अभिनेत्री अलंकृता सहाय के लिए यह एक साल कठिन रहा है, जिनके पिता का पिछले साल अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. वह कहती हैं कि यह सब अचानक होना ही एक है, जो स्थिति से जूझना मुश्किल बना देता है.
अभिनेत्री ने नए साल की शुरुआत शांत तरीके से करने का फैसला किया क्योंकि यह उनके पिता के निधन के एक साल से भी टकरा रहा है. उनके पिता जो एक हंसमुख व्यक्ति थे, उन्होंने हमेशा सभी की मदद की. ऐसी अनगिनत आत्माएँ हैं जिन्हें उन्होंने प्रभावित किया और उनका जीवन बदल दिया. अलंकृता अपने पास मौजूद हर चीज का श्रेय अपने पिता और मां को देती है.
उनकी पहली पुण्यतिथि पर उनके बारे में याद करते हुए, अलंकृता कहती हैं, वह सिर्फ मेरे पिता नहीं थे, वह मेरे सबसे अच्छे दोस्त थे. मैं उनके पास लोगों की समस्याओं, काम की समस्याओं, वित्तीय सलाह के लिए जाती थी. मैं यहां सिर्फ उनकी वजह से हूं. उन्हें मुझमें तब विश्वास किया जब किसी ने नही किया. मैं दुनिया को देखने के लिए उनके कंधों पर खड़ी हो गई. मेरा दिल कभी-कभी यह विश्वास नहीं कर पाता है कि मैं अब उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं देख पाउंगी. लेकिन वह मेरे लिए सर्वव्यापी है. यह सभी के लिए एक कठिन समय रहा है. हमें लोग उन्हें बहुत प्यार से याद करते हैं. केवल एक चीज जो मुझे स्वस्थचित्त रखती है, वह यह है कि मेरे पास उनके साथ जीवन भर की यादें हैं.