स्टारों को नजदीक से जानने पहचानने लगे हैं, सोशल मीडिया की वजह से उनसे हमारी निजी तौर पर भी जान पहचान होने लगी है, शायद इसलिये मेरा जब इस फिल्म की शूटिंग के दौरान दर्शकों से मिलना हुआ तो मुझे महसूस हुआ कि वह सब मुझे बहुत करीब से जानते हैं क्योंकि वह सब मुझसे वो सारी बातें कर रहे थे, जो मेरे यार दोस्त या परिवार वाले मुझसे करते हैं। हमने कुछ ऐसे एरिया में भी शूटिंग की जो काफी छोटे और भीड़ भाड़ वाले थे लेकिन वहां भी हमें लोगों का बहुत सपोर्ट मिला। मैं कह सकता हूं कि आगरा के लोग बहुत ज्यादा मददगार साबित हुये। जेल में और जेल से बाहर कौन सी चीजें आपकी मददगार रहीं? मेरा तो मानना है कि मेरी पूरी जिन्दगी मेरे लिये हर पल मददगार रही है । लेकिन यहां मैं अपनी बीवी मान्यता का नाम लेना चाहूंगा, क्योंकि जेल जाने और वहां से बीच बीच में बाहर आने पर उसने मेरे आत्मविश्वास को लगातार बढ़ावा दिया, इसके अलावा वह हर वक्त साये की तरह मेरे साथ रही। मैं तहेदिल से उसका शुक्रगुजार हूं कि उसने मेरे कठिन समय में मुझे कभी निराश नहीं होने दिया। इसके अलावा अमेरिका में रह रही मेरी बेटी त्रिशाला भी मुझे फोन कर दिलासा देती रहती थी। मैं कह सकता हूं कि मेरे तीनो बच्चों ने मेरे लिये संजीवनी बूटी का काम किया। जेल में रहते हुये फिल्मों के बारे में सोचते थे? मैं जेल और जेल जाने से पहले एक ही फिल्म के बारे में सोचा करता था कि काष ये फिल्म करने के लिये मुझे मिल पाती। वो हॉलीवुड फिल्म है जिसका नाम बैटमैन है। आपकी बायोपिक में रणबीर कपूर आपकी भूमिका निभा रहे हैं, उसके बारे में क्या राय है? ये तो सभी जानते हैं कि रणबीर कितना बेहतरीन अभिनेता है और वो मुझे बचपन से जानता है। ये उसकी मेहनत ही है कि उसने मेरी भूमिका को मुझसे भी कहीं ज्यादा बेहतरीन तरीके से निभाया है। यह उसके अभिनय का कमाल है कि वो फिल्म की शुरूआत में ही रणबीर को गायब कर अपने भीतर संजय दत्त को ले आता था। भमि में अदिति राव हैदरी आपकी बेटी बनी है उसे लेकर क्या कहना है? वैसे भी अदिति राव मेरी की उम्र की है इसलिये मेरी बेटी जैसी ही है। मैं जब जब उसके साथ सीन करता था, उसमें मुझे अपनी बेटी त्रिषाला दिखाई देती थी। शायद इसीलिये उसके साथ हर सीन वास्तविक होता था। बतौर एक्ट्रेस अदिति ने बहुत अच्छा काम किया। #Bhoomi #interview #sanjay dutt हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article