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ऑल लिविंग थिंग्स एनवायरनमेंटल फिल्म फेस्टिवल, अब अपने तीसरे संस्करण में

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By Mayapuri
ऑल लिविंग थिंग्स एनवायरनमेंटल फिल्म फेस्टिवल, अब अपने तीसरे संस्करण में
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लगातार दो सफल वर्षों के बाद 'ऑल लिविंग थिंग्स एनवायरनमेंटल फिल्म फेस्टिवल' 2022 में एक बड़े पैमाने पर वापस लौटा है और अब यह पूरी तरह से एक्सेसिबल बनकर पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और प्रकृति की बातचीत को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहा है. 17 नवंबर से शुरू होने वाले फेस्टिवल में इस साल क्यूरेटेड प्रोग्रामिंग होगी, जिसे वर्चुअल रूप से पूरी तरह से एक्सेस किया जा सकता है जिसमें भारत भर के प्रमुख शहरों में चुनिंदा फिल्में भी दिखाई जाएंगी. इस वर्ष यह महोत्सव भारत और दुनिया भर की 55 फिल्मों के प्रभावशाली चयन का दावा करता है, जिनमें फीचर, लघु और एनिमेटेड प्रारूप शामिल हैं. इस साल, महोत्सव में फिल्म निर्माता किरण राव और विद्या बालन अभिनीत फिल्म शेरनी के पुरस्कार विजेता निर्देशक सहित एक शानदार जूरी है.

महोत्सव की कुछ प्रमुख फिल्में इस प्रकार हैं

इन डस्ट

हिमालय के फ़ुटहिल्स में बचे हुए केवल दो ट्राइबल औरतों की कहानी है, जो अपने गांव में एकांकी जीवन जी रहे हैं. वे इस दुविधा में फंसे हुए हैं की दूसरों की तरह  वो लोग भी अपना ये गाँव छोड़ दे या उस धरती के साथ जुड़े रहें जिसे वे अपना घर मानते हैं. 

वंदना शिव के बीज

यह भारत के गांचियन  इको एक्टिविस्ट की कहानी है, जो औद्योगिक कृषि के उद्योगपतियों के खिलाफ खड़े हुए और खाद्य न्याय आंदोलन के लिए लड़ते रहे. 

ऑल दैट ब्रीथ्स

यह दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण की पृष्ठभूमि पर आधारित कहानी है कि कैसे ऐसे बुरे समय में दो भाई निकल पड़ते हैं एक खास घायल बर्ड प्रजाति की रक्षा करने के लिए जिसे ब्लैक काइट कहते है.

थेंगापल्ली 

ओड़िसा की पृष्टभूमि पर, यह आदिवासी महिलाओं की कहानी है, जो लकड़ी माफिया के खिलाफ उठ खड़ी हुई और उस जंगल में रात रात भर गश्त करती  रही जिसे वे अपना घर कहते हैं और इसे संरक्षित करने के लिए लड़ते है.

नेहबर्ड 

यह कहानी है कि गुड़गांव के एक कपल की, जो कोविड काल के दौराने   यह खोज करते हैं कि एक शहर के एक एक वर्ग किमी के भीतर भी इतनी जैव विविधता है, लेकिन इस बारे में और अधिक जानने के लिए किसी को बाहर निकलने और तलाशने की जरूरत  है.

फ़िल्म फेस्टिवल का विवरण 

17 से 27 नवंबर ,  वर्चेलुएली www.alteff.in पर और भारत भर के शहरों में कुछ फिल्मों की स्क्रीनिंग (अपनी वेबसाइट के माध्यम से खुद को अपडेट रखें), यह  भारत का प्रीमियर पर्यावरण फिल्म समारोह - 'आल लिविंग थिंग्स' है.  फ़ेस्टिवल की शुरुआत की तारीख से एक दिन पहले तक, यानी 16 नवंबर 2022 तक रेजिस्ट्रेशन करें. वर्चुअल फेस्टिवल में प्रविष्टियां रेजिस्ट्रेशन निःशुल्क हैं. 

पानी के संकट की पृष्ठभूमि पर आधारित पाकिस्तानी कार्यकर्ता परवीन रहमान की सच्ची कहानी पर आधारित और अकादमी पुरस्कार विजेता फिल्म मेकर ऑरलैंडो वैन आइन्सीडेल क्लाइमेट एक्सोडस द्वारा निर्देशित है.

क्लाइमेट एक्सोडस

डेविड बॉट द्वारा निर्देशित, इस फिल्म में हाइलाइट किया गया है तीन महिलाओं की कहानी को, जिन्होंने जलवायु परिवर्तन के कारण अपना सब कुछ खो दिया है और अब एक नया जीवन शुरू करने के लिए प्रवास कर रही हैं.

हाउ टू किल अ एक्लाउड

यह एक फिनिश महिला वैज्ञानिक की कहानी है, जो संयुक्त अरब अमीरातमें, विज्ञान का उपयोग करके बारिश का निर्माण करती है.

एक था गांव

हिमालय के फ़ुटहिल्स में बचे हुए केवल दो ट्राइबल औरतों की कहानी है, जो अपने गांव में एकांकी जीवन जी रहे हैं. वे इस दुविधा में फंसे हुए हैं की दूसरों की तरह  वो लोग भी अपना ये गाँव छोड़ दे या उस धरती के साथ जुड़े रहें जिसे वे अपना घर मानते हैं. 

वंदना शिव के बीज

यह भारत के गांचियन  इको एक्टिविस्ट की कहानी है, जो औद्योगिक कृषि के उद्योगपतियों के खिलाफ खड़े हुए और खाद्य न्याय आंदोलन के लिए लड़ते रहे. 

ऑल दैट ब्रीथ्स

यह दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण की पृष्ठभूमि पर आधारित कहानी है कि कैसे ऐसे बुरे समय में दो भाई निकल पड़ते हैं एक खास घायल बर्ड प्रजाति की रक्षा करने के लिए जिसे ब्लैक काइट कहते है.

थेंगापल्ली 

ओड़िसा की पृष्टभूमि पर, यह आदिवासी महिलाओं की कहानी है, जो लकड़ी माफिया के खिलाफ उठ खड़ी हुई और उस जंगल में रात रात भर गश्त करती  रही जिसे वे अपना घर कहते हैं और इसे संरक्षित करने के लिए लड़ते है.

नेहबर्ड 

यह कहानी है कि गुड़गांव के एक कपल की, जो कोविड काल के दौराने   यह खोज करते हैं कि एक शहर के एक एक वर्ग किमी के भीतर भी इतनी जैव विविधता है, लेकिन इस बारे में और अधिक जानने के लिए किसी को बाहर निकलने और तलाशने की जरूरत  है.

फ़िल्म फेस्टिवल का विवरण 

17 से 27 नवंबर ,  वर्चेलुएली www.alteff.in पर और भारत भर के शहरों में कुछ फिल्मों की स्क्रीनिंग (अपनी वेबसाइट के माध्यम से खुद को अपडेट रखें), यह  भारत का प्रीमियर पर्यावरण फिल्म समारोह - 'आल लिविंग थिंग्स' है. फ़ेस्टिवल की शुरुआत की तारीख से एक दिन पहले तक, यानी 16 नवंबर 2022 तक रेजिस्ट्रेशन करें. वर्चुअल फेस्टिवल में प्रविष्टियां रेजिस्ट्रेशन निःशुल्क हैं. 

#Environmental Film Festival #third edition
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