सिद्धार्थ मल्होत्रा ने धर्मा प्रोडक्शन के साथ बतौर असिस्टेंट निर्देशक फिल्म, माई नेम इस खान से बॉलीवुड में एंट्री ली। उसके बाद बतौर अभिनेता उन्होंने फिल्म, स्टूडेंट ऑफ दी ईयर से धर्मा प्रोडक्शन्स से ही बड़े पर्दे पर अपनी पहली इन्निंग्स शुरू की। उस इसके बाद सिद्धार्थ ने फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। हाँ, यह बात अलग है, कभी बॉक्स ऑफिस पर हिट फिल्म्स दी तो कभी शुक्रवार अच्छा नहीं रहा। अब दोबारा फिल्म, शेरशाह जो कप्तान विक्रम बत्रा ख् शहीद, की बायोग्राफी पर आधारित फिल्म रिलीज के लिए तैयार है। इस फिल्म को भी धर्मा प्रोडक्शंस ही प्रोड्यूस कर रहा है। आर्मी अफसर के किरदार में सिद्धार्थ ने परमवीर चक्रर अवार्डी कप्तान विक्रम बत्रा की जीवनी को पर्दे पर उतारा है। फीमेल लीड में कियारा आडवाणी ने रियल लाइफ गर्ल फ्रेंड डिंपल चीमा ,जो आज तक शादी के बंधन में नहीं बंधी है उनका किरदार निभाया है। फिल्म 12 अगस्त, 2021 अमेजाॅन प्राइम वीडियो पर रिलीज के लिए तैयार है।
आपने एक आर्मी अफसर का किरदार फिल्म, ऐयारी में और अब शेरशाह में फिर, मिशन मजनू में स्पाई का किरदार निभा रहे है, यह सभी किरदार एक दूसरे से कितने अलग है?
किरदार एक दूसरे से बहुत ही अलग है। यदि अलग नहीं होते तो में इन्हे क्यूकर करता? ऐयारी में कहानी-आर्मी में थोड़ी राजनीति को दर्शाती है। जबकि शेरशाह कप्तान विक्रम बत्रा की बायोग्राफी जो 1999 करगिल वॉर पर आधारित है। फिल्म, मिशन मजनू सच्ची इवेंट्स पर निर्धारित है।यह एक रॉ मिशन इंडिया और पाकिस्तान के बीच 1970 के दशक को दर्शाता है। अतः सारी फिल्में एक दूसरे से कहानी एवं किरदार दोनों ही अलग है। मेरे लिए फिल्म, शेरशाह के किरदार की तैयारी एक लम्बी जर्नी रही। इस कहानी की तैयारी बहुत सारे फैक्ट्स पर आधारित है।
उनकी पर्सनल लाइफ को भी जहन में रखना था सो उनके माता-पिता से भेंट कर और सारे दोस्तों रिश्तेदारों एवं कामरेड्स जिनके साथ उन्होंने काम किया उन सभी से मिल कर जो कुछ तथ्य इकट्ठा किया, उस पर आधारित हमने इस कहानी को पिरोया है। वो एक बहुत ही देश भक्त, विनम्र स्वभाव और फोकस्ड लीडर रहे है। फौज ने उन्हें एक निडर लीडर एवं फौजी बनाया।उनकी पर्सनालिटी से मैंने बहुत निपूणतः सीखी। यह एक बहुत ही कठिन किरदार रहा निभाने में क्योंकि उनकी परसॉलिटी का केंद्रित संस्करण और साथ ही बतौर सोल्जर वह सभी गुण सही तरीके से अपनाने थे मुझे।कुछ सीन्स में इमोशंस जतलाने के मौके भी मिले है। आशा करता हूँ कप्तान बत्रा ने अपने देश के लिए जो भी त्याग किये है उसका सार लोगों तक सही मायने में पहुंचे।
अब 15 अगस्त आपके लिए क्या मायने रखेगा क्योंकि आपकी फिल्म शेरशाह आजादी के समय रिलीज हो रहे है ?
यह 15 अगस्त मेरे लिए अत्यंत स्पेशल खास, है। बस फिल्म देखे और अपना प्यार और आदर दे। जो कुछ भी लोगों का मानना है कि हमे आजादी एन्जॉय करने नहीं मिलती है। तो आपको बता दे हमारा देश विश्व भर में सबसे विशालतम लोकतान्त्रिक देश है। सभी को खुश करना आसान नहीं होता है।जब कभी हम देश के बाहर जाते है तब हमें इस बात का एहसास होता की हमे अपनी आवाज उठाने की आजादी ही नहीं है। ऑफिशियली हम स्वतंत्रता अपने देश में एन्जॉय कर पाते है इस बात पर हमें गर्व होना चाहिए। शेरशाह से इंस्पिरेशन लें और स्वतंत्रता का महत्व याद रखे और बरकरार भी।
दर्शको को कप्तान विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा की लव स्टोरी मिलेगी?
इनकी लव स्टोरी बहुत ही प्यारी एवं असली है। उनका रोमांस प्रेरणादायक एवं सभी को ओल्ड स्कूल रोमांस की याद दिलाएगा।सबसे महत्वपूर्ण पहलु उनके रोमांटिक कहानी का यह है कि -जो कुछ भी डिम्पलजी को उनके साथ समय बिताने का मिला उसी के सहारे वह अपना जीवन व्यतीत कर रही है। उन्होंने उनके नाम से अपना संपूर्ण जीवन बिताने की सोच को आगे बढ़ाया है और आज तक शादी भी नहीं की है। हालांकि मैं उनसे नहीं मिला हूँ। किन्तु जो कुछ उनके जानकारों से मालूम हुआ हमने आगे लिया है। यह एक क्लासिक लव स्टोरी है।
कुछ सोच कर आगे बोले, यह एक बहुत ही मासूम पहलु है जो हमने दिखाया है। हम इस पर 2 घंटे की कहानी भी बन सकते थे। किन्तु कप्तान विक्रम बत्रा के आर्मी पोरशन पर आर्मी शहीद की कहानी पर हमने फोकस किया है। उनकी लव स्टोरी की खुशुबू सार, इस फिल्म में नजर जरूर आएगी। यह एक प्रेरणादायक लव स्टोरी है। मैं ऐसी कहानियों पर विश्वास करता हूँ। आज ऐसी कहानियां न देखने और न सुनने को मिलती है।
कियारा के साथ अनुभव कैसा रहा?
उनकी कास्टिंग, लस्ट स्टोरीज रेलीसिंग के दौरान की गई थी। वह बहुत ही सहजता और सही तरीके से हर किरदार को निभा लेती है। जब से हमारी फिल्म, शेरशाह का ट्रेलर रिलीज हुआ है दर्शको को हमारी जोड़ी बेहद पसंद आ रही है। इस जोड़ी की जर्नी पहली बारी शुरू हो रही है। कियारा ने पंजाबी भाषा भी अच्छी तरह बोली है। कियारा इन्स्टिंक्टिवे एक्टर है जबकि मुझे कुछ रेहर्सल्स की आवश्यकता पड़ती है। सो उन्होंने मेरे साथ रेहर्सल्स भी किये। बस हमे इस बात का इंतजार है हमारी जोड़ी को कितना पसंद करते है लोग?
स्वतंत्रता आपके लिए क्या मायने रखती है वह स्वतंत्र की फीलिंग आप ने कब महसूस की अपने अंदर?
जब मैं केवल 21 वर्ष का था और मुंबई अपनी किस्मत आजमाने आया था तब मुझे सब कुछ अजीब सा लगता था. मुझे एक प्रोजेक्ट मिला भी और फिर कुछ हो नहीं पाया। मुझे उस समय पर अपने बिल्स और पैसों का इंतजाम खुद करना होता और अपने निर्णय स्वयं लेने होते। बस मैं अपने पैर जमाने की उधेड़ बुन में लगा हुवा था। यह मेरे लिए फ्रीडम की तरह ही था लेकिन अपने खुद के निर्णय लें अपनी जिम्मेदारी पर कभी कुछ अच्छा हुवा तो कभी कुछ खराब ,पर आज तक उस स्वतंत्रता को में याद रखता हूँ।