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ऐसे टैलेंट जिन्हे फिल्मी पर्दे पर एहमियत नहीं मिली, आज वो सभी ओ.टी.टी प्लेटफार्म से दुनिया भर में छाये हुए है: मनोज बाजपाई

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By Mayapuri Desk
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ऐसे टैलेंट जिन्हे फिल्मी पर्दे पर एहमियत नहीं मिली, आज वो सभी ओ.टी.टी प्लेटफार्म से दुनिया भर में छाये हुए है: मनोज बाजपाई

आज कल मनोज बाजपाई ओ टी टी प्लेटफार्म पर बहुत छाए हुए है। मानो मनोज के बिना कोई भी शो सक्सेसफुल ही नहीं हो सकता। यह कहना ज्यादा नहीं होगा कि मनोज आज ओ टी टी के नंबर 1 हीरो बन गए है। हाल ही में जी 5 पर रिलीज हुई फिल्म, डायल 100 जो की एक थ्रिलर ड्रामा फिल्म है, इसके निर्देशक रेंसिल डी श्सिलवा है। सोनी पिक्चर्स द्वारा निर्मित यह फिल्म दर्शको को बेहद पसंद आ रही है। इस में मनोज ने बतौर पुलिस अफसर-निखिल सूद का किरदार बहुत ही बेहतरीन ढंग से निभाया है। नीना गुप्ता और साक्षी तंवर ने भी अपना अपना किरदार बहुत बेहतरीन ढंग से निभाया है।

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ऐसे टैलेंट जिन्हे फिल्मी पर्दे पर एहमियत नहीं मिली, आज वो सभी ओ.टी.टी प्लेटफार्म से दुनिया भर में छाये हुए है: मनोज बाजपाई

एक रात ,एक काल आपके जीवन को बदल सकता है, इस पर आप कितना विश्वास करते है?

हाँ, एक काल आपके जीवन को बदल  सकता है ,पर मेरा यह मानना है कि एक रात  ही क्यों? यह तो कभी भी हो सकता है।  एक काल किसी भी समय, कभी भी आपके जीवन में बदलाव ला सकता है। इस  कांसेप्ट पर मुझे पूर्णतः विश्वास है की एक काल से हम सभी का जीवन बदल सकता है।

 आपने ने रियल लाइफ में ऐसा कुछ अनुभव किया हो तो हमारे  साथ शेयर करें?

जिस तरह मेरे किरदार-निखिल सूद ने इसे अनुभव किया है, उस तरह से मैंने रियल लाइफ में ऐसा कुछ अनुभव कभी नहीं किया है। पर बतौर एक जानी- मानी हस्ती होने के नाते, मुझे कई ढेरों बेफालतू एवं अजीब कॉल्स जरूर आये है। ऐसे कॉल्स जो बेहूदा किस्म के रहे और इर्रिटेटिंग एवं परेशान  जरूर कर गए मुझे।

कोई एक ऐसा वाक्या डायल 100 में जो बहुत  भयावना  सा लगा हो आपको?

डायल 100 में ऐसी ढेरो भयावने वाक्यात है।  किन्तु मेरी साड़ी गतिविधियां कॉल सेंटर से जुडी है। यह एक महिला है जो कार में सफर कर रही है और मुझे कॉल करती है। बस उसकी कहानी सुनना  और उससे  वह कहानी निकालना  वह भी फोन पर  थोड़ा कठिन  था। हमे फोन पर भी इमोशनल ग्राफ बनाये रखना था। दर्शको को देख कर बहुत सरल लगेगा पर इसमें भी बहुत कठिनाईयों का सामना करते हुए, सब कुछ सही रखना था। यदि भावनात्मक प्रवाह  ग्राफ सही न रखे तो वो मजा नहीं आता।

 क्या आप मानते है कि बिना मनोज बाजपेई के ओट टी शो अधूरा है?

मैं इस बात से पूर्णतः अहसहमत हूँ। ढेरो बेहतरीन टैलेंट उभर के  सामने आ रहे है और सभी बहुत अच्छा काम प्रदर्शित भी कर रहे है। चाहे वह एक्टर्स हो या फिल्म से  जुड़े किसी भी विभाग के हो। ऐसे टैलेंट जिन्हे फिल्मी पर्दे पर एहमियत नहीं मिली और आज वो सभी ओ टी टी  प्लेटफार्म पर दुनिया भर में छाये हुुए है। जाहिर सी बात है सभी के लिए यह एक बहुत अच्छा समय है। सब अपने टैलेंट में कुछ न कुछ  एक्स्प्लोर एवं अनुभव कर सकते है। सभी अपनी सीमा को आगे बढ़ा सकते है। मुझे ईश्वर का आशीर्वाद है कि मैं काम किये जा रहा हूँ।

मनोज के लिए यह सबसे बेहतरीन समय है ,वह भी पैन्डेमिक के दौरान। आज वह नंबर 1 कहलाये जा रहे है,क्या कहना चाहेंगे?

कई लोगों ने यहि कहा होगा कि वो नंबर 1 में विश्वास नहीं करते। ऐसा आप कैसे कह सकते है जबकि 26-27 वर्षों से आप काम किये जा रहे है कभी सफलता मिलतो कभी असफलता से सामना हुआ ,कभी तारीफ बटोरी तो कभी आलोचना। मै हमेशा अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता चला गया।यदि लोग मेरा पूर्व काम देख रहे है और तारीफ कर  सी बात है मेरा फैन बेस भी बढ़ रहा है। यह ओट टी टी की वजह से ही हो रहा है। क्या कहूं?  मै शुक्रगुजार हूँ।

कुछ सोच कर मनोज बोले-ओ टी टी पर आप कभी नंबर वन  नहीं कहलाए जा सकते हो। क्योंकि यहाँ ढेरो प्लेटफॉर्म है और ढेरो बेहतरीन अभिनेता भी काम कर रहे  है।वो सभी मेरे लिए नंबर वन है। पंकज त्रिपाठी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, विजय वर्मा गिलशन दैवया इत्यादि यह सभी शानदार कलाकार है। इनके अलावा भी ढेरो नये कलाकर भी अच्छे है। जो उनकी परफॉरमेंस के द्वारा मुझे अपनी परफॉरमेंस बेहतरीन करना सीखा रहे है वो नंबर वन है। में इस समय  अलग जॉनर और अलग कहानियां निर्देशकों से मुझे मिल रहे है उस पर  ध्यान केंद्रित किये हुए हूँ।

आपकी आगामी फिल्मों के बारे में कुछ जानकारी हमारे साथ साझा करे?

मैंने निर्देशक राम रेड्डी जिन्होंने तिथि फिल्म बनायीं थी उनके साथ एक फिल्म लगभग 80 प्रतिशत पूरी की है। और कनु बहल जिन्होंने तितली बनाई थी उन के साथ उनकी एक फिल्म में  काम किया है।यह दोनों इनकी फिल्में वर्ल्ड  क्लास फिल्में रही और फिल्म फेस्टिवल में बेहद पसंद की गयी। जिस तरह उन्होंने मुझ से काम लिया मैं बतौर अभिनेता और भी विकसित हुआ। निर्देशक अभिषेक चैबे के साथ अगले प्रोजेक्ट की तैयारी  में लग रहा हूँ। थोड़ा नर्वस जरूर हूँ क्योंकि चरित्र चित्रण को बनाने में लगना होता है। किन्तु यह एक बेहद ही संतोषजनक प्रक्रिया होती है।

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