भोजपुरी की मान्यता का निजी विधेयक लाएंगे रवि किशन By Sangya Singh 01 Jul 2019 | एडिट 01 Jul 2019 22:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले जब पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की चुनावी रैलियों में भाषण की शुरुआत भोजपुरी में की तो यह उम्मीद जगी कि इस भाषा को संवैधानिक दर्जा मिलेगा। उनकी सरकार की दूसरी पारी शुरू हो गई पर, यह सपना ही रह गया। सोमवार को गोरखपुर के सांसद व भोजपुरी सिने स्टार रवि किशन ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की लोकसभा में मांग उठाई तो एक बार फिर भोजपुरी को सांविधानिक दर्जा मिलने की उम्मीद जगी है। दरअसल, भोजपुरी को सांविधानिक मान्यता दिलाने का वादा भाजपा और उसके सहयोगी दल के बड़े नेता करते रहे हैं। पिछली सरकार में राजधानी के शकुंतला मिश्र विश्वविद्यालय में भोजपुरी सेंटर का उद्घाटन करने आये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने का भरोसा दिया था। सांसद चुने जाने के बाद रवि किशन भोजपुरी में शपथ लेना चाहते थे लेकिन, संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल न होने से उनको इजाजत नहीं मिल सकी। इसलिए अब वह भोजपुरी पट्टी के सांसदों, साहित्यकारों और आमजन की ओर से प्रधानमंत्री तक गुहार लगा रहे हैं। वह निजी विधेयक लाने की भी तैयारी में हैं। ऐसा नहीं कि भोजपुरी को सांविधानिक मान्यता दिलाने की लड़ाई की शुरुआत रवि किशन कर रहे हैं। दशकों पहले उप्र और बिहार के कई सांसद भोजपुरी के लिए निजी विधेयक भी पेश कर चुके हैं। जन भोजपुरी मंच के संयोजक और काशी हिंदू विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के प्रोफेसर सदानंद शाही की अगुवाई में एक करोड़ से अधिक लोगों ने ट्विटर और पत्रों के जरिये प्रधानमंत्री से अपनी मांग रखी है। अब संकेत मिल रहे हैं कि भोजपुरी पट्टी के सांसद एकजुट होकर इसके विकास की मांग उठाएंगे। #Ravi kishan #Bhojpuri Cinema #Bhojpuri Actor #Member of Parliament #Constitutional Status to Bhojpuri हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article