मनोरंजन जगत में एकता कपूर की खोज माने जाने वाले अभिनेता सनी सिंह अपने कॅरियर की पहली लीड रोल वाली फिल्म उजड़ा चमन के साथ दर्शकों की प्रशंसा बटोर रहे हैं। 'प्यार का पंचनामा' और 'सोनू के टीटू की स्वीटी' जैसी हिट फिल्मों का हिस्सा रहे सनी सिंह अब अगली फिल्म जय मम्मी दी के प्रमोशन में व्यस्त हैं। उनसे जुड़े कुछ सवालः
पिछली फिल्म में आपका मुकाबला आयुष्मान खुराना के साथ था। कैसा अनुभव रहा इस मुकाबले का?
मुकाबला बन गया, हमने तो नहीं बनाया। पहली बार ऐसा हुआ है कि एक ही सब्जेक्ट पर दो फिल्में बनी हों लेकिन मुझे खुशी है कि दर्शकों ने मेरे काम की तारीफ की। सोहेल खान ने तो यह भी कहा कि इसमें आपने रियल रोल किया है। रही बात फिल्मों के बीच मुकाबले की, तो एक फिल्म सौ करोड़ क्रॉस कर लेती है और दूसरी इतना आगे नहीं बढ़ पाती। जब मुझे पता चला कि बाला का सब्जेक्ट भी लगभग एक जैसा ही है। शुरू में लगा कि ऐसा कैसे हो गया, लेकिन बाद में सब ठीक लगने लगा। आयुष्मान अपना रोल कर रहे हैं और मैं अपना. हम दोनों एक्टर हैं और अपना काम कर रहे हैं. मुझे आयुष्मान पसंद हैं और मैं उनकी एक्टिंग का फैन हूं। एक एक्टर के तौर पर भी मेरा आयुष्मान खुराना के साथ कोई मुकाबला नहीं है। आयुष्मान की अलग कैटेगिरी है और मेरी अलग। मैंने भी लगातार ग्रो किया है और आयुष्मान ने भी।
पंचनामा से स्वीटी... तक आपने कॉमेडी फिल्में की हैं लेकिन आपके किरदार को स्थिर ही रखा गया। ऐसा क्यों?
यही अच्छी बात है कि मुझे कूदने-फांदने वाले रोल नहीं मिले। मैंने अब तक रियल कॉमेडी ही की है। यहां ऐसा होता है कि अगर आप एक्शन फिल्म कर लो, तो आपको एक्शन फिल्में मिलने लगेंगी। रोमांटिक फिल्म हिट हो गई तो आप रोमांस के दायरे में कैद हो जाओगे लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ है। हर इंसान की डिफिकल्ट जर्नी होती है। लव जी की फिल्में करने के बाद मुझे ऐसे ऑफर आते चले गये कि मैंने तय कर लिया कि मुझे यह करना है।
किस तरह की फिल्में करना चाहते हैं?
मैं एक्शन-कॉमेडी फिल्म करना चाहता हूं जो फिल्म खिलाड़ी जैसी हो। थ्रिलर भी मज़ेदार है जो कनेक्ट नहीं हो पा रहा है। डर में जिस तरह का किरदार शाहरूख खान ने निभाया था, वो जबरदस्त था। मैं इंटेंस रोल भी करना चाहता हूं जैसे कार्तिक की फिल्म पति, पत्नी और वो में मेरा था। इसमें मेरा गेस्ट रोल था।
जय मम्मी दी क्या दिखाना चाहती है?
अपनी इस फिल्म के बारे में की ये खास बातचीत कि इसमें दो मम्मियों की कहानी और उनके बीच की नोकझोंक को दिलचस्प अंदाज़ में दिखाया गया है। ऐसे सीन्स फिल्म को मजेदार बनाते हैं। हमारे खुद के घरों में भी कई बार ऐसा होता है कि दो मम्मियां किसी भी मुद्दे पर लड़ने लगती हैं। शादियों में ऐसे दृष्य आम होते हैं। अब तक दर्शक कॉमेडी तो देखते आयेहैं लेकिन कॉमेडी का ये फैक्टर पहली बार देखेंगे।
आपके पापा भी फिल्मों से जुड़े रहे हैं। पापा की किन फिल्मों के शूट पर गये हैं?
मैं शर्मीला इंसान हूँ तो ज्यादा नहीं गया। मेरे दोस्त मुझे कहते हैं की मैं काफी सीधा हूँ। मैं विजयपथ की फिल्म की शूटिंग पर गया था। वहाँ सेट पर मैंने एक शेर के साथ फोटो भी खिंचाई थी। मेरे पापा एक्शन कहते थे जो मुझे याद है।
अजय देवगन के परिवार के साथ भी आपके अच्छे संबंध हैं। अजय देवगन के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
मैं उन्हें भैया कहकर बुलाता हूँ। उनसे सीखने को बहुत कुछ मिलता है। उनके साथ मेरा पारिवारिक रिश्ता रहा है। वे मेरे लिए प्रेरणा भी हैं। घर आना-जाना है। वे बहुत ही अच्छे इंसान हैं।
लव रंजन की फिल्मों में आपने खुद को साबित किया। उनके बारे में क्या कहना चाहेंगे?
वो परफेक्ट और करेक्ट निर्माता-निर्देशक हैं। उनकी एक-एक बात इतनी परफेक्ट होती है कि पूछो मत। अपनी टीम के लिये वो मेहनत करते हैं।
आपने फिल्म ‘पति, पत्नी और वो’ में कैमियो करना क्यों स्वीकार किया?
कार्तिक के साथ दोस्ती की वजह से मैंने ऐसा किया। जब उन्होंने फोन किया और मुझसे पूछा कि क्या मैं एक विशेष उपस्थिति कर सकता हूं, तो मैं न नहीं कह सका।
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