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मैंने 'सर सर सरला' की वजह से रिश्तों को बेहतर तरीके से समझना शुरू किया है- अहाना कुमरा

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By Mayapuri Desk
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मैंने 'सर सर सरला' की वजह से रिश्तों को बेहतर तरीके से  समझना शुरू किया है- अहाना कुमरा

ज़ी थिएटर मकरंद देशपांडे का अमेजिंग नाटक 'सर सर सरला'  15 नवंबर को डिश टीवी और डी 2 एच  पर लॉन्च करने के लिए तैयार है.

मकरंद देशपांडे के इस नाटक में  अहाना कुमरा, संजय दाधीच और अंजुम शर्मा जैसे सितारों ने छात्रों और उनके प्रोफेसर के बीच संबंधों की बखूबी भूमिका निभाया हैं.

अहाना जो लगभग एक दशक से इस नाटक का हिस्सा रही है.

उनसे बातचीत के प्रमुख अंश-

वह कहती हैं, “मैंने सर सरला की वजह से रिश्तों को बेहतर तरीके से समझना शुरू किया है. मेरे हिसाब से रियल लाइफ में किसी से ‘प्रेम’ करना आसान है भले ही इसे अनकम्पलीकेटेड माना जाता है.

और जैसा कि इस शो के अंत में दिखाया जाता है कि प्रेम दो लोगों के बीच एक सामान्य समीकरण नहीं है,  इसे हर समय अलग-अलग तरह से महसूस किया जा सकता है.

प्यार के कई रंग हैं. किसी वजह से भी किसी से प्यार हो जाता है और कभी कभी बेवजह भी हम किसी से प्यार कर लेते हैं.

अहाना भी प्यार करना नहीं चाहती. बस वह इतना जानती है कि प्यार में रोमांस होता है. क्योंकि वह कहती है, “सच कहूँ तो मुझे तब तक प्यार नहीं हुआ था जब तक कि मैंने पहली बार अपने भतीजे को देखा और उससे मुझे पहली नजर में ही प्यार हो गया.

जिस पल वह ओटी से बाहर आया था. यह पहली नजर का प्यार था.

जब मैं छोटी थी और जिस तरह का प्यार मैं अपने माता-पिता के लिए महसूस करती थी. लेकिन अब उनकी उम्र हो गयी है और अब मैं भी उनके लिए एक अलग लगाव महसूस करती हूं.

मैं बचपन में विद्रोही मिजाज की थी.  मैंने हर चीज के बारे में उनसे लड़ाई की लेकिन अब हमारे बीच सही तरीके से बातचीत होती है.

प्यार के अलग-अलग रूप होते हैं; आपके जीवन के हर पहलू में इसका अलग-अलग अर्थ है.

मैं भी बदल गई और मेरे साथ-साथ प्यार की मेरी परिभाषा भी बदली... एक तरह से, ‘सर सर सरला’ ने जीवन और प्रेम के इस नए आयाम के लिए मेरी आँखें खोलीं”

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