-सुलेना मजुमदार अरोरा
मिर्जापुर शो का पहला सीजन एक अजब मोड़ पर समाप्त हुआ जो बदले की भावना से अंत होते नजर आया। पिछले सीजन में अली फजल के किरदार में काफी एक्शन था, लेकिन हसीन, चुलबुली, कमसिन नाजुक श्वेता के लिए एक्शन बिल्कुल नया था। पहले सीजन में उनका किरदार गोलू एक नटखट महिला के रूप में सामने आता है, लेकिन नए सीजन में उनका चरित्र पूरी तरह से एक नए भाव में नजर आएगा। अपनी बहन की मौत का बदला लेने के लिए, श्वेता को भारी भरकम एक्शन सीन करने पड़े।
वे मायापुरी से कहती है, “मुझे आज भी याद है कि मैंने पहली बार गन पकड़ी थी। उसकी गूँज ने मुझे पूरी तरह से हिला दिया था। मुझे तभी पता चल गया था कि मुझे इसके लिए प्रशिक्षण लेना होगा। हमने असली बंदूकों का इस्तेमाल किया और इसलिए मैंने स्टंट डायरेक्टर मनोहर वर्मा के साथ फिल्म सिटी के पास उनके ट्रेनिंग आर्केड में अगले 10 दिनों तक ट्रेनिंग ली। मैं ट्रेनिंग सेशंस के लिए चीता (चैतन्य शर्मा, पति) को साथ ले जाती थी और वह मुझे गोलू 2.0 बनता देख बेहद उत्साहित रहते थे। मैं प्रशिक्षण के दौरान कानो में एयर प्लग्स लगा के संगीत सुना करती थी ताकि धमाकों से विचलित ना हो जाऊं। लेकिन असली आत्मविश्वास सेट पर आया था। हाथ में दहकती गन लिए इमोशनल सीन्स को अंजाम देना और यह सुनिक्षित करना कि सब कुछ आसानी से हो जाये काफी कठिन था।
विशेष रूप से मेरे जैसे किसी के लिए, क्योंकि मैं हिंसा पसंद नहीं करती लेकिन यह श्वेता नहीं बल्कि गोलू की कहानी है। मैं गोलू का जीवन जी रही हूं। मुंबई में हुई शूटिंग के अपनेे पहले दिनों में से एक, मैंने खुद को भावनात्मक रूप से तैयार किया। यह पहली बार है जब मैं एक्शन सीन्स कर रही थी। मैंने शारीरिक रूप से बहुत पहले ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। इस सीजन में मेरा किरदार, एक दिलचस्प छाप लोगो को दिल और दिमाग पर छोड़ जायेगा। वह सीजन 1 से गोलू की तरह नहीं दिखेगी। मैं रोजाना शूटिंग और ट्रेनिंग पूरी करती थी। हम अक्सर महिलाओं को बंदूक पकड़े हुए नहीं देखते हैं, अगर मैं ऐसा कर रही हूं, तो मैं इसे अच्छी तरह से करना चाहती थी।’
श्वेता कहती हैं कि जिन लोगों पर आप भरोसा करते हैं, उनके साथ काम करना महत्वपूर्ण है। ‘गन प्रशिक्षण महत्वपूर्ण था लेकिन मास्टरजी मुझे याद दिलाते रहे कि यह गोलू की भावनाएं हैं। इस काम में उपलब्धि पाना एक कठिन हिस्सा था और जब ऐसा होता है तो एक ऐसे चरित्र के साथ जिसे आप बेहतर जानते हैं और पूरे सीजन जिया हैं, ऐसा करना रोमांचकारी था। मैंने एक्शन्स सीन्स के लिए बेहद मेहनत की है और खुद कई स्टंट्स भी किए है क्योंकि स्टंट डबल्स प्रामाणिकता पर समझौता कर सकते थे।। हमें एक्शन सीन सिखाये जाते थे शूट करने से पहले और इसे अच्छी तरह से कोरियोग्राफ किया जाता था। शूट करने से पहले। यह पूरा अनुभव एक यादगार सफर रहा जहाँ मैंने अपने किरदार की इतनी तैयारी की।’