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50 Years of Namak Haraam: नमक हराम (Namak Haraam) 1973 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य फिल्म है. जिसका निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया है. फिल्म में राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन, रेखा, असरानी, रज़ा मुराद, ए के हंगल, सिमी गरेवाल और ओम शिवपुरी मुख्य भूमिका निभाते हुए नजर आए. वहीं फिल्म के एक सीन की वजह से अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना के बीच इतनी दूरियां आ गईं कि दोनों ने फिर कभी साथ काम नहीं किया. वहीं आज हम फिल्म के 50 साल पूरे (Namak Haraam) होने पर आपको बताने जा रहे है आखिर इसके पीछे की वजह.
ये सीन बना राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन के रिश्ते को तोड़ने की वजह!
दरअसल, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन के रिश्ते में दूरी आने की वजह फिल्म का एक सीन हैं. फिल्म के अंत में अमिताभ बच्चन की मौत का सीन होना था, लेकिन राजेश खन्ना जिद पर अड़े रहे. राजेश खन्ना का मानना था कि जो सितारा सबसे आखिर में मरता है वही दर्शकों के दिलों में उतरता है. इसलिए वह चाहते थे कि अंत में वह मरे चूंकि वह अमिताभ बच्चन से भी बड़े स्टार थे, इसलिए निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी को भी उनसे सहमत होने के लिए मजबूर होना पड़ा. क्लाइमेक्स में बदलाव के बाद फिल्म में राजेश खन्ना की मौत हो जाती है और अमिताभ बच्चन उनकी मौत का बदला लेते हैं. राजेश खन्ना ने अपनी बात तो मनवा ली लेकिन अमिताभ बच्चन की नाराजगी मोल ले ली. वहीं अमिताभ बच्चन के किरदार से ज्यादा तारीफ उनके किरदार को मिली. इससे एक बार फिर राजेश खन्ना बेहद नाराज हो गए.
फिल्म के गाने आज भी हैं बेहद पॉपुलर
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इस फिल्म के गीत आनंद बख्शी के हैं और संगीत राहुल देव बर्मन का है. दिए जलते हैं फूल खिलते हैं, नदिया से दरिया, मै शायर बदनाम इस फिल्म में किशोर कुमार के गाए गाने हैं जो आज भी लोकप्रिय हैं. वहीं मुंबई फिल्म का मुख्य थिएटर नॉवेल्टी था और यहीं फिल्म का प्रीमियर शो हुआ था. यह फिल्म सिल्वर जुबली में जबरदस्त सफल रही. कुछ साल बाद इस फिल्म का तमिल में रीमेक बनाया गया.