बॉलीवुड में लगभग पचास वर्षों का करियर बनाए रखने वाले लिविंग लिजेन्ड अमिताभ बच्चन से मिलने वाले प्रत्येक रिपोर्टर का अपना अपना अनुभव रहा है। 90 के दशक में उनसे मिलने वालों को उनके नेचर के कई पहलुओं को समझने का मौका भी मिला। मैं भी उनमें से एक थी। इंटरव्यू के दौरान मैंने नोट किया कि उन्हें संक्षिप्त प्रश्न अच्छे लगते थे जिनका उत्तर वे एलोब्रेटली देते थे जबकि बड़े प्रश्नों का जवाब वे छोटे और कट टू कट देते थे, इसकी वजह पूछने पर कुछ मुस्कुराते हुए वे बोले थे , 'या तो आप बोल लीजिए या हम बोल लें।' मुझे याद है कि वे चाहे इंटरव्यू के लिए तुरंत अपॉइंटमेंट ना दें लेकिन भद्र पत्रकारों के साथ हमेशा बेहद इज्जत से पेश आते थे। एक बार जब शूटिंग कवर करने के दौरान कोई कुर्सी खाली नहीं मिल रही थी तो उन्होंने खुद अपनी कुर्सी मुझे बैठने के लिए दी, मैंने संकोच की लेकिन वे नहीं माने और तब तक खड़े रहे जब तक उनके लिए दूसरी कुर्सी नहीं आ गई और हां उस घटना को मैं कैसे भूल सकती हूं जब शूटिंग के दौरान एक कोने में पड़े लाइव इलेक्ट्रिक वायर पर मेरे पांव पड़ने वाले थे लेकिन अमिताभ सर ने जोर से आवाज देकर मुझे सावधान किया था।
मायापुरी की लेटेस्ट ख़बरों को इंग्लिश में पढ़ने के लिए www.bollyy.com पर क्लिक करें.
अगर आप विडियो देखना ज्यादा पसंद करते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल Mayapuri Cut पर जा सकते हैं.
आप हमसे जुड़ने के लिए हमारे पेज width='500' height='283' style='border:none;overflow:hidden' scrolling='no' frameborder='0' allowfullscreen='true' allow='autoplay; clipboard-write; encrypted-media; picture-in-picture; web-share' allowFullScreen='true'>
'>Facebook, Twitter और Instagram पर जा सकते हैं.
embed/captioned' allowtransparency='true' allowfullscreen='true' frameborder='0' height='879' width='400' data-instgrm-payload-id='instagram-media-payload-3' scrolling='no'>