सिद्धार्थ मल्होत्रा किसी तारीफ के मोहताज नहीं है। उन्होंने अपनी डेब्यू फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से ही बॉलीवुड के निर्देशक-निर्माता को यह जता दिया कि वह यहाँ काम करने आये हैं। फिल्मी पर्दे पर शूट करने से पहले सिनेमा की तकनीक को अच्छी तरह से जानने के लिए सबसे पहले वह बतौर निर्देशक काम करने पर आमादा हुए। असिस्टेंट डायरेक्टर बने और फिर धीरे से फिल्मी पर्दे पर छा गए। खैर यदि रोमांटिक किरदार से शुरुआत की तो उन्होंने एक भाई का किरदार भी निभाया अक्षय कुमार के साथ फिल्म ‘ब्रॉदर’ में। यही नहीं विलन भी बने वो। खैर अब बतौर आर्मी ऑफिसर अपनी अगली फिल्म ‘अय्यारी’ जिसका निर्देशन नीरज पांडेय ने किया है उसमें अपने करतब दिखलाने आ रहे हैं।
पेश है सिद्धार्थ मल्होत्रा से लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश
आपने एक इवेंट में श्री अमिताभ बच्चन के गोल्डन सांग्स पर नृत्य कर उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया था। कैसा फील कर रहे हैं ?
जी हाँ- मैंने अपनी डेट्स को भी इस इवेंट के लिए एडजस्ट किया था। मुझे जब उनके गानों पर थिरकने का मौका मिला तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। और वह ठीक मेरे सामने ही बैठे हुए थे। अपने ही गानों पर मुझे थिरकता देख वह न केवल इमोशनल हो गए थे किन्तु बहुत खुश भी नजर आ रहे थे। अन्दर की बात मैं आपको बता दूँ -मैंने इनके गानों को बहुत ही सलीके से तैयार किया था। इसके लिए मैंने घंटो -घंटो तक रिहर्सल भी की थी। और उनके मुँह से अपनी प्रशंसा सुन जैसे मानो मैं बोरा सा गया। मेरे लिए तो यह एक सपने जैसा था। बचपन से ही हम अपने परिवार के साथ बैठ कर वीसीआर पर इनकी फिल्में देखते और शादी ब्याह के मौके में ऐसा कही नहीं हुआ कि अमितजी के गाने न बजे हो। खैर मैं उस समय अपने आप को बहुत खुश किस्मत समझ रहा था जब मेरी तारीफ में जो कुछ भी बिग बी ने कहा मुझे ड्रेसिंग रूम में लोगों ने आकर यह बताया अमितजी का यह कहना -अच्छा हुआ यह लड़का मेरे समय से कुछ देर बाद फिल्मों में आया है। वरना यह तो मेरे सारे किरदार हड़प लेता। इतनी बेहतरीन परफॉर्मेंस गजब की लगी मुझे। सिद्धार्थ ने तो जैसे मुझे वो दिन याद दिला दिए, जब कि हमने कुछ गाने डबल शिफ्टों में पूर्ण किये थे। और इन महाशय ने तो हमारे सारे गाने बहुत ही बेहतरीन पेशकश में केवल एक ही समय पर निपटा दिए। ‘‘बस यह सुनकर मेरा दिल गदगद हो गया। और मैंने यह बात अपने पिताजी और परिवार से भी शेयर की। सच मायने में तो मुझे कई दिनों तक खुशी के कारण नींद ही नहीं आई। ’’
अपनी फिल्म ‘अय्यारी’ के बारे में क्या कहना चाहेंगे आप ?
बस कुछ समय पहले मैं निर्देशक नीरज पांडे के पास मिलने भी गया था। और उनसे मैंने आग्रह भी किया था -मेरे लिए रोल हो तो याद करना। और अब मैं उनके साथ काम कर रहा हूँ। एक आर्मी ऑफिसर का किरदार कर रहा हूँ बहुत खुश हूँ.मेरे दादाजी भी आर्मी में कार्यरत थे सो मुझे यूनिफार्म पहने देखा, मेरे पिताजी को सबसे ज्यादा खुशी मिली।
सीवलियन्स (असैनिक) को आर्मी सोल्जर्स के बारे में क्या कहना है आपको ?
देखिये, जब कि हमारे साथ आर्मी के कुछ नौजवान काम कर रहे थे। फिर चाहे वह 12 डिग्री तापमान में काम करना हो या नार्मल वातावरण में। मैंने यह महसूस किया-वह लोग अपनी पीठ के पीछे इतना वजनी थैला लटका कर भी बेइंतहा , मेहनत कर पा रहे थे। और वो लोग इतनी मेहनत करते हैं कि जितना मर्जी खाना खा ले सबका सब उन्हें पच जाता है। मैंने भी उनके जैसा जीवन व्यतीत किया कुछ दिनों के लिए बड़ा आनंद मिला। बस यही कहना चाहूँगा -हमें उनके त्याग को नहीं भूलना है। उनका आदर करना है। उनका परिवार भी उन्हें मिस करता है , उनकी चिंता करता है। किन्तु वह देश की रक्षा में तत्परता और लगन से जुटे रहते हैं। बस उन्हें कुछ खुशी दे सके यही सबसे निवेदन करता हूँ।
बाहर से आये सिद्धार्थ को फिल्मी दुनिया ने हाथो हाथ लिया, नए लड़के लड़को को क्या सलाह देना चाहेंगे आप ?
बस यही कहना चाहूंगा, आज कल तो यू ट्यूब भी है और सोशल मीडिया इतना एडवांस हो गया है, आप को केवल अपना वीडियो लांच करना है। और यदि आप में टेलेंट है तो आप को भी यहाँ काम मिल सकता है। लगन और मेहनत जरुरी है। अब देखिये न गायिकों के लिए, डांसर्स के लिए और कॉमेडी करने वालों के लिए ही रियलिटी शो जैसे प्लेटफॉर्म है। आप आगे बढ़िये मेहनत कीजिए और जो कुछ आप करना चाहेंगे वह आप खुशी खुशी कर पाएँगे।
मुंबई भी आपके लिए घर जैसा हो गया है अब ?
जी बिल्कुल. अब मुझे मुम्बई भी घर जैसा ही लगता है दिल्ली में मुझे सिर्फ यही पसंद है कि मुझे घर का खाना मिल जाता है। .....जी हां मैं अपनी, ‘‘माँ दा लाडला हूँ। हालांकि मैंने भी अपना एक घर खरीद लिया है किन्तु अभी शिफ्ट नहीं कर पाया हूँ। कुछ समय बाद शिफ्ट कर लूंगा। और मेरी माँ यही आ कर रहने लगेगी। फिर चाहे कुछ समय के लिए ही सही।
अपनी अगली फिल्म के बारे में कुछ बतायें ?
मैं अगली फिल्म एक बायोपिक कर रहा हूँ। वह भी आर्मी के कप्तान विक्रम बत्रा पर है। कारगिल वॉर के दौरान उनकी मौत हो गयी थी। अभी काम शुरू करना है। यह फिल्म भी आर्मी की ही है। किन्तु मेरा ऐसा मानना है कि मुझे मेरे फैंस अलग किरदार में देख पाएं। अभी तक यह कोशिश रही है कि मैं अपने फैंस को कुछ अलग किरदार में दिखूं। और भी कुछ फिल्में आयी है किन्तु आर्मी पर ही उसका किरदार है। मुझे अब और अलग अलग रोल्स करने हैं सो देखते हैं। अभी तो नववर्ष शुरु ही हुआ है।