Oscar Awards में एंट्री के लिए करनी होती है कड़ी मशक्कत
दुनियाभर के सिनेप्रेमी जल्द होने वाले 92वें ऑस्कर अवॉर्ड्स (Oscar Awards) को लेकर काफी एक्साइटेड हैं। रणवीर सिंह स्टारर फिल्म 'गली बॉय' तो ऑस्कर की दौड़ से बाहर हो गई है। ज़ोया अख्तर की इस फिल्म को ऑस्कर ऑस्कर अवॉर्ड्स (Oscar Awards) की टॉप 10 फिल्मों में एंट्री नहीं मिल सकी। गौरतलब है कि ऑस्कर अवॉर्ड्स (Oscar Awards) के इतिहास में अबतक केवल 3 फिल्में ही ऑस्कर की टॉप 5 फिल्में में अपनी जगह बना सकी हैं। बता दें कि ऑस्कर अवॉर्ड्स (Oscar Awards) जीतना काफी मुश्किल और जटिल प्रक्रिया है।
फिल्म इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का कहना है कि काफी मजबूत मार्केटिंग प्लान और प्रमोशनल कैंपेन के सहारे ही किसी भी फिल्म को फायदा मिल सकता है। साल 2015 में फिल्म 'कोर्ट' को ऑस्कर के लिए ऑफिशियल एंट्री मिली थी। इस फिल्म के डायरेक्टर चैतन्य तम्हाने ने इस बारे में बताया था कि ये ऐसा ही है, जब आपको अपनी फिल्म भारत में रिलीज़ करनी होती है। एक तरह से आपको अपनी फिल्म का प्रमोशन करना होता है और फिल्म का बज़ क्रिएट करना होता है। साथ ही लोगों को ये बताना होता है कि आपके देश से ऑफिशियल एंट्री है आपकी फिल्म।
15-20 लाख से लेकर कई करोड़ तक होता है खर्च
वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि ऑस्कर में एंट्री के लिए करीब 15-20 लाख से लेकर करोड़ों तक भी लग जाते हैं और इतना खर्चा सिर्फ एंट्री के लिए होता है, इसके अलावा ऑस्कर अवॉर्ड्स (Oscar Awards) जीतने के लिए किसी भी फिल्म को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इस बारे में बात करते हुए फिल्ममेकर कुमार राज ने कहा था कि आपको लॉस एंजेलेस में अक्टूबर में ही जाकर अपना कैंप लगाना होता है और वहां कम से कम फरवरी तक रहना भी होत है। उन्होंने ये भी बताया कि कुछ मेकर्स की ये कोशिश भी रहती है कि वो इस दौरान अकैडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंस के पास ही कमरा बुक करें, ऑडिटोरियम वगैरह किराए पर लें और वहां अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग कराते रहे और ज्यादा लोगों को अपनी फिल्म दिखाते रहें।
पब्लिसिटी टीम का अहम रोल
इसके अलावा सबसे जरूरी ये है कि आपको एक सही और मजबूत पब्लिसिटी टीम चुननी होती है। कई बार ऐसा होता है कि टॉप पब्लिसिटी आपकी मूवी को प्रमोट करने के लिए 10 करोड़ तक चार्ज कर सकते हैं। ऐसे ही ऑस्कर कैंपेन के लिए काम कर चुके एक स्टूडियो एक्जक्यूटिव ने इस बारे में बात करते हुए बताया था कि, आपकी फिल्म को तब ज्यादा फायदा पहुंचा है जब आप ऐसे एक्सपर्ट का चुनाव करें, जो वहां की प्रेस सर्किट के बारे में जानता हो और वहां पूरे साल फिल्मों के कैंपेन चलाता हो। कई ऐसे लोग भी हैं जो फॉरेन फिल्म कैटेगरी में विशेषज्ञ होते हैं, ऐसे में किसी भी फिल्म का वहां की प्रेस और ऑडियंस के बीच बज़ बनवाने में ये एक्सपर्ट्स काफी काम आते हैं।
बता दें कि साल 2001 में आई फिल्म लगान ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। आमिर खान की ये फिल्म 80 फिल्मों की लिस्ट में टॉप 5 में एंट्री पाने में कामयाब हुई थी, लेकिन इसके बाद हर साल फिल्में तो बनती रहीं, लेकिन ऑस्कर अवॉर्ड्स की टॉप 10 लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाईं।