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फिल्म ‘बधाई हो’युवा पीढ़ी को नई सोच की राह बताएगी- सान्या मल्होत्रा

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By Shanti Swaroop Tripathi
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फिल्म ‘बधाई हो’युवा पीढ़ी को  नई सोच की राह बताएगी- सान्या मल्होत्रा

2016 में अमीर खान के साथ फिल्म ‘‘दंगल’’ से बॉलीवुड में कदम रखने वाली अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा की 2018 में तीन सप्ताह के अंतराल से दो फिल्में रिलीज हो रही हैं। फिल्म विशाल भारद्वाज निर्देशित फिल्म ‘‘पटाखा’’ रिलीज हो चुकी है, जबकि अमित रवींद्रनाथ शर्मा के निर्देशन में बनी ‘‘जंगली पिक्चर्स’’ की फिल्म ‘‘बधाई हो’’ 19 अक्टूबर को रिलीज होगी। फिल्म ‘‘बधाई हो’’ एक युवा व एक टीनएजर बेटे की मां के गर्भवती हो जाने पर बेटों के आक्वर्ड महसूस होने के साथ समाज के पाखंड पर प्रहार करने वाली ब्लैक कॉमेडी फिल्म है। इस फिल्म में सान्या मल्होत्रा स्वीटी शर्मा के किरदार में हैं,जो कि अपने प्रेमी को इस घटना को बड़ी सहजता व सकारात्मक सोच के साथ देखने की सलाह देती है।

अपने करियर को लेकर क्या कहना चाहेंगी?

-मैं धीरे धीरे बेहतरीन फिल्मों में गुणवत्ता वाला काम करना चाहती हूं, महज खुद को परदे पर दिखाने के लिए किसी भी फिल्म का हिस्सा नहीं बनना चाहती। फिलहाल मैं खुष हूं कि मैं धीमी गति से आगे बढ़ रही हूं, मगर मुझे बेहतरीन निर्देषकां के साथ काम करने का अवसर मिल रहा है।

‘‘दंगल’’ के प्रदर्शन के दो साल बाद आपकी  फिल्में प्रदर्शित हो रही हैं?

-हकीकत यह है कि ‘दंगल’ के बाद पिछले दो वर्षो के दौरान मैंने सबसे पहले रितेश बत्रा की फिल्म  ‘‘फोटोग्रॉफ’’ की शूटिंग की। उसके बाद ‘‘बधाई हो’’ की शूटिंग की.फिर ‘‘पटाखा’’ की। लेकिन ‘‘पटाखा’’ 28 सितंबर को प्रदर्शित हुई और अब 19 अक्टूबर को ‘‘बधाई हो ’’प्रदर्शित होगी।

‘‘दंगल’’के बाद ‘‘बधाई हो’’ करने की क्या वजह रही?

-मैंने अपने करियर में अब तक तमाम फिल्मों की कहानी व पटकथा सुनी है और तुरंत उन्हें करने के लिए मैंने कभी हामी नहीं भरी। लेकिन ‘बधाई हो’ पहली फिल्म है, जिसकी पटकथा सुनते ही मैंने तुरंत करने के लिए हामी भर दी थी। मैंने इसकी पटकथा सुनने के बाद सोचने के लिए वक्त ही नहीं मांगा। लेखकों ने बहुत बेहतरीन पटकथा लिखी है। मैं तो सुनते हुए हंस हंस कर लोटपोट हो रही थी।

 पर आपको किस बात ने सबसे ज्यादा इंस्पायर किया?

-फिल्म की पूरी कहानी ने मुझे इंस्पायर किया.इसमें बहुत बेहतरीन कॉमेडी है। मुझे अहसास हुआ कि यह फिल्म युवा पीढ़ी को नई सोच की राह बताएगी।

 फिल्म के अपने किरदार को लेकर क्या कहेंगी?

-मैने इस फिल्म में दिल्ली की लड़की स्वीटी शर्मा का किरदार निभाया है, जो कि एक कॉरपोरेट कंपनी में काम करती है। स्वीटी की मां आईएएस ऑफिसर है। उसी के आफिस में नकुल कौशिक काम करता है और वह उसकी गर्लफ्रेंड भी है। एक दिन पता चलता है कि नकुल की मां फिर से मां बनने वाली है। तो नकुल अपसेट हो जाता है। जबकि मेरा किरदार इसे बहुत सकारात्मक ढंग से लेता है। वह नकुल को भी समझाती है कि इसमें अपसेट होने वाली कोई बात नही है। इसे सकारात्मक रूप में लेना चाहिए। स्वीटी का मानना है कि यह स्वाभाविक बात है। प्यार किसी भी उम्र में किया जा सकता है। इसमें गलत कुछ भी नही लगता।sanya

 बड़ी उम्र के बच्चों के सामने किसी महिला का मां बनने को लेकर आपकी अपनी समझ क्या है?

-मेरी समझ पूर्ण रूपेण मेरे किरदार स्वीटी शर्मा से मेल खाती है। मैं इस बात से रिलेट करती हूं कि हर इंसान को अपने काम से मतलब रखना चाहिए। किसी की भी निजी जिंदगी में दखल नहीं देना चाहिए। फिर चाहे व मां बाप हों, रिष्तेदार हों या दोस्त ही क्यों न हों। हर इंसान को अपनी जिंदगी अपने ढंग से जीने का हक है। इसमें किसी को भी किसी को गलत ठहराने का हक नही है। मेरी राय में यह फिल्म विचारों की दुनिया के नए दरवाजे खोलेगी।

आप खुद दिल्ली से हैं। ‘‘बधाई हो’’ में आप दिल्ली की लड़की बनी हैं। तो आपके लिए अभिनय करना बड़ा सहज रहा होगा?

-देखिए,मैं भी दिल्ली की लड़की हूं स्वीटी शर्मा भी दिल्ली की है। इस बात के अलावा हममें कोई समानता नहीं है। निजी जिंदगी में मेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है। निजी जिंदगी में मैंने कभी कोई नौकरी नही की और ना ही किसी आफिस में बैठी हूं। लेकिन फिल्म के किरदार के साथ मैं बहुत रिलेट करती हूं। वह कोई कदम क्यों उठा रही है,यह मैं अच्छी तरह से समझ पा रही हूं। इस फिल्म की शूटिंग दिल्ली में करने में मुझे बड़ा मजा आया। क्योंकि हम हर दूसरे दिन अपने माता पिता से मिल पा रहे थे।

 फिल्म‘‘बधाई हो’’का आपका पसंदीदा गाना?

-फिल्म ‘‘बधाई हो’’ का गाना ‘मोरनी बन के...’’मेरा पंसदीदा गीत है। यह गाना बहुत लोकप्रिय हो चुका है। इसमें मैंने बहुत अच्छा नृत्य किया है। इसे गुरू रंधावा व नेहा कक्कर ने गाया है। यह गाना काफी ट्रेंड कर रहा है।

 फिल्म ‘‘बधाई हो’’ में आयुष्मान खुराना, नीना गुप्ता, गजराज राव जैसे कलाकारों के साथ काम करने का अनुभव क्या रहा?

-बहुत अच्छे अनुभव रहे। काफी कुछ सीखने को मिला। अभिनय में क्रिया व प्रतिक्रिया का  महत्व है। जब कैमरे के सामने आपके साथ मंजे हुआ कलाकार हो, तो आपके लिए अभिनय करना बहुत आसान हो जाता है।

 आपकी पहली फिल्म‘‘दंगल’’ आमिर खान जैसे दिग्गज के साथ थी। उसके बाद आपने जो भी फिल्में की, वह उनके मुकाबले नए कलाकारों के साथ की?

-देखिए, कैमरे के सामने अभिनय करते समय मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरा सह- कलाकार आमिर खान हैं या आयुष्मान खुराना या राधिका मदान। मेरे लिए फिल्म की पटकथा व किरदार मायने रखता है। हम सभी कलाकार सेट पर अपने किरदारों के साथ न्याय करने की कोषिष करते हैं। उस वक्त हमारे दिमाग में सहकलाकार के नए या पुराने होने की बात नहीं आती। अब तक हर सहकलाकार के साथ मेरा काम करने का अनुभव बहुत अच्छा रहा है।

 आपने नितीश तिवारी,रितेश बत्रा, विशाल भारद्वाज व अमित शर्मा इन चार निर्देशकों के साथ काम किया। इनकी तुलना कैसे करेंगी?

-मैंने 4 निर्देशकों के साथ काम किया और 4 निर्देशकों में कोई अंतर नही है, बल्कि समानताएं हैं। चारों बेहतरीन निर्देशक हैं। यह चारों निर्देशक पूरी टीम के साथ बेहतरीन रिश्ते बनाकर चलने में यकीन रखते हैं। यूं तो कैप्टन आफ द शिप सिर्फ निर्देशक होता है, पर मेरे यह चारों निर्देशक ऐसे रहे,जो हर किसी की बात व राय को न सिर्फ सुनते थे, बल्कि उसे महत्व देते थे। इन सभी के लिए फिल्म मेकिंग टीम वर्क है।

अब किस तरह के किरदार निभाना चाहेंगी?

-मुझे हर तरह के किरदार निभाने हैं। हर तरह की फिल्में करनी हैं। खुद को दोहराना नही है। उन किरदारों को महत्व दूंगी, जिन्हें करने से मेरी प्रतिभा में विकास हो सके। हर किरदार को निभाकर मैं बहुत कुछ सीखना चाहूंगी। फिलहाल मेरी तमन्ना है कि डांस फिल्म के अलावा किसी थ्रिलर फिल्म का हिस्सा बनने का अवसर मिले। मुझे थ्रिलर चीजें पढ़ने का भी शौक है।publive-image

 आपकी पसंदीदा थ्रिलर फिल्म कौन सी है?

- एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म है-‘‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’’।

 अब संघर्ष के दिन याद आते हैं या नही?

-देखिए, मैंने कभी भी संघर्ष करते हुए दर्द की बात नही सोची। मैं संघर्ष के दिनों में भी बहुत मजे करती थी। पर अब जो सफलता मिली है,उसको लेकर गर्व महसूस होता है। मुझे इस बात की खुशी है कि मैं जो काम बचपन से करना चाहती थी, उसे कर पा रही हॅूं। मेरे काम को लोग पसंद कर रहे हैं। मैं अतीत को याद नही करती और भविष्य के बारे में ज्यादा सोचती नहीं हूं। मेरे मम्मी पापा तो बहुत खुश हैं। मैं जो भी काम कर रही हूं, अपने परिवार के लिए कर रही हूं।

 सोशल मीडिया पर आप कितना सक्रिय हैं?

-बहुत ज्यादा..मैं दिन भर फोन पर लगी रहती हूं। लेकिन मैं सिर्फ इंस्टाग्राम पर फोटो डालती रहती हूं। ट्वीटर व फेसबुक पर नही हूं। मुझे फोटो खींचना व उन्हें पोस्ट करना पसंद है। मुझे लगता है कि मेरी पीढ़ी के हर लड़के व लड़की को फोटोग्राफी का शौक है। जब मैं स्कूल में पढ़ रही थी, तब मैंने अपने पापा से कहा था कि मुझे डीएसएलआर कैमरा लाकर दो। उस वक्त फोटोग्राफर बनने की धुन सवार थी। पर समय के साथ अभिनय की तरफ मुड़ गयी।

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