शाहरुख खान
एक्टर शाहरुख खान मानते हैं निर्देशन का काम बेहद अकेलेपन का है। अगर में निर्देशक बन जाऊं तो हो सकता है कि मैं तन्हा और उदास हो जाऊं। इसी के चलते शाहरुख खान ने ‘बीबीसी’ के पत्रकार एवं ‘टॉकिंग मूवीज’ के होस्ट टॉम ब्रुक को दिए इंटरव्यू में कहा और अपने निर्देशन बनने के काम के बारे में बताया, ‘‘ यह भगवान की भूमिका जैसा है, आप एक फिल्म बनाते हैं, आप अभिनेताओं को बताते हैं कि अभिनय कैसे किया जाए, संवादों का चयन करना, थिएटरों में जाना....काले कमरों में उसकी ‘एडिटिंग’ करना... और जब फिल्म रिलीज होती है तो उसकी कामयाबी और नाकामयाबी के लिए आप ही जिम्मेदार होते हैं. मुझे लगता है कि निर्देशन के काम में बेहद अकेलापन है।’’
उन्होंने आगे बताया कि, ‘‘ मुझे हमेशा चिंता होती है कि अगर मैं निर्देशक बन गया, मैं सच में बहुत अकेला हो जाऊंगा और रोजमर्रा की जिंदगी से कट जाऊंगा। एक स्टार होने के नाते में पहले ही बेहद अकेला हूं, शांत, खुद तक सीमित रहने वाला इंसान हूं। अभी मैं काफी तनहा लेकिन खुश महसूस करता हूं। अगर मैं निर्देशक बन गया तो और अकेला और दुखी हो सकता हूं।’’
आपकी जानकारी के लिए बता दें की शाहरूख की फिल्म 'जीरो' और 'जब हैरी मेट सेजल' बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा धमाल नही मचा पाई थी। मगर इसी के साथ वह आगे बताते है कि जब वह फिल्म बना रहे थे। तब उन्हें लगता था कि वह अच्छी फिल्म को बना रहे है। मगर यह दोनों फिल्म पर ज्यादा नही चल पाई। इसी के चलते शाहरुख खान ने आने वाली युवा पीढ़ी को कड़ी मेहनत करने और शौहरत को सिर पर सवार ना होने की सलाह दी।
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