शर्लिन चोपड़ा : अगर मैं लौ नेकलाइन चोली पहनती हूँ, इसका मतलब ये तो नहीं कि मैं आप सबसे ये कह रहीं हूँ कि आए और मेरा बलात्कार कीजिए तो ऐसा मतलब निकालने वाले लोग होते कौन है ? क्या वो समाज के ठेकेदार होते हैं? अगर हम अपने हुस्न को दिखा रहे हैं, अगर हम पर्दा नहीं कर रहे हैं तो क्या इसका ये मतलब निकाला जाए की ये लड़की तो आसानी से अवेलेबल है. ये लड़की बहुत चालू है, चलो ट्राई कर के देखते हैं आती है या नहीं, क्यों इस तरीके का मतलब निकालते हैं ? और रही बात उर्फी की तो उससे पता है वो क्या कर रही है और वो छोटे कपड़े पहनती है या ऐसे लिबास पहनती है जिससे लोगों का मैं उत्तेजित हो जाये तो क्या ये गलत है?
हम क्यों भूल जाते है कि हम भारत देश में रहते हैं, वो देश जिसका नाम है लैंड ऑफ़ कामासूत्रा भी कहा जाता है. हम लोग क्यों कहते हैं कि देखो वो अपना क्लीवेज दिख रही है, इसका मतलब इसका करेक्टर बिल्कुल ही ढीला होगा, इसका मतलब ये आसानी से अवेलेबल होगी. ऐसा कौन सी किताब में लिखा है कि महिला के लिबास की लम्बाई से उसके किरदार का अनुमान लगाया जा सकता है.मैं अपना घर चलती हूँ, अपने बिल सारे टाइम पर भरती हूँ. अगर मैं इस तरह की चोली पहना पसंद करती हूँ तो इसमें गलत क्या है? ऐसा कहीं लिखा है? कि मैं इस तरह की चोली पहनूंगी तो मुझ पर कोई धारा मुझ पर लगेगी.
हाँ तो संस्कृति दिमाग में होनी चाहिए ना, अगर मेरे इस अवतार को देख कर आप उत्तेजित हो कर, मेरे साथ गलत करने की इच्छा रखते हैं तो ये दर्शाता है कि आपकी क्या संस्कृति है. आपके अंदर का हैवान ना जागे इसलिए मैं अपने आपको ढक कर रखूं ? लोग कहते है कि लड़की भड़काऊ कपड़े पहनती है तो उसके साथ बलात्कार होता है, तो अगर ये सच है तो 3 महीने की बच्ची के साथ बलात्कार क्यों होता है या 3 हफ्ते की बच्ची के साथ बलात्कार क्यों होता है? इसका कोई जवाब है आपके पास ? कपड़ों को दोष देना गलत है, हमे दोष देना चाहिए उस मानसिकता को हैवानियत से भरी हो. जिससे इंसानियत और हैवानियत के बीच का अंतर ना मालूम हो.