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भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया

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By Mayapuri Desk
भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया
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Ajay Devgn Birthday Speical : जिस तरह मिट्टी के हर कण में पहाड़ होता है, हर बीज में एक जंगल, हर तलवार में एक सेना, उसी तरह हर एक मराठा में छुपा है लाख मराठा।भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया

जनवरी की सर्दी में जब सुबह के वक़्त मैं थिएटर में बैठा ये फिल्म देख रहा था, तब हॉल लगभग आधा भरा था। लेकिन ऊपर लिखे इस डायलॉग के बाद इतनी तालियाँ बजी थीं कि लग रहा था दो सिनेमा हॉल के दर्शक मिलकर यहाँ घुस आए हैं। तालियों का ऐसा दौर, सीटियों की ऐसी ध्वनि मैंने सिनेमा हॉल में एक अरसे बाद सुनी थी। कुछ ऐसा जलवा बिखरा था अजय देवगन और उनके अनकहे योद्धा यानी अनसंग वारियर ‘तानाजी मालुसरे’ का।भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया

आज अजय देवगन के जन्मदिन पर हम आपके लिए ये स्पेशल स्टोरी लेकर आए हैं। बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि अजय का जन्म का नाम विशाल था। फाइट मास्टर वीरू देवगन के बेटे विशाल देवगन का बचपन से एक ही सपना था, उसे एक्टर बनना है। अपने पिता के साथ सेट पर जाते वक़्त विशाल का कभी मन नहीं हुआ कि वो एक्शन करें या डायरेक्शन करें, लेकिन एक्टर्स को देखकर उन्होंने हमेशा चाहा की उन्हें भी स्टार बनना है। बड़े होने के बाद उन्होंने एक्शन भी सीखा और घुड़सवारी भी। वहीं जब उनके लांच की बारी आई तो उन्हें पता चला कि विशाल नाम के कई एक्टर्स इंडस्ट्री में अपनी पारी शुरु करने की तैयारी कर चुके हैं (जिनमें मनोज कुमार के बेटे विशाल मुख्य थे)। तभी अपनी पहली फिल्म के करैक्टर अजय नाम को विशाल ने अडॉप्ट कर लिया और वो 22 नवम्बर 1991 को सन्देश कोहली की फिल्म फूल और कांटे की रिलीज़ के साथ ही अजय देवगन कहलाने लगे।भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया

अजय ने अपनी पहली फिल्म से ही दो बाइक पर एक-एक पैर रखने वाला स्टंट करके दर्शकों के दिल में जो जगह बना ली। इसी फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला। आप यकीन जानिए इसके बाद कोई ऐसा साल नहीं गया जब अजय देवगन ने कोई बड़ी हिट फिल्म न दी हो। फिर चाहें वह ‘जिगर’ हो, ‘दिल है बेताब हो’ या ‘दिलवाले’ जैसी ब्लॉकबस्टर हो। यही नहीं, आमिर खान और सलमान खान स्टारर कॉमेडी ड्रामा फिल्म ‘अंदाज़ अपना-अपना’, जो आज तक टीवी पर सहपरिवार देखी जाती है; भी अजय देवगन की ‘सुहाग’ के बाद रिलीज़ होने की वजह से फ्लॉप हो गयी थी। एक साइड से मांग, सांवला रंग और बोलती हुई ख़ूबसूरत आँखों के मालिक अजय देवगन आशिक़ मिजाज़ लड़कों में खासे लोकप्रिय थे। बहुत से फिल्म क्रिटिक उनकी लुक की तुलना सुनील दत्त से भी करते थे लेकिन अजय को कभी अपनी तुलना दत्त साहब से करना ठीक नहीं लगता था।भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया

लेकिन अजय देवगन ने जब क़यामत नामक फिल्म में अपना लुक बदला तो एक बार फिर यूथ उनका दीवाना हो गया। अजय ने न सिर्फ अपनी लुक पर ध्यान दिया, बल्कि खुद को फिट रखने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। वह आज अजय देवगन 52 साल के हो गए हैं पर आज भी वह अपने स्टंट ख़ुद कर सकते हैं, आज भी उनके जैसी बॉडी और हेल्थ पाना बहुतों के लिए एक सपने जैसा है।

अजय देवगन की फिल्में हमेशा से क्रिटिक और पब्लिक दोनों को पसंद आने वाली फिल्में होती रही हैं। उन्होंने प्रकाश झा के साथ गंगाजल, अपहरण, राजनीति आदि एक से बढ़कर एक क्लास फिल्में कीं जो आज भी टीवी पर आ रही हों तो देखने वाला नज़र नहीं हटा पाता।भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया

अजय को एक्टिंग के साथ-साथ फिल्ममेकिंग में, या फिल्म प्रोडक्शन में भी बहुत मज़ा आता है। अजय की माने तो ये एक ऐसा काम है जिसे करके वो कभी थकते नहीं हैं। शायद यही वजह रही होगी कि जब वो ॐ राउत से मिले तो उन्होंने बिना किसी सेकंड थॉट के पिछले साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म यानी तानाजी पर पैसा लगाने के लिए हाँ कर दी।भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया

मराठी कोर्स और पश्चिम भारत में तो ज़रूर तानाजी के बारे में एक मशहूर कथा बच्चों को सुनाई जाती थी पर हम उत्तर भारतियों ने महाराणा प्रताप और शिवाजी महाराज के किस्से ही सुने और पढ़े थे। अजय बताते हैं कि कोई 4-5 साल पहले, यानी करीब 2014 में ही अजय के मन में कुछ ऐसा विचार आया था कि क्यों न उन योद्धाओं के बारे में दुनियाभर को बताया जाए जिन्होंने अपनी वीरता से इतिहास रच डाला लेकिन उनका ज़्यादा नाम न हो सका। वो इतिहास रचकर खुद ही इतहास में कहीं खो गए। शायद यही सोच ॐ राउत की भी होगी जब वो तानाजी का कांसेप्ट लेकर अजय देवगन के पास पहुँचे।

अजय (Ajay Devgn) ने न सिर्फ इस फिल्म में काम करना मंजूर किया बल्कि उन्होंने इस फिल्म को प्रोड्यूस करने का भी फैसला लिया। एक पीरियड ड्रामा फिल्म प्रोड्यूस करने का मतलब होता है कि फिल्म का बजट बहुत ऊपर जाने वाला है, पर फिर भी अजय देवगन ने 150 करोड़ बजट की परवाह न की। अजय से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ॐ राउत ने स्क्रिप्ट की बारीकियों पर काम करना शुरु किया। इस तरह चार-साल से ज़्यादा समय इस फिल्म की स्क्रिप्ट को तैयार करने में लगा, उस दौर में कैसे दरवाज़े होते थे, किस तरह की पोशाकें होती थीं, लोग किस लहजे में बोलते थे आदि पर बहुत मेहनत की गयी। इस फिल्म के साथ ही अजय ने ये तय किया कि वो अनसंग वारियर्स यानी अनसुने योद्धाओं की सीरीज लेकर आयेंगे। सुनने में आया है कि यह दस फिल्मों की सीरीज़ होने वाली है। भोले भक्त अजय देवगन का मानना है कि यूथ से भरे हमारे देश के असंख्य लोगों को ये जानने की ज़रुरत है कि आख़िर कैसे देश के वीर योद्धाओं ने अपनी और अपने परिवार की भी परवाह न करते हुए अपने प्रान्त और अपने देश की सुरक्षा के लिए लड़ मरे।भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया

अजय (Ajay Devgn) के बढ़ते और बदलते कैरियर की तरफ नज़र करें तो शुरुआत में हमें ज़्यादातर रोमांटिक और एक्शन फिल्म्स मिलती हैं। लेकिन अजय (Ajay Devgn) ने अपनी दूसरी पारी में ‘मैं ऐसा ही हूँ’ और द लेजेंड ऑफ भगत सिंह जैसी कल्ट, या गंगाजल जैसी पोलिटिकल ड्रामा फिल्में कर बता दिया कि वो किसी टाइप में फंसे एक्टर नहीं हैं। वहीं उन्होंने रोहित शेट्टी के साथ मिलकर गोलमाल सीरीज समेत एक से बढ़कर एक कॉमेडी फिल्में दीं। सिंघम यूनिवर्स में फिर से एक्शन की तरफ घुसने के साथ-साथ अजय ने ये भी जता दिया कि वह अब ऐसी फिल्में करने के मूड में हैं जो लोगों को इन्सपायर कर सकें। जिन्हें देखने के बाद लोगों दशकों तक अजय देवगन और उनके अभिनय का लोहा माने।

इसीलिए अजय (Ajay Devgn) ने आने वाली पीढ़ी को इन्सपायर करने के लिए तानाजी के बाद दस और फिल्में लाने का निर्णय लिया है जो फिलहाल covid की वजह से टल गया है। पर आपको बताते चलें कि इनमें ये चुनिंदा हमारे इतिहास से जुड़े योद्धा हो सकते हैं।

इनमें सबसे पहले 11वीं सदी में बहराइच के राजा सुहलदेव पर फिल्म बन सकती है। सुहलदेव ने भी मुग़ल गज़नविद सेनापति गाज़ी मिया से सीधी टक्कर ली थी और न सिर्फ उसे हराया था बल्कि वो हाल किया था कि गाज़ी ज़ख्मों की वजह से मर गया था। गाज़ी की मदद करने के लिए एक नहीं बल्कि तीन-तीन पड़ोसी राज्य के राजाओं ने भी सुहलदेव पर हमला कर दिया था लेकिन सुहालदेव ने सबको हराया था।भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया

इसके बाद 18-19वीं सदी में पंजाब के मशहूर सेनापति हरी सिंह नलवा पर भी अजय फिल्म ला सकते हैं। नलवा जी ने एक के बाद एक, सियालकोट से लेकर पेशावर कश्मीर तक मुग़लों की नाक में दम कर दिया था।     भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया

इनके साथ ही अमृतसर के शहीद बाबा दीपसिंह जी पर भी अजय फिल्म बना सकते हैं। बाबा दीप सिंह ने पूरी रात हरिमंदिर साहब यानी आज के गोल्डन टेम्पल में अब्दाली और उसकी सेना को घुसने नहीं दिया था। उनका सिर कट गया था लेकिन फिर भी वो सिर थामें लड़ते रहे थे और शहीद हुए थे।भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया

इसी तरह भारतवर्ष में ऐसी सैकड़ों कहानियां हैं जिनके बारे में आज की और आने वाली पीढ़ी को पता होना चाहिए और ये अवेयरनेस फैलाने का जिम्मा बर्डे बॉय अजय देवगन ने लिया है।

आज उनके जन्मदिवस पर ही वर्ल्ड लेवल पर सुपरस्टार डायरेक्टर राजामौली ने अपनी आने वाली फिल्म RRR में उनका मोशन पोस्टर लांच किया है। इसमें भी अजय एक क्रांतिकारी ने भेस में नज़र आ रहे हैं।

भोले बाबा सी आँखों वाले Ajay ने अनसुने योद्धाओं को पर्दे पर उतारने का प्रण ले लिया

अजय देवगन (Ajay Devgn) ने जताया है कि एक फिल्ममेकर होने के नाते आप सिर्फ टैक्स पे करने के अलावा भी अपनी देशभक्ति दर्शा सकते हैं।

अजय देवगन ((Ajay Devgn) को मायापुरी की तरफ से जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई। हम आशा करते हैं कि अजय अपनी अनसंग वारियर सीरीज में दस नहीं बल्कि सौ फिल्में बनाएं और सब की सब सफ़ल हों।

 - सिद्धार्थ अरोड़ा सहर

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