टीवी सीरियल के सर्जकों को ओटीटी से खतरा नजर नही आता By Mayapuri Desk 19 Aug 2021 | एडिट 19 Aug 2021 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर पिछले डेढ़ वर्ष से कोरोना महमारी की वजह से फिल्म आदि की शूटिंग बंद है।सिनेमाघर बंद है।जिसका फायदा उठाते हुए अचानक ओटीटी प्लेटफार्म ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली। घर के अंदर कैद दर्शकों ने मनोरंजन के लिए टीवी पर पुराने देखे जा चुके कार्यक्रमों की बनिस्बत ओटीटी पर नई वेब सीरीज वगैरह देखना शुरू कर दिया। दर्शकों को ओटीटी पर विभिन्न शैलियों के कार्यक्रम देखने को मिले।ऐसे में कहा जा रहा है कि अब टीवी की जगह ओटीटी लेने जा रहा है। यहां हमने टीवी सीरियल के निर्माता व निर्देषकों से यह जानने की कोशिश की कि वह इस संबंध में क्या सोच रहे हैं टीवी धारावाहिक निर्माता निर्देषक भी अधिक नवीन सामग्री बनाने की कोशिश कर रहे हैं। -संजय कोहली: निर्माता ‘‘भाभी जी घर पर हैं’’,‘‘हप्पू की उलटन पलटन’’और ‘‘जीजाजी छत पर हैं’’जैसे सीरियलों के निर्माता संजय कोहली कहते हैं-‘‘टीवी के दर्शक बहुत वफादार होते हैं, और मुझे नहीं लगता कि कोई भी इन्हें हमसे दूर ले जा सकता है।फिर भी मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचक नही है कि ओटीटी प्लेटफार्म को कोरोना महामारी के दौरान दर्शकों के मन में अति षीघ्र अपनी जगह बना लेने में अच्छी सफलता मिली है।आज की तारीख में ओटीटी प्लेटफार्म काफी लोकप्रिय हो गए हैं।अब कम से कम हर माह एक नया ओटीटी प्लेटफार्म आ रहा है।वास्तव में कोरोना महामारी और लॉक डाउन की वजह से जब शूटिंग रोकी गई,तो दर्शकों को ओटीटी प्लेटफार्म एकमात्र विकल्प नजर आया।क्योंकि ओटीटी प्लेटफार्म तब तक ढेर सारा कंटेंट एकत्र कर चुका था। जबकि टीवी धारावाहिक निर्माता के पास अपने सीरियल के सीमित एपीसोड ही उस वक्त तक बैंक में थे।चूंकि ओटीटी में हर चीज का प्रारूप छोटा होता है, इसलिए उन्हें बैंक की आवश्यकता नहीं होती है। हम इससे आगे थे,क्योंकि हमारे पास एक बहुत बड़ा बैंक था और कोई ब्रेक नहीं था।लेकिन चूंकि ओटीटी अब इतना लोकप्रिय हो गया है,तो मुझे लगता है कि टीवी धारावाहिक निर्माता निर्देषक भी अधिक नवीन सामग्री बनाने की कोशिश कर रहे हैं।हालांकि ओटीटी पर सामग्री के समान नहीं। हम अपने सीरियलों में ट्विस्ट और टर्न लाने की कोशिश करते हैं,जो एक ही समय में अप्रत्याशित लेकिन संबंधित हैं। साथ ही टीवी पर सामग्री विकसित हुई है और अब हम ऐसा कंटेंट बना रहे हैं,जो दर्शकों को अधिक जोड़े रखता है।’’ टीवी से पूरा परिवार एक साथ जुड़ा हुआ है -आशीष श्रीवास्तव: निर्देशक सीरियल ‘‘तेरा मेरा साथ रहे’’ के निर्देशक आशीष श्रीवास्तव कहते हैं-‘‘माना कि इन दिनों ओटीटी पर कई तरह की सामग्री स्ट्रीम हो रही है,लेकिन टीवी विकसित हुआ है और विकसित भी हो रहा है। ओटीटी मुख्य रूप से वयस्कों द्वारा लक्षित माध्यम है,जबकि टीवी एक व्यापक माध्यम है।टीवी से पूरा परिवार एक साथ जुड़ा हुआ है और वह एक साथ टीवी देखते हैं। टीवी सीरियल की अवधारणाएं प्रगतिशील हैं। थ्रिलर से लेकर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स से लेकर एक्सट्रीम रिवेंज तक सब कुछ टीवी सीरियलों में दिखाया जाता है।’’ टेलीविजन की सबसे बड़ी बाधा इसकी रेटिंग प्रणाली है -यश पटनायकः निर्माता सीरियल ‘कुछ निर्माता यश पटनायक कहते हैं-‘‘टेलीविजन और ओटीटी दर्शक बहुत अलग हैं। टेलीविजन दर्शक अधिक व्यवस्थित होते हैं और उनकी नियुक्ति सामग्री की दैनिक खुराक की अपेक्षा करते हैं, मुख्य रूप से परिवारों और परिचित पात्रों और संघर्षों के आसपास बुने जाते हैं। जबकि, ओटीटी दर्शक अधिक विकसित होते हैं और अधिक प्रयोगात्मक और विघटनकारी कहानियों, पात्रों और भूखंडों की अपेक्षा करते हैं। ओटीटी निश्चित रूप से लंबे समय में टेलीविजन के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है,यदि धीरे धीरे टेलीविजन अपनी सामग्री और पैमाने को अपग्रेड नहीं करता। टेलीविजन की सबसे बड़ी बाधा इसकी रेटिंग प्रणाली है,जो इसकी सामग्री को प्रतिगामी रूप से प्रभावित करती है। अलग-अलग कंटेंट के लिए अलग-अलग करेंसी होनी चाहिए।’’ #Sanjay #Yash Patnaik #binafer kohli #kohli ashish shrivastav हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article