26 years of Border: बॉलीवुड (Bollywood) की पॉपुलर फिल्म बॉर्डर (Border) 1997 की भारतीय हिंदी भाषा की महाकाव्य युद्ध फिल्म है, जिसे जेपी दत्ता ने लिखा, निर्मित और निर्देशित किया है. 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सेट, यह 1971 में लोंगेवाला की लड़ाई के दौरान हुई वास्तविक जीवन की घटनाओं का एक रूपांतरण है. वहीं इस फिल्म ने आज 13 जून 2023 को 26 साल पूरे (26 years of Border) कर लिए हैं. इसके साथ-साथ निर्देशक जेपी दत्ता ने अपनी प्रतिष्ठित फिल्म बॉर्डर पर खुलकर बात की और कहा कि उन्हें फिल्म पर बहुत गर्व है.
निर्देशक जेपी दत्ता ने फिल्म को लेकर कही ये बात
आपको बता दें कि फिल्म बॉर्डर में सनी देओल, जैकी श्रॉफ, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना, सुदेश बेरी, पुनीत इस्सर और कुलभूषण खरबंदा जैसे कई कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वहीं तब्बू, राखी, पूजा भट्ट और शरबानी मुखर्जी सहायक भूमिकाओं में दिखाई दिए. निर्देशक जेपी दत्ता ने सरहद और एलओसी कारगिल जैसी फिल्मों का निर्देशन किया हैं. उन्होंने सरहद को बनाने के बाद बॉर्डर और एलओसी कारगिल को उनके भाई की याद में समर्पित कर दिया गया है. जेपी दत्ता अपनी अन्य युद्ध फिल्मों से कहीं अधिक बार्डर की स्थायी सफलता का श्रेय देते हैं. उन्होंने इस बारे में बात करते हुए कहते हैं, “ऐसा नहीं था कि बॉर्डर ने सीमा पार दुश्मनी को बढ़ावा दिया. इसके विपरीत बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती के बारे में था. यह एक युद्ध फिल्म नहीं थी. यह एक युद्ध विरोधी फिल्म थी. मुझे लगता है कि आज की पीढ़ी सेना और वायु सेना में शामिल होने के लिए पर्याप्त रूप से प्रेरित नहीं है”.
निर्देशक ने फिल्म बॉर्डर के कलाकारों को किया याद
जेपी ने बॉर्डर के कलाकारों के साथ बताए गए समय को याद किया. उन्होंने सभी कलाकारों को याद करते हुए कहा कि, “सनी देओल, सुनील शेट्टी और अक्षय खन्ना कभी भी मेरे घर आ सकते थे, किचन में टहल कर जो कुछ भी खाना चाहते थे खा सकते थे. फिल्म यूनिट के एक परिवार की तरह होने के दिन अब खत्म हो गए हैं. अब काम करो और घर जाओ”. दिलचस्प बात यह है कि सनी देओल का रोल पहले अक्षय कुमार को ऑफर किया गया था. लेकिन अक्षय ने एक स्क्रिप्ट मांगी, जो जेपी के पास नहीं थी. अक्षय खन्ना की भूमिका के लिए पहली पसंद आमिर खान थे . महाकाव्य फिल्म निर्माता को अपने पिता ओपी दत्ता की याद आती है. "वह मेरा रचनात्मक साथी था. उनके जाने के बाद वह उत्साह खत्म हो गया है. मैं अब निर्देशन के लिए प्रेरित महसूस नहीं करता.