12 साल के दाऊ सिंह “मैं कुछ भी कर सकती हूं” देख कर हुए प्रेरित

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By Mayapuri Desk
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12 साल के दाऊ सिंह “मैं कुछ भी कर सकती हूं” देख कर हुए प्रेरित

दूरदर्शन के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक, मैं कुछ भी कर सकती हूं, को देख कर राजस्थान के चोमू के 12 वर्षीय दाऊ सिंह इतने अधिक प्रेरित हुए कि उन्होंने अपने गांव के लोगों को खुले में शौच करने से रोकने और अपने घरों में सफल स्वच्छ प्रथा लागू करने के लिए प्रेरित करना शुरु किया. दाऊ सिंह के पड़ोसी की जमीन का ग्रामीणों द्वारा शौच के लिए उपयोग किया जाता था. 12 साल के लड़के ने पड़ोसियों को “मैं कुछ भी कर सकती हूं” के कुछ एपिसोड दिखाए और उन्हें परिवार के लिए शौचालय बनाने के लिए राजी किया. इस छोटी सी पहल का बाकी ग्रामीणों पर प्रभाव पड़ा और जल्द ही पूरे गांव ने खुले में शौच करना बंद कर दिया.

इस बदलाव के बारे में बात करते हुए दाऊ सिंह कहते हैं, 'जब मैंने शो देखा, तो मैं कुछ भी कर सकती हूं में डॉ. स्नेहा की कही बातों से मुझे अपने गांव में बदलाव लाने की प्रेरणा मिली. हमने गांव को खुले में शौच से मुक्त करा कर कई बीमारियों पर अंकुश लगाया है. हमारे सरपंच ने गांव भर में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करने का निर्णय लिया. जो लोग अपने घर में शौचालय का निर्माण नहीं कर सकते हैं, वे इन सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करते हैं. हमें बेहतर समाज के लिए “मैं कुछ भी कर सकती हूं” जैसे कई शो चाहिए.”

पॉपुलेशन फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा कहती हैं, ' “मैं कुछ भी कर सकती हूं” एक ऐसा कार्यक्रम है, जो दाऊ सिंह जैसे उन युवाओं से बात करता है, जो अपने समुदायों में बदलाव लाने के लिए नेतृत्व दे सकते हैं. यह सुनना बहुत ही सुखद है कि शो ने कई लोगों को बहुत ही महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित किया है. उनके जैसे युवा ही चैंपियन हैं, जो स्वच्छ्ता एलान का नेतृत्व करेंगे, जिसमें हमने देश भर के लोगों को इसे अपने जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया हैं.”

मैं कुछ भी कर सकती हूं अब अपने तीसरे सीज़न में है. यह शो महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका में लाता है और अपने समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है. यह शो अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए बेहतर स्वच्छता प्रथाओं पर केंद्रित है. यह शो युवाओं के लिए यौन और प्रजनन स्वास्थ्य तक बेहतर पहुंच देता है. “मैं कुछ भी कर सकती हूं” एक युवा डॉक्टर डॉ. स्नेहा माथुर की प्रेरक यात्रा के आसपास घूमती है, जो मुंबई में अपने आकर्षक कैरियर को छोड़ती है और अपने गांव में काम करने का फैसला करती है. यह शो डॉ. स्नेहा की उस लडाई पर केंद्रित है, जिससे सभी के लिए स्वास्थ्य संबंधी बेहतरीन गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके. उनके नेतृत्व में, गांव की महिलाएं सामूहिक कार्रवाई के ज़रिए अपनी आवाज़ उठाती हैं.

आरईसी फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के “मैं कुछ भी कर सकती हूं” के सीजन 3 का समर्थन किया है.

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