ज़रीन खान ने भले ही अपना करियर सलमान खान फिल्म,'फिल्म, 'वीर' से शुरू किया हो, किन्तु अब वह छोटे बजट की फिल्मों से जुड़ गयी है। ज़रीन मानती है फ़िल्में छोटी बजट की हो या बड़ी मेरे लिए कंटेंट मायने रखता है। 'हेट स्टोरी -3', अक्सर 2 इत्यादि फ़िल्में उनकी झोली में आ गिरी। फिल्म 'हाउसफुल 2' में भी वह बेहतरीन किरदार में नजर आयी। खेर उनकी हालिया फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर अपना जलवा नहीं दिखला पायी, किन्तु इसकी उन्हें कतई भी परवाह नहीं है। ज़रीन एक बहुत ही सुलझी हुई अदाकारा है। अपने आपको अपने घर की देख-रेख करने वाली ,'लड़का' ही समझती है। उनकी जिम्मेदारी है अपनी माँ एवं बहन की देख-रेख करना। जी हाँ !! में अपने आपको किसी लड़के से कम नहीं समझती हूँ। मेरी दुनिया मेरी माँ और बहन के इर्द गिर्द ही घूमती है।
आप अपनी माँ के लिए, लड़का समान है तो हाल ही में उन्हें के कुछ खरीद कर दिया ?
हंस कर बोली वैसे तो मेरी माँ बहुत ही सरल और सीधे स्वाभाव की महिला है। उन्हें किसी भी चीज़ की जरूरत नहीं। जो कुछ भी ला कर दें दूँ उसी से काम चला लेती है। पर हाँ हर महिला की तरह उन्हें भी जेवरात से बहुत प्रेम है। सो कभी कभी ज्वेलरी की शॉपिंग करवाने ले जाती हूं। या फिर उनकी पसंदीदा जेवरात खरीद कर ला दिया करती हूं।
तो अभी हाल ही में सुना है आप उन्हें दुबई ही लेकर गयी थी ?
जी हाँ, मेरे नाना जी, बहन और मेरी माताश्री मेरे साथ दुबई गये हुए थे। में तो शूटिंग में व्यस्त थी किन्तु मेरी बहन और मेरी माँ ने कुछ खरीदा था। आपसे बात करते हुए मुझे यह याद आ गया कि मैंने बहुत दिनों से माँ के लिए कुछ सोना-चांदी नहीं खरीदा है। मेरे हिसाब से पिछले साल शायद कुछ गिफ्ट किया था।
पर आपको नहीं लगता यह सोने-चांदी से बने हुए जेवरात आपकी माँ आपके दहेज़ के लिए जमा कर रखती होगी ?
हंस कर बोली-मेरे को अभी शादी की जल्दी नहीं है। हाँ मेरी छोटी बहन भी है। उसकी शादी की मंशा है। जी नहीं उसे फिल्मों काम करने का कोई चाव नहीं है। शायद -यह सब हम उसे गिफ्ट कर सकते है।
पर आपकी छोटी बहन की शादी ही जाये और आपकी शादी बाद में हो तो आपके समाज में कुछ उल्टा सीधा नहीं बोलेंगे क्या ?
देखिये,लोग कुछ भी बोले मुझे इससे कतई फर्क नहीं पड़ता है। और वैसे भी हम इतने दक़िया नूसी विचारों में विश्वास नहीं करते है। मुझे शादी करने की जल्दी नहीं है। और यदि मेरी बहन के लिये कोई सही लड़का मिले तो हम क्यों रुके। आज हमारा समाज बहुत आगे बढ़ चुका है। लड़की-लड़को में कोई फर्क नहीं होता है।
आप अपनी माँ की लाड़ली लगती है ?
जी हाँ ! वो कहते है न मेरी जान, 'तोते' में है। बस, वैसे ही मेरी जान मेरी माँ में है। वैसे भी पिछले वर्ष जब वह हार्ट सर्जरी से गुजर रही थी तो में बहुत दुखी थी। क्योंकि जब भी किसी की हार्ट सर्जरी होती है तो हम अंदर सब डरे हुए ही रहते है। अल्लाह का शुक्र है उनका ऑपरेशन सही - सलामत हो गया। आज वह बहुत तंदुरस्त जीवन व्यतीत कर रही है।
आपने कहा आपको शादी की जल्दी नहीं है। ऐसा क्यों ?
सीधी सी बात है, आज के ज़माने में कितनी शादी टूट रही है। मेरे दोस्तों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। अमूमन आज की जनरेशन बहुत खुले विचारों की हो चली है। और हर किसी को फ्रीडम चाहिए होती है।
तो आपको कैसा लड़का चाहिए ?
मुझे पैसों से प्यार नहीं है। सो सरल सीधे विचारों वाला ढंग से प्यार करने वाला यदि कोई अच्छा लड़का मिले तो शादी करुँगी जरूर। लेकिन अभी शादी दूर है।
आप फिल्म 1921 में बतौर हॉरर फिल्म से जुड़ रही हैं ?
जी हाँ मुझे हॉरर फिल्म पहली बारी करने का मौका मिल रहा है। आपको निर्देशक विक्रम भट्ट से यह बात पूछनी पड़ेगी - मुझे हॉरर फिल्म के लायक क्यों उन्होंने चुना ? मैं उनसे यह कैसे पूछ सकती हूँ। दरअसल में मेरे हिसाब से यह पूछना स्टूपिडिटी (बेहूदापन) होगा।
अक्सर बिपाशा बासु को हम लोग हॉरर क्वीन बुलाते थे, क्या आप को भी यह ख़िताब दे सकते है ?
क्यों नहीं? हालांकि यह मेरी पहली हॉरर फिल्म है। पर हो सकता है अगली भी कोई ऐसी ही हॉरर फिल्म मेरी झोली में आ गिरे। मुझे खशी होगी, 'हॉरर क्वीन' कहलाना।