‘‘फिल्म ‘पहलवान’ हमारी कठिन मेहनत व प्रयासों का परिणाम है’’- सुदीप

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By Shanti Swaroop Tripathi
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‘‘फिल्म ‘पहलवान’ हमारी कठिन मेहनत व प्रयासों का परिणाम है’’- सुदीप

बहुमुखी प्रतिभा के धनी व सुदीप के नाम से मशहूर कन्नड़ फिल्मों के सुपरस्टार किच्चा सुदीप इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन इंजीनियर, अभिनेता,निर्माता, निर्देशक, लेखक, गायक, समाजसेवी, बिजनेसमैन, क्रिकेटर सहित काफी काम कर रहे हैं। 1997 से अब तक वह बतौर हीरो 54 कन्नड़, तमिल, हिंदी व तेलुगू फिल्में, 16 फिल्मों में कैमियो, टीवी शो, ‘फूंक’, ‘रक्तचरित्र 2’, ‘रन’ व ‘बाहुबली प्रथम’ जैसी हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। 6 फिल्मों का लेखन व निर्देशन किया है। इन दिनों वह फिल्म ‘पहलवान’ को लेकर चर्चा में हैं, जिसमें उनके साथ आकांक्षा सिंह और सुनील शेट्टी भी हैं। 12 सितंबर को रिलीज हो रही स्वप्ना कृष्णा निर्देशित फिल्म ‘पहलवान’ मूलतः कन्नड़ फिल्म है, जिसे हिंदी, तमिल, तेलुगू व मलयालम में डब करके रिलीज किया जा रहा है. तो वहीं वह बहुत जल्द सलमान खान के साथ फिल्म ‘दबंग 3’ में भी नजर आएंगे. इतना ही नहीं अमिताभ बच्चन के साथ एक तेलुगू फिल्म भी कर रहे हैं।

22 साल के अपने करियर को किस तरह से देखते हैं?

- अब तक मैंने कभी भी कोई योजना बनाकर काम नहीं किया. सच कहता हूं मैं योजना बनाने के मामले में बहुत बेकार इंसान हूं. मैं सुबह उठता हूं और जो अच्छा लगता है, वह कर लेता हूं। यदि मैं शुरुआत की बात करुं, तो मैंने यह सब नहीं सोचा था. पर काम करता चला गया. आप यकीन नहीं करेंगे, मैं तो उन दिनों एक हाउसफुल फिल्म का इंतजार करता था. इससे ज्यादा ढूंढ़ना मेरा जीवन नहीं हो सकता. जो दिल में आता है, करता हूं. अच्छा लगता है, और करता हूं. दर्शकों को अच्छा नहीं लगा, तो वैसा काम नहीं करता. कई बार मुझे एहसास होता कि जैसा मैं सोच रहा था, वही दर्शकों की पसंद रही.फिलहाल मेरा सारा ध्यान फिल्म ‘पहलवान’ पर है।

फिल्म ‘पहलवान’ क्या है?

- स्वप्ना कृष्णा निर्देशित ‘पहलवान’ एक स्पोर्ट्स ड्रामा प्रधान एक्शन फिल्म है. जिसे हमने ‘कन्नड़’ में बनाया और फिर इसे हिंदी, तमिल, तेलुगू व मलयालम में डब किया है. फिल्म ‘पहलवान’ कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की अति महत्वाकांक्षी फिल्म है।

‘‘फिल्म ‘पहलवान’ हमारी कठिन मेहनत व प्रयासों का परिणाम है’’- सुदीप

फिल्म के अपने किरदार को लेकर क्या कहेंगे?

- मैंने इसमें कृष्णा और कबीर की यानी कि कुश्तीबाजी /रेसलर और बॉक्सर की दोहरी भूमिका निभायी है. इससे अधिक बताना ठीक नहीं रहेगा।

फिल्म ‘पहलवान’ के लिए आपने खुद को कितना बदला?

- यह फिल्म सिर्फ मेरे ही नहीं बल्कि कई लोगों के कठिन प्रयास व मेहनत का परिणाम है. इसकी शुरूआत के साथ ही मेरी जिंदगी में कई बदलाव आ गए. मुझे कठिन डाइट प्लान का पालन करना पड़ा. मैं ‘पहलवान’ को लेकर काफी उत्साहित हूं. इस फिल्म में मैंने वह काम किया है, जो कि मैंने अब तक नहीं किया था. मैं जिम जाने का हिमायती कभी नहीं रहा. मगर इस फिल्म के लिए मुझे जिम की भी शरण लेनी पड़ी. कुश्ती लड़ने का सही तरीका होता है, जिसे बिना गुरू के नहीं सीखा जा सकता. इसलिए जब मैंने फिल्म ‘पहलवान’ करने का निर्णय लिया, तो मैंने कुश्ती लड़नी सीखी. बहुत मेहनत की है.मेहनत के बिना तो ऐसी फिल्म नहीं कर सकते।

किन लोगों से ट्रेनिंग ली है. कुछ उनके बारे में बता सकते हैं?

- नाम पता नहीं. सर, हम सभी को गुरुजी ही बोलते थे.नाम तो कभी पूछा ही नहीं।

फिल्म को पांच भाषाओं में डब करने की बात आपने कही या निर्माता के दिमाग की पैदाइश है?

- ऐसे ही हो गया सर..ऐसे ही एक दिन बैठे-बैठे दिमाग आया कि इसको कई भाषाओं में डब करते हैं. क्योंकि फिल्म का बजट भी बढ़ रहा था.सोचा ज्यादा जगह रिलीज होगी तो फायदा भी हो जाएगा. हकीकत में धीरे धीरे यह फिल्म बड़ी होती गयी. जब फिल्म शुरू की थी, तो कुछ और थी, धीरे धीरे बड़ी होती गयी. हमें यह करना पड़ा, क्योंकि सबका उसमें विश्वास भी ज्यादा था।

‘‘फिल्म ‘पहलवान’ हमारी कठिन मेहनत व प्रयासों का परिणाम है’’- सुदीप

आपने स्वयं कितनी भाषाओं में डब किया है?

- हमने इसे कन्नड़ भाषा में फिल्माया है. फिर इसे तमिल, तेलगू, मलयालम व हिंदी में डब किया है.मैंने मलयालम के अलावा हर भाषा में स्वयं डब किया है।

बॉलीवुड में कुश्ती पर ‘दंगल’ और ‘सुल्तान’ आ चुकी हैं. उनसे ‘पहलवान’ अलग कैसे हैं?

- कुश्ती के खेल पर फिल्म होने की वजह से एक जैसी फिल्म नहीं है. कहानी का ढांचा बहुत अलग है. फिर भी फिल्म के रिलीज के बाद लोग तुलना तो करेंगे ही. वैसे भी हम इस तरह की फिल्में देखकर ही इंस्पायर हुए हैं. पर इसकी कहानी बहुत अलग है. इसमें हीरो के कुश्ती बनने की भी वजह ही अलग है, जिसे बताकर मैं दर्शकों की उत्सुकता पर विराम नही लगाना चाहता. हमारी फिल्म के इमोशंस अलग है।

एस. राजामौली के साथ काफी फिल्में की है?

- नहीं. सिर्फ दो फिल्में की हैं.एक ‘मक्खी’ और दूसरी ‘बाहुबली पार्ट वन’. वह ब्रिलिएंट निर्देशक हैं।

‘‘फिल्म ‘पहलवान’ हमारी कठिन मेहनत व प्रयासों का परिणाम है’’- सुदीप

राम गोपाल वर्मा के साथ आपने बॉलीवुड फिल्में की हैं. फिर आपने बॉलीवुड में आने के बारे में क्यों नहीं सोचा?

- सर...बॉलीवुड में लोग बुलाते तो आता जरुर.किसी ने बुलाया ही नहीं. उधर फिल्म्स की और फिर वापस चला गया. पर दर्शक का माइंड सेट बदला है. दर्शकों का माइंड सेट/ दिमाग बहुत ओपन हो गया है. अभी भाषा समस्या नहीं है. एक्शन प्रॉब्लम नहीं है. पहले जो दरवाजे छोटे-छोटे खुलते थे, अब पूरी तरह से खुल गए हैं. अब मैदान पूरा खुला हुआ है.हर कोई इधर उधर आ जा रहा है. कोई बॉलीवुड से दक्षिण की तरफ जा रहा है, तो दक्षिण के फिल्मकार बॉलीवुड आ रहे हैं. हिंदी फिल्म्स कर रहे हैं. अब हिंदी फिल्में कन्नड़, तमिल, तेलगू व मलयालम में डब हो रही हैं. दक्षिण की फिल्में हिंदी में डब होकर रिलीज हो रही है. अब दर्शक  हर तरह की फिल्म देखना चाहता है।

 तो बॉलीवुड से जुड़ने के मकसद से ही आपने ‘दबंग 3’ में नेगेटिव किरदार निभाने के लिए हामी भर दी?

- जी हां! मुझे पता है कि जब सोहेल खान ने सलमान खान, निर्देशक प्रभु देवा व फिल्म की पूरी टीम के सामने इस किरदार के लिए मेरे नाम का प्रस्ताव रखा था, तो सलमान खान ने कह दिया था कि सुदीप मना कर देंगे. पर बाद में इस फिल्म के लिए प्रभु देवा व सलमान खान सर ने मुझसे बात की. फिर यह लोग मैसूर आकर मुझसे मिले और फिल्म की पटकथा सुनायी. मैंने पाया कि किरदार बेहतरीन तरीके से लिखा गया है, तो मैंने हामी भर दी.क्योंकि मुझे सलमान खान जैसे बड़े कलाकार के साथ अभिनय करने का मौका मिल रहा था. मैं कोई भी फिल्म किसी खास दर्शक वर्ग को खुश करने के लिए नहीं करता. मैं वही फिल्म करता हूं, जिसकी पटकथा व किरदार मुझे पसंद आए और उसके साथ मैं जुड़ सकूं।

‘‘फिल्म ‘पहलवान’ हमारी कठिन मेहनत व प्रयासों का परिणाम है’’- सुदीप

 लोग कह रहे हैं कि सलमान खान के साथ ‘दबंग 3’ कर बॉलीवुड में आपकी एंट्री हो गई है?

- जी नहीं सर...सलमान खान के साथ फिल्म कर रहा हूं, तो बॉलीवुड में तो उनकी ही एंट्री है. हम तो उनके सिर्फ बगल में चल रहे हैं. वह तो बहुत बड़ी हस्ती हैं. बहुत बड़े इंसान हैं. अच्छा लग रहा है. मुझे उनके साथ काम करना अच्छा लग रहा है।

अमिताभ बच्चन के साथ भी आपने फिल्म की है?

- सर...हम बहुत बच्चे थे, जब उनकी फिल्म्स देखकर खुश होते थे. उनकी फिल्में देखते हुए हम बड़े हुए. हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि बंगलौर के शिवामोगा में पैदा हुआ मैं एक दिन मुंबई आउंगा. मुझे अमिताभ बच्चन जी के साथ काम करने का अवसर मिलेगा. मुझे यह मौका पहली बार राम गोपाल वर्मा जी ने दिया. मैं उनका बहुत बहुत शुक्रगुजार हूं. दूसरी बार अब सुरेंद्र रेड्डी ने फिल्म ‘सै रा नरसिम्हा रेड्डी’ में अमिताभ बच्चन जी के साथ काम करने का मौका दिया. मैं बहुत खुश हूं. समय ने मुझे काफी कुछ दिया है।

दूसरी फिल्में?

- सलमान खान के साथ ‘दबंग 3’ के अलावा मलयालम फिल्म ‘मरक्कर अरबीकडलिंटे सिम्हम’ की शूटिंग पूरी की है. अभी एक बॉलीवुड फिल्म की चर्चा चल रही है।

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