हिंदी फिल्म “सिक्सटीन” के अलावा पंजाबी,मलयालम व तेलगू फिल्मों में अभिनय कर चुकी अभिनेत्री वामिका गब्बी ने हिंदी वेब सीरीज ‘‘ग्रहण’’से एक बार फिर तहलका मचाया है। मगर बहुत कम लोगों को पता होगा कि वामिका गब्बी सर्वोत्कृष्ट पशु प्रेमी है, जो अपनी राय व्यक्त करने और पशु क्रूरता पर अपनी आवाज उठाने से कभी नहीं कतराती है। इन दिनों उनके घर मेें पॉच कुत्ते हैं,जिनकी देखभाल वह स्वयं करती है। किसी आश्रम या गली से पालतू जानवरों को अपनाने की बात आती है, तो वह वामिका गब्बी के लिए उदाहरण के लिए नेतृत्व करना चुनती होती है। वामिका गब्बी हमेशा पशु अधिकारों की वकालत करती रही हैं।अब वह गायों में कृत्रिम गर्भाधान की बढ़ती प्रथा को आम लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए वामिका ने ‘पेटा इंडिया’ के साथ हाथ मिलाया है।
सशक्त प्रजनन के लिए कृत्रिम गर्भाधान की प्रथा के जरिए दूध के उत्पादन में बढ़ोत्तरी करवाना डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों के लिए बहुत आम बात है। दुरुपयोग का यह अंतहीन चक्र एक डरावनी कहानी है और यह जारी है। क्योंकि बाजार में डेयरी उत्पादों की भारी मांग है। वामिका गब्बी ने हाल ही में अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम एकाउंट पर इस प्रथा के बारे में जानकारी देते हुए लोगों से स्थायी क्रूरता मुक्त उत्पादों को चुनने का आग्रह किया। वामिका गब्बी ने अपनी पोस्ट में उन खाद्य पदार्थों के बारे में बताया,जो कैल्शियम का एक प्राकृतिक स्रोत हैं और एक गिलास दूध का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। उन्होंने बादाम, घुंघराले गोभी, पत्तेदार सब्जियां, सोयाबीन, सोया दूध, पालक, ब्रोकोली, चिया बीज आदि जैसे खाद्य पदार्थों की उपयोगिता पर रोषनी डाली, जिनमें दूध के अलावा कैल्शियम के सोर्स हैं।
वामिका गब्बी कहती हैं- “जहाँ मवेशियों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार किया जाता है,वह दिल दहला देने वाला दृष्य होता है।वर्तमान में सभी मवेशियों को ‘स्वस्थ‘ डेयरी उत्पादों के नाम पर दयनीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। यह सब एक तमाशा है। ऐसे कई पौधे-आधारित उत्पाद हैं,जो कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत हो सकते हैं। उपभोक्ताओं के बीच इस जागरूकता को लाने के लिए ही मैं पेटा इंडिया के साथ मजबूती से खड़ी हूं।ताकि वह एक सूचित निर्णय ले सकें। उन्होंने बादाम, घुंघराले गोभी, पत्तेदार सब्जियां, सोयाबीन, सोया दूध, पालक, ब्रोकोली, चिया बीज आदि जैसे खाद्य पदार्थों पर प्रकाश डाला, जो दूध के अलावा कैल्शियम के सोर्स हैं।”
वामिका गब्बी ने पहली बार पशु क्रूरता के खिलाफ आवाज नही उठाई है।वह अक्सर पषुओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाती रहती हैं।उन्होंने हाल ही में चंडीगढ़ में हुई उस घटना के बारे में भी बताया जहां एक आवारा कुत्ते के साथ बुरा व्यवहार किया गया और उसे पीट-पीटकर मार डाला गया।