हाल के समय में किसी भी फिल्म को विरोध और राजनीतिक आरोपों का उतना सामना नहीं करना पडा है, जितना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक को करना पड रहा है. लेकिन आखिरकार चुनाव आयोग ने हरी झंडी दे दी और उच्च न्यायालय द्वारा फिल्म रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली दो याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है. फिल्म निर्माता 11 अप्रैल को नई रिलीज तारीख के साथ सामने आए है.
इस पर टिप्पणी करते हुए आयुर्वेद गुरु आचार्य मनीष, जो फिल्म के निर्माताओं में से एक हैं, ने कहा, 'मुझे खुशी है कि सभी बाधाओं को पार कर लिया गया है. पिछले दो से तीन सप्ताह बायोपिक की टीम के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहे हैं. मैं बहुत उत्साहित हूं कि यह फिल्म अब 11 अप्रैल को रिलीज हो रही है और पूरी दुनिया को इस प्रेरणादायक फिल्म को देखने का अवसर मिलेगा.”
आयुर्वेद गुरु आचार्य मनीष को आयुर्वेद पर भारत के अग्रणी जानकार में से एक माना जाता है. इनके देश भर में करीब 100 केंद्र है, जहाँ प्रतिदिन सैकड़ों रोगियों का इलाज किया जाता है.
जब आचार्य मनीष से आप यह पूछेंगे कि उन्होंने इस परियोजना को समर्थन देने का निर्णय क्यों लिया तो वे स्पष्ट रूप से बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कहानी विशेष है और इसे अवश्य सुना जाना चाहिए, अवश्य देखा जाना चाहिए.
बायोपिक पीएम मोदी, नरेंद्र दामोदर मोदी की यात्रा की विनम्र शुरुआत से लेकर मुख्यमंत्री के रूप में 2014 तक की यात्रा और लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत और अंत में भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नामित होने की यात्रा को दिखाया जाएगा. फिल्म की शूटिंग पूरे गुजरात, उत्तराखंड और देश के अन्य हिस्सों में की गई है.
संदीप सिंह, आनंद पंडित और सुरेश ओबेरॉय द्वारा निर्मित और बायोपिक मैस्ट्रो ओमंग कुमार द्वारा निर्देशित, इस बहुप्रतीक्षित बायोपिक में शानदार कलाकारों की फौज शामिल है जिसमें बहुमुखी अभिनेता विवेकानंद ओबेरॉय 'पीएम नरेंद्र मोदी' की भूमिका में हैं.