‘रंगीला’ फिल्म से चर्चा में आयी उर्मिला मातोंडकर ने अब अपनी ‘सितारनी’ इमेज को भुलाकर जन-सेवा के लिए सड़कों पर चलना शुरू कर दिया है। राम गोपाल वर्मा की चहेती ग्लैमरस डॉल को अपने बीच देखकर लोग दंग हैं कि वह बदन-उघाड़ू अंदाज छोड़कर कैसे सादे कपड़ों में चेहरे पर सादगी भरी मुस्कान लिए लोगों में मिक्सअप हो रही हैं। वह जब मुस्कुराते हए कहती हैं- ‘मैं मराठी मुलगी हूं। मुझे फख्र है कि मैं उस जमीन से हूं जहां से शिवाजी महाराज जैसों का जुड़ना रहा है।’ तो उनके साथ चलने और उनको देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ती है। भूषण पाटिल, जो उर्मिला का चुनावी-कैम्पेन देख रहे हैं, कांग्रेस के नेता हैं, उनका कहना है- ‘यह भीड़ ‘वोट’ में बदल जाएगी और हम भारी मतों से जीतेंगे।’
उर्मिला मातोंडकर ने मुंबई में कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में मुंबई नार्थ से पर्चा भरा है और वह अपने प्रचार के लिए जोर शोर से जुड़ गई हैं। बताने वाली बात है कि उर्मिला के सामने चुनावी प्रति़द्वन्दी हैं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल शेट्टी, जो सीटिंग एम.पी. भी हैं। गोपाल शेट्टी ने यह सीट कांग्रेस के संजय निरुपम को हरा कर भारी मतों से जीती थी। यह वही सीट है जहां से गोविन्दा भी सांसद रहे और वर्तमान उत्तरप्रदेश के गवर्नर रामनाईक तीन बार सांसद रहे हैं।
इतनी भारी भरकम सीट पर आपको कांग्रेस ने उतारा है, शुरू शुरू में जब नामांकन की बात उठी थी, कुछ डरी भी होंगी?
- कोई ऐसी सोच मेरे मन में कभी आई ही नहीं कि मैं किसके सामने उतारी जा रही हूं। मैं चुनाव लड़ने, जीतने की मंशा से सियासत में नहीं आयी हूं। मैं निःस्वार्थ जनता की सेवा करने की भावना से पॉलिटिक्स में उतर गई हूं। लोग मुझे ग्लैमरस डॉल के रूप में जानते हैं लेकिन मेरे मन के भाव नहीं जानते कि मैं कितनी सेवा भाव वाली स्त्री हूं। मैंने कभी अपने कामों को प्रचारित नहीं किया है जबकि मैं सेवा के तमाम कार्य करती रही हूं। आज भी मैं बताने की जरूरत नहीं समझती कि मैं क्या करूंगी और मुझे क्या क्या करना है। समय बताएगा और मेरा काम बतायेगा। एक हीरोइन के रूप में मैंने एक्सपोजर बहुत देखा है, मुझे नाम कमाने की भी मंशा नहीं है। बस, कुछ अच्छा काम कर सकूं यही मेरी शुरू से सोच रही है और इसीलिए मैं कांग्रेस पार्टी से भी जुड़ी हूं कि अपनी बात कह सकूं। अपना काम बिना किसी प्रेशर के कर सकूं।’
अपने चुनाव प्रचार का पहले दिन का अनुभव कैसा रहा ?
- वैसे ही, जैसे पहली बार कैमरा फेस करने पर हुआ था। मैंने एक मंदिर में दर्शन किया, छोटे बच्चों के एक स्कूल में गयी। फिर, मैंने जीप छोड़ दी क्योंकि लोगों को असुविधा हो रही थीं फिर स्लम एरिया में पैदल चलने लगी। लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया। प्यार दे रहे हैं। सच कहूं तो बहुत उत्साहित हूं।’
कभी पहले ख्याल आया था कि आप राजनीति में उतरेंगी?
- जी नहीं, बस सेवा करने की भावना तक मन में थी। मेरी परवरिश एक मिडिल क्लास फैमिली में हुई थी, जहां सब जमीन से जुड़े लोग होते हैं। एक पढ़े लिखे परिवार के बीच परवरिश पायी हूं। पिताजी बैंकिंग में थे, मां स्टेट गवर्नमेंट के जॉब में थी। बेशक कम लोग जानते हैं कि मैं पढ़ाई-लिखाई में फर्स्ट डिवीजन लाने वाली लड़की थी। यानी-राजनीति की बातें हमारी सोच से बाहर की थी। ईश्वर ने मुझे मौका दिया। मैंने जमीनी जीवन से स्टारडम की ऊंचाई तक देखा...मगर राजनीति का सपना नहीं देखा था, यह भी अब मेरे साथ जुड़ गया है।’
आपके विवाहित जीवन को लेकर चर्चा की जा रही है..?
- मैं इस ओछी राजनीति की एक दम विरोधी हूं। मेरा रिश्ता किस धर्म-जाति में हुआ है, मेरा सरनेम पहले क्या था, अब क्या है, ऐसा सवाल करने वालों को सिर्फ बांटने की राजनीति मालूम है। मैं इन विवादों से लोगों को बचने की अपील करती हूं और कहना चाहती हूं कि लोग डिसाइड करें उनके हित में किसे वोट करना है। कौन उनका हित-रक्षक है बस, इस बात की परवाह करें। कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जो सर्वधर्म समभाव की सोच रखती है।
अपने विरोधी प्रत्याशी (श्री गोपाल शेट्टी) के बारे में क्या कहेंगी, जो पिछले सत्र में इस क्षेत्र के सांसद रहे हैं?
- मैं कुछ नहीं कहूंगी। बस, यही कहूंगी कि कोई क्षेत्र किसी की बपौती नहीं होती। वे पिछली बार सांसद थे तो उससे पहले कांग्रेस भी थी। और आगे फिर कांग्रेस रहेगी।
फिल्मों के बारे में क्या कहेंगी ?
- इस समय सिर्फ जो सामने है उसकी बात कीजिए प्लीज। इस क्षेत्र में पानी नहीं है, स्लम हैं और ढेरों प्रॉब्लम्स हैं उनकी स्क्रिप्ट पढ़ रही हूं और सुन रही हूं। बस!