सनी से सवाल - जब अनिल शर्मा आपके घर आए पहली बार गदर 2 कि बात करने तो आपका पहला रिएक्शन क्या था?
जवाब - देखिये गदर 2 के लिए मैं बहुत घबरा रहा था क्योंकि मैं नहीं चाह रहा था कि गदर का स्वाद ख़राब हो जाए। उसके बाद अनिल जी ने मुझे 2 लाइन सुनाई तो मुझे अच्छा लगा फिर मैंने कहा हम कर सकते हैं.
शारिक से सवाल - पैसे आप दे रहे थे, आपका ध्यान पहले गदर 2 पर गया होगा, आपको उसके बाद ऐसा लगा कि उसका दूसरा पार्ट अच्छा बन सकता है?
जवाब - जब शर्मा जी ने अपॉइंटमेंट ली मेरे से मिलने के लिए, उससे दो दिन पहले मैंने पुरानी वाली पूरी पिक्चर देखी, फिर जब मैं अनिल जी से मिला उन्होंने कहानी बताई पर जो उसका इमोशन था उसका तो मैंने सोचा कि या तो ये फिल्म मेरी आखिरी फिल्म होगी या फिर इस फिल्म से कामयाबी मिल जाएगी। हमे 3 साल लग गए यहाँ तक पहुँचने में.
अनिल से सवाल - आपको सच में ऐसा लगा कि या तो सब ख़त्म हो जाएगा या तो सब बहुत अच्छा हो जाएगा?
जवाब - पिछले बहुत बरसों से ये चल रहा था कि गदर 2 बनानी है, पर मुझे कहानी समझ नहीं आ रही थी और शक्ति जी को हमेशा बोलता था कोई आईडिया दे दो, पर कोई आईडिया आ नहीं रहा था. एक दिन शक्ति जी आए मेरे पास, नवरात्री का दिन था और मुझे कहानी सुनाई और मुझे कहानी सुनके एक इमोशन आया वहीँ इमोशन काम कर गया.
सनी से सवाल - आपके लिए सबसे मुश्किल क्या था, उस किरदार में जाना, शूटिंग करना या फिर प्रमोशन?
जवाब - देखिए इस बार मैं सब में डर गया था, क्योंकि क्या है ना मैंने बहुत लम्बी जर्नी देखी है अपनी ज़िन्दगी में, क्योंकि हमारे परिवार को पूरा देश जानता है, पापा ने जैसा सिनेमा किया वैसा सिनेमा किसी ने नहीं किया, पापा एक वो एक्टर है जिन्होंने हर टाइप की फिल्म बनाई और हमेशा उनकी फिल्म हिट रही. आज भी जो हो रहा है मेरी जनता को तारा सिंह को दुबारा देखना था.मैं वादा करता हूँ कि ऐसी ही अच्छी अच्छी फिल्में मैं बनाऊंगा। हमारे पास इतनी कला थी कि पूरी दुनिया हमारी कला चोरी कर के ले गई है और कहा से कहा पहुंच गई है. कोई मुझे बोलता है ना कि उस फिल्म में ऐसा सीन है ऐसे ही करते है, तो मैं कहता हूँ "क्यों हम खुद नहीं सोच सकते कोई नया सीन ?" अब मैं देख रहा हूँ जो नई जनरेशन आ रही है, मैं देख रहा हूँ कि वो अपना देश ढूंढ़ना चाह रहे हैं क्योंकि स्कूल में भी हमारे देश के बारे में कुछ नहीं पढ़ाया जाता, वो हमारा कल्चर ढूंढ़ना चाह रहें हैं , हमारी हिस्ट्री ढूंढ़ना चाह रहे हैं.मुझे अब भरोसा है कि जो हमारा टैलेंट है वो वापिस आ रहा है.मुझे लग रहा है मैं बहुत ज़्यादा बोल गया.
शक्तिमान से सवाल - टैलेंट की बात हो रही है तो शक्तिमान जी आपने कैसे फैसला लिया कि यही स्टोरी है गदर कि जो मुझे दिखानी है?
जवाब - मैंने ऐसा कोई प्रेशर नहीं रखा कि मुझे सीक्वल चाहिए ही, शर्मा जी हमेशा बोलते रहते थे और इंस्पायर करते थे, कि भाई क्यों नहीं बनाते ? तो मैं थोड़ा सोचता था और फिर लगता था की वो कहानी गदर एक प्रेम कथा अपने आप में एक पूरी कहानी थी अगर मैं इसको छेड़ूँगा तो इसकी लाज नहीं रहेगी। सोचता था कि लोगो के दिलो में तारा सिंह और सकीना के लिए जुड़ा हुआ है , क्या हम अगले पार्ट में वही प्यार रख पाएंगे , ऐसे कहीं सवाल मेरे मन में चल रहे थे क्योंकि एक फिल्म करने के लिए एक फिल्म कि जाये तो फिल्म ना करी जाए तो बहुत बढिया है. जब भी मैं बैठकर लिखने लगता था तो मैं सोचता था कि तारा सिंह इतनी मुसीबतों से लड़ कर अपनी प्रेमिका यानि सकीना को यहां वापिस लाया है, वो वापिस पाकिस्तान क्यों जाएगा, पाकिस्तान कोई टूरिस्ट प्लेस नहीं है, वो जाना ऐसा होना चाहिए कि एक आदमी ना बोले कि इनको तो जाना ही पड़ेगा फिर मुझे ये कथा आ गई, 2-3 दिन में मैंने अनिल जी को फ़ोन किया, अनिल जी ने कहाँ कि घर आजाओ नवरात्रे का दिन है, मैं गया कहानी सुनाई उनको अच्छी लगी फिर सबको सुनाई सबको ही अच्छी लगी फिर काम शुरू हो गया.
शारिक - फिल्म तो बन गई और फिल्म के प्रोमोशन भी निराले थे, लेकिन प्रमोशन कि शुरुआत आपने गदर: एक प्रेम कथा से किया जहाँ एक तरह से गदर 2 का ट्रेलर ही गदर 2001 वाली थी, ये आपने कैसे सोचा और मार्केटिंग स्ट्रेटेजी अगर आप देख सके की क्या क्या आप लोगो ने किया
जवाब - जब हम लोग स्ट्रैटर्जी बना रहे थे तब हमने सोचा की वही फेमिली जो 2001 में आई थी वही 22 बाद दुबारा आ रही है, हमने ये सब अभी 1 या 2 महीने पहले से नहीं किया ये सब बहुत पहले से चल रहा था और हमने जो अनाउंसमेंट की है वो हमने पिछले दिवाली या दशहरा पर किया था, हम जून में क्लियर थे कि गदर 2001 वाली हमने री-रिलीज़ करनी है और इसके पीछे मेरी और शर्मा जी की बहुत बहस हुई. मैंने उनको समझाया कि री-रिलीज़ तो करना ही है. जब री-रिलीज़ हुई तब जाकर हमारी टीम को पता चला की भाई सनी सर के लिए बहुत प्यार है, गदर के लिए भी बहुत प्यार है क्योंकि इतनी ज़्यादा भीड़ हो गई थी. हमारा था की हर महीने कोई न कोई प्रमोशन एक्टिविटी करनी है.
उत्कर्ष से सवाल - सनी सर के साथ कन्धा से कन्धा मिला कर काम करने में कैसा लगा?
जवाब - सनी सर के साथ क्या होता है, आपका सीना भी चौड़ा हो जाता है, उनके साथ काम करना एक एक्टर का सपना होता है क्योंकि वो एक बहुत बड़े एक्शन स्टार है, मैं तो बचपन से देखता आ रहा हूँ पर उनके जो इमोशनल सीन हैं, उनका एक्ट करने का तरीका उसके बाद जब उनके पास स्क्रिप्ट आती है उसके बाद जब वो चीज़े प्लान करते हैं. मैं एक किस्सा शेयर करूँगा, एक सीन है जहां ये मुझे थप्पड़ मारते हैं, उस सीन की प्लानिंग हो रही थी की कहाँ पर शूट करेंगे घर के बाहर या घर के अंदर, मैं देख रहा था दूर से सनी सर को लंच ब्रेक था और सनी सर चल रहे थे वहां और अपना सीन सोच रहे थे और मैं दूर से देख रहा था तो एक बार मेरे मुँह से निकल गया, हाँ सर ऐसे ही उसके बाद इन्होने भी मुझे एक लुक दिया। वो ऐसे प्लान कर रहे थे की मुझे पता था मुझे कितनी तेज़ थप्पड़ पढ़ने वाला है.
सवाल - जब इस फिल्म को प्लान कर रहे थे तब आप सबके दिमाग में ये बात तो आई होगी कि उस समय की फिल्म को इस समय में रिलीज़ करना या आगे की कहानी दिखाना रिस्क होगा, तो आप लोगो ने ऐसा क्या सोचा की मूवी तो करनी है?
सनी का जवाब - हमने सोच लिया था की फिल्म करनी है तो करनी है और जब फैसला ले लिया है कि फिल्म करनी ही है , और 22 साल तक ये जगह खाली थी तब क्यों नहीं बनाई किसी ने भी ऐसी फिल्मे, अगर ऐसी फिल्मे बना रहे होते तो बात ही कोई और होती। जगह खाली थी हमने अपना काम किया और हम आगे आ गए.
अनिल का जवाब - दूसरी बात क्या है माता- पिता तो माता - पिता ही रहते है तो रिश्ते सब वही रहते हैं, चाहे कितने भी साल पहले कि बात हो हमारा देश तो वही है ना, बस आपके कहने के तरीके बदल जाते हैं, आपके कपड़े बदल जाते हैं, हालात बदल जाते हैं. 22 साल पहले भी प्रेस कॉन्फ्रेंस होती थी बस तरीका थोड़ा अलग था लेकिन प्रेस से ही बात करते थे और सवाल भी यही होते थे तो इमोशन वही रहता है.
शारिक का जवाब - हम जानते है 90 दशक की फिल्म है और हमने सबके सामने रखा है इस फिल्म को और सबने प्यार भी दिया है, मुझे ऐसा लगता है हमे ऐसी फिल्म्स और बनानी चाहिए ताकि हमारे जैसे लोग ऐसी फिल्म्स को देख पाए.
सनी से सवाल - आपने बॉक्स ऑफिस में तहलका मचा दिया है और हैंडपंप वाले सीन में तो रोंटे खड़े हो गए थे, आप क्या कहेंगे इस पर?
जवाब - मैं बहुत परेशान था स्ट्रेस में था तो मैं एक ऐसा इंसान हूँ जो सच्चाई की रहा पर जाता है और जो बहुत मुश्किल है पर उसके बाद जो फल मिलता है वो बहुत मीठा होता है.मैं पूरा दिन रोया भी हँसा भी फिर मैं पापा जी के पास गया मैंने कहा पापा मैंने दारू नहीं पी थी , मैं भाई से भी मिला उससे भी मैंने कहा मैं दारू नहीं पी थी , मेरा यही कहना है "मैं निकला गड्डी ले कर एक मोड़ आया ओथे मेरे नाल मेरा रब आ गया".
उत्कर्ष से सवाल - आपको कैसे फीडबैक मिल रहे हैं आपके किरदार को ले कर?
जवाब - हम जब शूट कर रहे थे तब मेरे एक सीन पर सनी सर ने एक रिएक्शन दिया था उससे बेस्ट फीडबैक अभी तक नहीं मिला और उस टाइम मैं समझ गया था अपनी परफॉरमेंस को.
अनिल से सवाल - गदर 2 को तो हम लोगो को पता नहीं था लेकिन आपने लास्ट में दिखाया की गदर 3 आ रही है तो वो कब आ रही है?
जवाब - अब इसका तो आप इंतज़ार करिये, इंतज़ार का फल बहुत ज़्यादा मीठा होता है क्योंकि एक विचार आया है मेरे और शक्तिमान जी के दिमाग में तो आप थोड़ा इंतज़ार करिये।
सनी से सवाल - जब आपको पता चला हैंडपंप वाले सीन के बारे में तो आपका रिएक्शन क्या था कि इस बार फिर से आपका और हैंडपंप का आमना सामना होने वाला है?
जवाब - जो पहले चीज़ हो गई हो उसको दुबारा करने से मै झिझकता हूँ, जब शर्मा जी ने बताया की सीन ऐसे होगा तो मुझे अच्छा लगा तो मैंने कर लिया।
सनी से सवाल – धर्मेन्द्र जी ने यानि आपकी पापा ने आपको क्या सबसे अच्छा कॉम्पलिमेंट दिया या किसी और ने दिया हो बेस्ट कॉम्पलिमेंट?
जवाब - पापा ज़्यादा कुछ कहते नहीं है बस झप्पी डाल देते है और हस देते हैं.
सनी से सवाल - आपने आज तक 40 सालों में जितनी भी फिल्म्स किया हैं, हमने आज से पहले आपको इतना प्रमोशन करते हुए नहीं देखा मतलब 40 साल में आपने फिल्मे किया हैं उसका प्रमोशन एक तरफ और गदर 2 का प्रमोशन एक तरफ.
जवाब - गदर मेरे लिए एक बहुत पर्सनल फिल्म है, तारा सिंह से मैं बहुत जुड़ा हुआ हूँ और मैं नहीं चाह रहा था कि तारा के रोल के लिए मैं कोई कमी करूं .