यहां मुझे सिखनी होने का काफी फायदा मिला- तापसी पन्नू

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By Shyam Sharma
यहां मुझे सिखनी होने का काफी फायदा मिला- तापसी पन्नू
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तापसी पन्नू उन बुलन्द किस्मत की धनी अभिनेत्रीयों में शामिल हैं जिन्हें ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा। सिख परिवार की इस सिखनी ने अपना करियर साउथ इंडियन फिल्मों ने शुरू किया था और वहां की टॉप नायिकाओं में से एक रही। इसके बाद हिन्दी में भी देखते देखते उसने अपनी एक पुख्ता जगह बना ली। बहुत जल्द वो हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह की बायोग्राफी पर बनी फिल्म ‘सूरमा’ में एक हॉकी खिलाड़ी की भूमिका में दिखाई देने वाली है। फिल्म और भूमिका को लेकर तापसी पन्नू की श्याम शर्मा से हुई एक बातचीत।

ये फिल्म हॉकी कैप्टन संदीप सिंह के बारे में हैं क्या आप उन्हें जानती थी ?

इससे पहले मैं उन्हें बिलकुल नहीं जानती थी। लेकिन बाद में जब उन्हें और उनके परिवार को जानने का मौका मिला। उसके बाद मैं संदीप ही नहीं बल्कि उनके परिवार से भी काफी प्रभावित रही हूं। जब संदीप को गोली लगी थी। उसके बाद वे पैरालाइजिज हो गये थे। उन्हें दोबारा खड़ा करने में उनके बड़े भाई और परिवार का बहुत बड़ा हाथ रहा है, साथ ही उनकी लाइफ में मेरे करेक्टर का भी काफी योगदान रहा है।

आपकी भूमिका भी क्या संदीप की तरह सच है ?

बेशक मेरा किरदार भी उतना ही सच्च है जितना की संदीप सिंह का। फिल्म में दिखाया गया है कि मेरा रोल किस प्रकार एक छोटे से कस्बे से उठकर टॉप तक पहुंचता है। इस रोल को एक तरह से फिल्म का सरप्राइज रोल भी कहा जा सकता है । publive-image

फिल्म करने की क्या वजह रही ?

हालांकि मुझे बचपन से स्पोर्ट्स में कभी दिलचस्पी नहीं रही। अभिनेत्री बनने के बाद मैंने साउथ और हिन्दी में काफी काम किया, इसे आप इत्तेफाक कह सकते हैं कि मुझे अभी तक किसी भी स्पोर्ट्स पर आधारित फिल्म करने का मौका नहीं मिल पाया। जबकि मैं ऐसी कोई फिल्म करना चाहती थी, जो खेलों पर आधारित हो। यह फिल्म हॉकी पर बेस्ड है, लेकिन मुझे हॉकी का ए बी सी डीं तक नहीं पता था। दूसरे मैं कहीं न कहीं गिल्ट भी थी कि मैं इस खिलाड़ी के बारे में कुछ भी नही जानती थी। मुझे इस फिल्म का ऑफर मिला और मैं स्टोरी सुनते हीं फौरन ये फिल्म करने के लिये तैयार हो गई।

पंजाबी बैकग्राउंड की फिल्म में पहली बार काम करने का कैसा अनुभव रहा ?

वैसे मैं दिल्ली में पैदा हुई थी लेकिन मेरा जन्म एक सिख परिवार में हुआ। इस बात का मुझे फिल्म करते हुये काफी फायदा भी मिला। वैसे भी पंजाबी बैकग्राउंड की फिल्म करते हुये मुझे शिद्दत से होमग्राउंड का एहसास हुआ। अब अगर रोल की बात की जाये तो वह एक हॉकी प्लेयर है। इसके लिये मैने हॉकी के बारे में सीखने और जानने के लिये काफी मेहनत की, खासकर बॉडी लैंग्वेज पर काफी काम किया।

हॉकी खिलाड़ियों को लेकर क्या सोचती हैं ?

जैसा कि मैंने बताया कि मैं इस तरह की फिल्म करना चाहती थी। जब मुझे ये  मिली तो सबसे पहले मेरा लुक टेस्ट लिया गया तो पहली बार मैं रिजेक्ट हो गई। दरअसल ये रोल एक ऐसे खिलाड़ी का था जो मैदान में काफी एग्रेसिव है जबकि ग्राउंड के बाहर थोड़ा शाई, घीरे और कम बात वाला था, जो कि पर्सनली मुझसे पूरी तरह अलग था क्योंकि मैं तो काफी वाचाल और बिंदास हूं। मुझे यहां सब अपने विपरीत करना था। दूसरे मेरे लिये हॉकी का खेल नया था, मेरा करेक्टर नया था। चूंकि मैं खुद पंजाबी हूं इसलिये मेरे लिये किरदार काफी आसान रहा। publive-image

संदीप सिह से कब मिलना हुआ ?

संदीप सिंह से मिलने के लिये मुझे कहीं नहीं जाना पड़ा, क्योंकि वे और उनके भाई हर वक्त सेट पर मौजूद रहते थे। मैं या दिलजीत सिंह दोसांझ जो उनकी भूमिका निभा रहे हैं, अगर कहीं गड़बड़ा जाते थे तब संदीप या उनके भाई हमे सही रास्ता दिखाते थे।

करेक्टर के लिये क्या कुछ करना पड़ा ?

काफी कुछ करना पड़ा। मैं हॉकी के बारे इससे पहले कुछ भी नहीं जानती थी। यहां मुझे हॉकी खेलने की काफी सख्त ट्रेनिंग लेनी पड़ी थी।

आने वाली फिल्में ?

साउथ की फिल्मों के अलावा हिन्दी में एक फिल्म तड़का है,फिर मुल्क और मनमर्जियां वगैरह फिल्में आयेगीं।

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