लिपिका वर्मा
तापसी पन्नू जिस तरह की फ़िल्में कर रही है, वो इन फिल्मों का हिस्सा बन बहुत खुश है। हर फिल्म के लिए उनका लुक भी अलग अलग सा ही होता है। हाल ही में तापसी पन्नू चश्मा पहनी नजर आयी...
पेश है तापसी पन्नू के साथ लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश
कुछ अलग लुक किया है क्या? किस फिल्म के लिए है यह लुक?
- हंस कर बोली तापसी “जी नहीं यूं ही चश्मा पहना हुआ है। और अब तो मेरे बाल भी बढ़ गए हैं। मेरी हेयर स्टाइलिस्ट वह इस बात से खुश है। वह बेचारी हमेशा ही परेशान रहती -छोटे बालों में उसे समझ ही नहीं आता क्या करे?
आजकल लुक बहुत, महत्वपूर्ण हो गया है ...एयरपोर्ट लुक भी ?
- देखिये एयरपोर्ट लुक को तो मैं तवज्जो ही नहीं देती हूँ। हाँ लुक और स्टाईल महत्वूर्ण है। मेरी भाभी (देविका) मेरे इवेंट्स के लिए कपड़े एवं स्टाइलिंग कर दिया करती है।
स्टाइलिंग को लेकर कितना प्रेशर रहता है आपको?
- दो साल पहले तक मुझे स्टाइलिंग को लेकर बहुत स्ट्रेस (तनाव) हुआ करता, अब मेरा रवैया बदल गया है। आप कुछ भी करो लोगों को तो कुछ न कुछ नुक्स निकालना ही होता है। सो अब मेरा यह रवैया है कि -जो मुझे अच्छा लगेगा मैं करुँगी ...बाकि सब भाड़ में जाये।
लेकिन कभी कभी वही कपड़े दोबारा पहनने पर भी ट्रोल हो जाते हैं। इस पर आपको क्या कहना है?
-हाँ! भाई , मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि- मैं हर बारी नए नए कपड़े खरीदू। मैं भी एक साधारण लड़की ही हूँ। मैं कपड़े, टी शर्ट और जीन्स और तो और जूते भी रिपीट कर लेती हूँ। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
आप अपनी फिल्मों से कितना जुनून रखती है (सेल्फ ऑब्सेस्सेड ) ?
मैं अपनी खुद की फ़िल्में कई बार देख भी नहीं पाती हूँ. और जहां तक फोटोज खीचने की बात है वह भी मुझे ज्यादा पसंद नहीं है। मुझे स्क्वैश खेलना बहुत पसंद है सो मैं उसके लिए टाइम अब निकाल ही लेती हूँ। अक्सर ऐसा लगता है हम खुश रहने के लिए काम कर रहे हैं और इतने बिजी हो जाते हैं कि जिन चीजों को करने से हमें ख़ुशी मिलती है वही नहीं कर पाते हैं। लेकिन अब मैं जबरदस्ती अपनी पसंदीदा चीजों के लिए समय निकाल ही लेती हूँ।
क्या आज भी बॉलीवुड में अपने आप को बतौर आउटसाइडर मानती है ?
- जी हाँ यह ‘आउटसाइडर सिंड्रोम’ एक बिमारी है और यह सबके दिमाग में रहता है। मुझे तो यह फीलिंग अंत तक रहेगी। बाकियों का तो मुझे पता नहीं है। पहले यह मुझे ज्यादा महसूस होती थी। अभी थोड़ी सी कम हुई है। जितनी मर्जी हिट्स फिल्म आप दे दें आपको आउटसाइडर वाली फीलिंग रहती ही है। मेरा तो कोई गॉडफादर भी नहीं है। मुझे कोई भी निर्माता या अभिनेता से यह गारंटी नहीं मिली है कि मुझे फिल्मों में लिया जायेगा। और तो और इतना काम करने के बाद भी मैं किसी न किसी की सिफारिश से बदल दी जाती हूँ। जब तक ऐसा होता रहेगा तब तक यह सोच नहीं बदलेगी। पर मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। ठीक है मुझे कोई प्रॉब्लम या शिकायत भी नहीं है। बस अपना काम करते रहने में ही विश्वास रखती हूँ।
आपका नाम कभी अपने को-एक्टर के साथ नहीं जुड़ा। क्या वजह है ?
- शायद इसलिए क्योंकि मैं अपनी व्यावसायिक और व्यक्तिगत बातों को दूर ही रखती हूँ... ऐसा नहीं है कि मेरा रोमांस और ब्रेकअप नहीं हुए है। मैं भी एक साधारण लड़की ही हूँ। मजाकिया तौर से कहूं तो मैं ऐसे किसी व्यक्ति से रिश्ता नहीं बना सकती हूँ जो मुझ से भी ज्यादा शीशे में अपने आप को हर बारी देखे। सो इसीलिए इंडस्ट्री से मेरा रिश्ता किसी से भी नहीं बना है अभी तक।
फिल्म ‘बदला’ में अमृता सिंह भी है कैसा रहा उनके साथ काम करना?
- बस एक ही शब्द में यही कहूँगी वह बहुत ही मस्त...मस्त और मस्त है। उनका मिजाज बहुत ही अलग है। बहुत मजा आया उनके साथ काम करने में। सही मायने में वह-“ वाकिंग टॉकिंग फायर है। “