हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता जितेन्द्र के खिलाफ दायर उस FIR को खारिज कर दिया है, जिसमें उनपर ये आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 48 साल पहले अपनी एक रिश्तेदार का यौन उत्पीड़न किया था। न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने सोमवार को पिछले साल 16 फरवरी को आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करने की मंशा से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग) के तहत दर्ज FIR को खारिज कर दिया।
बता दें कि इस अपराध में अधिकतम दो साल तक की सजा हो सकती है। न्यायमूर्ति गोयल ने 26 पृष्ठों के अपने आदेश में अभिनेता की इस दलील को विश्वसनीय माना कि FIR 'द्वेषपूर्ण' है क्योंकि महिला की बेटी को जितेन्द्र के परिवार द्वारा संचालित बालाजी मोशन पिक्चर्स लिमिटेड के एक ऑडिशन में फेल कर दिया गया था। न्यायाधीश ने कहा कि FIR में दी गई सामग्री आरोपी के खिलाफ कार्रवाई आगे बढाने का आधार नहीं बताती क्योंकि यह 'मनगढंत' और ‘बेहूदी’ है।
FIR में जितेन्द्र की रिश्तेदार ने कहा था कि घटना 1971 की है, जब अभिनेता शिमला में उसे एक होटल के कमरे में ले गए थे। उस समय उसकी उम्र 18 और जितेन्द्र की 28 वर्ष थी।