अभिनेता सोनू सूद को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी द्वारा उनके बिल्डिंग में अवैध निर्माण पर दिए गए नोटिस के खिलाफ राहत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
सोनू सूद ने एमआरटीपी अधिनियम के तहत जारी नोटिस पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
एडवोकेट उज्ज्वल आनंद शर्मा और डी. कुमानन के माध्यम से दायर की गई याचिका में सोनू सूद ने दावा किया है कि उनके बंगले के निर्माण को बीएमसी आयुक्त ने आंशिक मंजूरी दी थी और मुंबई तटीय विनियमन क्षेत्र प्राधिकरण से मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।
सोनू सूद ने तर्क दिया है कि चूंकि आंशिक मंजूरी दी गई है, इसलिए नोटिस जारी नहीं किया जाना चाहिए था। उच्च न्यायालय ने पहले उनके तर्कों को खारिज कर दिया था।
उच्च न्यायालय के अंतरिम आवेदन में अभिनेता ने बीएमसी को जुहू क्षेत्र में अपनी आवासीय संपत्ति के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई करने से रोकते हुए आदेश मांगा था।