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-शरद राय
पिछले हफ्ते हमने बताया था कि किस तरह अमिताभ बच्चन के बंगले ’प्रतीक्षा’ के सामने सड़क विस्तार के लिए बंगले की दीवार को तोड़ने के लिए मामला लोकायुक्त तक गया है, अब इस हफ्ते उसी तर्ज पर एक लोकल एक्टिविस्ट ने सोनू सूद के जुहू स्थित होटल की बिलिं्डग के अनाधिकृत- उपयोग होने की शिकायत को लोकायुक्त तक पहुंचाया है कि होटल के अनाधिकृत कंस्ट्रक्शन को तोड़ने और उपयोग किये जाने के मामले में बीएमसी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रही है। सोनू सूद का यह होटल भी अमिताभ के बंगले ’प्रतीक्षा’ की लोकालिटी यानी-जुहू में है, जहां इउब यानी मुम्बई महानगर पालिका के ’ज्ञ’ वार्ड के द्वारा अनाधिकृत निर्माण कार्यों पर नज़र रखा जाता है। सोनू सूद का यह होटल जुहू में ए. बी. नायर रोड पर स्थित शक्ति सागर बिलिं्डग में है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विवाद इस बात को लेकर है कि होटल एक रिहायसी अनुमति से बनाई गई बिलिं्डग में कैसे बनाया गया? पहले महले से छठे महले तक होटल सोनू सूद के द्वारा संचालित रहा है। इउब ने शिकायतों के आधार पर सोनू को गत जुलाई महीने में नोटिस भेजा था कि होटल को कमर्सियल से रिहायसी रूप में कन्वर्ट करें और जो अनाधिकृत निर्माण है उनको भी हटाया जाए। सोनू इस नोटिस पर बीएमसी को जवाब देते सूचित किये थे कि वह वैसा कर देंगे। कोरोना के दौरान इस होटल के कमरों को मेडिकल स्टाफ को रहने के लिए सोनू ने दिया था। पिछले कोरोना महामारी के दौरान जब सोनू सूद प्रवासी भारतीय मजदूरों को मुंबई से उनके गांव बसों से भेजने में मदद कर रहे थे, उनको लोग बहुत सम्मान और प्यार देने लगे। कहते हैं सोनू का यह बढ़ता कद और सम्मान कुछ लोगों को खटकने लगा था। उसी के बाद उनको होटल विवाद में डालकर लीगल या इलीगल के पचड़े में खींचे जाने की चर्चा शुरू हुई। इउब के निर्देश के बाद सोनू ने कंस्ट्रक्शन कार्य मे बदलाव किया और उसकी सूचना भी दिया। लेकिन, “यह किया नहीं गया“ यह आरोप लेकर एक एक्टिविस्ट ने लोकायुक्त के पास शिकायत दर्ज करा दिया। यह विवाद एक साल को हो गया है। जनवरी में महानगर पालिका ने एक पुलिस कम्प्लेन दर्ज किया सोनू सूद के खिलाफ अवैध निर्माण की बात कहकर। फरवरी में सोनू ने अपनी सहमति दिया कि वे होटल को रेसिडेंशियल में बदल देंगे। अप्रैल में महानगर पालिका ने सोनू की बात को स्वीकार किया और कहा कि वे ऐसा करें। अक्टूबर में इउब ने इंस्पेक्शन किया और बताया कि मैं पाया कि वैसा कुछ किया नहीं गया है। नवम्बर में फिर सोनू को एक नई नोटिस आई तो सोनू का जवाब था कि बदलाव किया जा चुका है पेपर भेजा जा रहा है। इस बीच लोकायुक्त को शिकायत गई कि सब उस होटल को लड़कियों के लिए होस्टल बना दिया गया है यानी कमर्शियल उपयोग हो रहा है।
बीएमसी सिर्फ नोटिस भेजती है और डिमोलेशन को कराने में उसको कोई जल्दी नहीं है। लोकायुक्त के आदेश के बाद बीएमसी ने फिर सोनू सूद को नई नोटिस भेजा है। सोनू को अब किये गए कार्यों की पूरी सूचना देना है और होटल में किये गए बदलाव की पूरी जानकारी देना है। लोगों का कहना है कि बॉलीवुड सितारों को पोलटिकल प्रेसर के कारण ऐसी परेशानियों को उठाना पड़ता है। इसके पहले कंगना रनौट और पहले शाहरूख खान भी बीएमसी के तोड़क दस्ते के शिकार हुए हैं। अमिताभ का मामला भी अभी निबटा नहीं है और अब लपेटे में सोनू सूद हैं।