जब वी मेट’ से लेकर ’भाबीजी घर पर है’ तक का सफर कैसा रहा?
- मेरा अभी तक का टेलीविजन का सफर काफी मजेदार रहा है. मैंने शुरुआत ‘जब वी मेट’ में एक छोटे से रोल से की थी. मैंने फिर एक सीरियल भी किया जिसका नाम था ’ऐसा देश है मेरा’. मैंने बहुत से रियलिटी शोज़ में एंकरिंग भी की है जैसे डांस इंडिया डांस, शाहरुख खान के साथ जोर का झटका, बोर्नविटा क्विज कांटेस्ट. मैं पहली फीमेल क्विज मास्टर बनी. ये क्विज कांटेस्ट लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल है. मेरे पहले सीरियल के बाद मुझे ऐसा लगा था की सीरियल की दुनिया मेरे लिए नहीं है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं दोबारा कोई डेली सोप करूंगी. लेकिन ‘भाबीजी घर पर हैं’ एक अलग किस्म की डेली सोप है. मेरे लिए स्क्रीन पर ज्यादा दिखने की बजाए अच्छी चीजों में दिखना ज्यादा मायने रखता है. मीडियम कोई भी हो कंटेट अच्छा होना चाहिए।
इस इंडस्ट्री में आने का निर्णय कैसे लिया?
सौम्या टंडन- मैं बचपन से ही हमेशा माइक के सामने रही हूं .10-12 साल की उम्र से ही मैंने स्टेज़ पर एंकरिंग करना शुरू कर दिया था .26 जनवरी या 15 अगस्त की एंकरिंग हो या स्कूल में फेयरवेल और एनुअल फंक्शन इन सभी समारोह में मैं एंकरिंग करती थी. मैं उज्जैन से हूं . वहां कालिदास एकेडमी है तो मैंने वहां थिएटर किया जहाँ मैं अभिज्ञान शकुंतलम में शकुंतला बनी थी. हालांकि मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की है. मैं बहुत ही शैक्षणिक परिवार से आती हूं. मैंने एमबीए किया है फिर मैंने कैट की तैयारी भी की. पर कभी ये नहीं सोचा था कि एक्टिंग को प्रोफेशन के तौर पर लूंगी।
क्या आपको इस इंडस्ट्री में संघर्ष का सामना करना पड़ा?
सौम्या टंडन- मैं अपने आप को स्ट्रगलर ही मानती हूं. हर एक्टर स्ट्रगलर होता है क्योंकि हर एक्टर को हर लेवल पर स्ट्रगल करनी होती है. हालांकि मैं इस मामले में थोड़ी खुशकिस्मत हूं कि मुझे ज्यादा स्ट्रगल नहीं करना पड़ा. मैं जब दिल्ली में पढ़ रही थी तो मैं साथ-साथ मॉडलिंग भी करती थी. मैं फेमिना कवरगर्ल 2006 की फर्स्ट रनर भी थी. मैंने बहुत से ऐड कैंपेन्स किए थे तो मेरी प्रोफाइल मुंबई की बहुत सी एजेंसी में थी. एक दिन मुझे प्रोडक्शन हाउस से कॉल आया कि आप सीरियल के ऑडिशन के लिए मुंबई आ जाइए. पर मुझे सीरियल करना नहीं था, क्योंकि मैं सीरियल नहीं देखती थी, और अब भी नहीं देखती हूँ. तो मैंने उनको मना कर दिया कि सॉरी मैं यह सीरियल नहीं करना चाहती हूं. तो उन्होंने मुझसे कहा कि नहीं आप आ जाओ ऑडिशन के लिए मैं टिकट भेज रहा हूं और उन्होंने मुझे टिकट भेजा.मैंने ऑडिशन दिया और मैं सेलेक्ट हो गई फिर प्रोड्यूसर ने कहा कि शूटिंग लंदन में होगी. मैंने अपनी मम्मी को फ़ोन किया कि मुझे लंदन जाना होगा और मुझे मुंबई शिफ्ट होना पड़ेगा. मैंने मम्मी से कहा कि यह लोग डेली सोप में मेरे आंसू बहा बहा कर मुझे पागल कर देंगे. तो मां ने कहा कि तुम मुंबई में किसी को जानती नहीं हो, जब काम तुम्हारे सामने से आ रहा तो तुम कर लो। मैंने भी सोचा कि पहले काम कर लूँ,सेटल हो जाऊँ फिर अपनी मर्जी का काम करूंगी. तो मेरा स्ट्रगल यह है कि टीवी पर काम तो बहुत है पर अच्छा काम,अच्छे किरदार, और अच्छा स्क्रिप्ट कम है।
’भाबीजी घर पर है’ से कैसे जुड़ी आप?
सौम्या टंडन- दरअसल र्मम के साथ मेरा रिश्ता काफी पुराना है. मैंने उनके साथ 4 साल डीआईडी होस्ट किया था. तो जब र्मम का नया चैनल एंड टीवी आया तो उन्होंने मुझसे बात की और कहा कि उनका एक नया सीरियल स्टार्ट हो रहा है और मैं उसमें एक किरदार करूँ. मैंने बोला, नहीं प्लीज मुझे माफ कर दो मैं डेली सोप हीं कर सकती हूँ, आप मुझे कोई नॉन- फिक्शनल शो दे दो, मैं वह होस्ट कर लूंगी. और ऐसे ही हां-ना करते-करते जुलाई से दिसंबर हो गया. शो के मेकर्स मुझसे कहते रहे कि यह सास बहू वाली सीरियल नहीं है आप स्क्रिप्ट तो सुनिए, कुछ हटकर किरदार है आपका. मैंने कहा सीरियल में कुछ हटके नहीं होता और जिस दिन शो लांच होने वाला था उससे एक दिन पहले रात में मुझे फिर से कहा की कर लो. मैंने सोचा की ये शो इतनी बार लौट-लौट के मेरे पास आ रहा है तो शायद नियति यही चाहती हो कि मैं शो को कर लूं और मैंने हां बोल दिया. फिर दूसरे दिन प्रोमो शूट हुआ और मैंने आकर बोला कि मैं अब आगे नहीं करूंगी क्योंकि सेट बहुत दूर है मैं इतनी दूर रोज ट्रेवल नहीं कर सकती हूं तो उन्होंने कहा कि तुमने अब साइन कर दिया है अब तो तुम्हें करना ही होगा. तो ऐसे मेरा रिश्ता जुड़ा भाबीजी से. ना ना करते प्यार वाला रिश्ता रहा मेरा इस शो से. अब जब पीछे मुड़कर देखती हूँ तो मुझे अपने निर्णय पर खुशी होती है. क्योंकि मेरा जो किरदार है इसमें वो शायद अब तक इंडियन टेलीविजन के किसी भी शो में नहीं लिखा गया है।
भाबीजी के बाद आपके जीवन में क्या फर्क आये हैं?
सौम्या टंडन- बहुत सारे बदलाव आए हैं. सबसे पहले तो पर्सनल लेवल पर आए हैं क्योंकि घर से सेट बहुत दूर है. रोज 4 घंटे ट्रेवल करना पड़ता है 2 घंटा आना और 2 घंटा जाना. बहुत कुछ बदल जाता है क्योंकि जब आप एक डेली शो करते हैं तो आपका अधिकतर समय एक ही सेट पर बीतता है. शायद अगर ये शो इतना अच्छा नहीं होता तो मैं इतने साल करती भी नहीं. ये शो इतने अच्छे से लिखा गया है और हमारा टीम इतनी अच्छी है कि मैं इसे अभी तक कर रही हूं. प्रोफेशनली अगर कोई चेंज आया है तो वो ये है कि मैंने इससे पहले कभी कॉमेडी नहीं की थी तो एक एक्टर के रूप में मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है शो से।
अपने प्रोड्यूसर्स के बारे में क्या कहना चाहेंगी?
- मिस्टर और मिसेज कोहली इस इंडस्ट्री के बेहतर प्रोड्यूसर्स में से एक है और खासकर कॉमेडी जॉनर में ये सर्वश्रेष्ठ हैं. और इनकी पूरी टीम बहुत ज्यादा टैलेंटेड है. हमारे डायरेक्टर शशांक बाली, राइटर मनोज संतोषी ये लोग अपने काम को अच्छे से जानते है. हमारा शूट समय से शुरू होता है और समय पर खत्म होता है. मुझे शो के प्रोड्यूसर ने काफी आज़ादी दी है. इस शो में अपने कपड़े मैं खुद डिजा़इन करती हूँ. मेरी डिलीवरी के बाद मुझे नहीं लगा था कि मैं वापस आऊँगी, पर इतने अच्छे प्रोड्यूसर्स की वजह से मैं वापिस आ ही गई।
आपके असल जीवन और रील लाइफ में क्या अंतर है?
सौम्या टंडन- सभी कहते है कि मैं बहुत डॉमिनेटिंग पत्नी हूँ, पर असल जिंदगी में ऐसा नहीं है( हँसते हुए). बहुत सी औरतें मेरे पास आकर कहती हैं कि आप अपने पति को अच्छे से संभालती है,मैंने कहा कि असल जीवन में मैं ऐसा नहीं कर सकती हूँ. मेरे और अनीता में यह समानता है कि दोनों खुद पैसे कमाती है और दोनों को फैशन में बहुत रुचि है।
शो में आपका पसंदीदा किरदार कौन सा है?
- मुझे मेरा किरदार सबसे ज्यादा पसंद है क्योंकि इस किरदार के बहुत से रंग है .मुझे बहुत मजा आता है यह किरदार निभाकर और मैंने कोशिश की है कि मैं इसमें नेचुरल कॉमेडी करूं जैसा सीरियल्स में होता है मुंह बना बना कर लोग अभिनय करते हैं मैंने वह नहीं किया है. अनीता में कमियां भी हैं और जिस किरदार में कमियाँ होती है मुझे वो किरदार निभाने में बहुत मजा आता है।
दूसरा मुझे विभूति जी का किरदार बहुत पसंद है. वो बहुत अलग और मजेदार किरदार है. ऐसे किरदार बहुत कम होते हैं जो नल्ला हो कामकाज ना करता हो पर फिर भी लोग उसे प्यार करें. ऐसे तो मुझे शो के सभी किरदार बहुत पसंद है पर मेरा पसंदीदा ये दोनों किरदार है।
अपने फैंस को क्या कहना चाहेंगी?
सौम्या टंडन- मैं अपने फैन्स को बधाई देना चाहूंगी कि उन्होंने इतने अच्छे कंटेंट को सपोर्ट किया. हम अक्सर यह बोलते रहते कि टीवी पर कुछ अच्छा नहीं आता पर हम उसे देखते है तभी प्रोड्यूसर उसको दोबारा से बनाते हैं. तो भाबीजी को प्रोत्साहन देने के लिए, प्यार देने के लिए मैं दर्शकों का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी और मेरे किरदार को इतना पसंद करने के लिए भी मैं अपने दर्शकों की शुक्रगुजार हूं. बस हंसते रहिए और भाबीजी देखते रहिए।
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