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अब रिषि कपूर हमारे बीच नही है.उनके इस संसार से चले जाने के बाद अमिताभ बच्चन ने रिषि कपूर के लिए एक भावुक ब्लॉग लिखा है,जिसे हम यहां पेष कर रहे हैंः
मैंने उन्हें उनके घर चेंबुर स्थित देवनार कॉटेज में देखा,चिंटू बहुत ही एनर्जेटिक, चुलबुले थे और उनकी आंखों में शरारत था। उस शाम को राज कपूर जी ने मुझे अपने घर पर आमंत्रित किया था। इसके बाद उन्हें अक्सर देखता,आरके स्टूडियो में अपनी फिल्म ‘बॉबी‘ की तैयारी करते हुए... लगातार मेहनत में जुटा एक उत्साही युवा जो उनकी राह में आनेवाली हर चीज को सीखने के लिए हमेशा तैयार रहता। राज जी का विशाल और लेजेंड्री मेकअप रूम और इस कमरे के अंत में फर्स्ट फ्लोर वाला कॉरिडोर...
वह बिल्कुल कॉन्फिडेंट होकर चला करते... लंबे कदम और ठीक अपने दादाजी पृथ्वीराज जी के जैसी स्टाइल... उनके इस कदम को मैंने उनकी पिछली फिल्म में नोटिस किया था...वैसे कदम मैंने किसी और में कभी नहीं देखा।
हमने साथ में कई फिल्में की...
जब वह अपनी लाइनें बोलते, आप यकीन नहीं करेंगे कि शब्दों को लिए कोई और विकल्प नहीं होता। उनकी यह वास्तविकता सवालों से परे थी।
...और जिस तरह वह परफेक्टली किसी गाने पर लिंप सिंक करते ऐसा कोई दूसरा न हुआ...कभी नहीं...
उनका मजाकिया अंदाज सेट पर सभी लोगों तक फैल जाता...यहां तक कि सबसे गंभीर सीन में भी वह कॉमिडी वाला स्पार्क ढूंढ लेते और हस सभी हंस पड़ते थे!!
सिर्फ सेट पर ही नहीं...यदि आप उनके साथ किसी भी इवेंट में होते तो माहौल को हल्का और मजेदार बनाने के लिए उन्हें कुछ न कुछ मिल ही जाता।
जब शूटिंग के शॉट रेडी होने में वक्त होता तो वह खेलने के लिए कार्ड्स ले आते या फिर अपना कॉम्प्लिकेटेड ठंहंजमससम इवंतक ले आते और दूसरों को भी खेलने के लिए बुला लेते और फिर यह केवल फन नहीं रह जाता था बल्कि सीरियस कॉम्पिटिशन हो जाता था।
बीमारी का पता चलने से लेकर ट्रीटमेंट तक उन्होंने कभी भी अपने हालात पर अफसोस नहीं जताया। हमेशा कहते... ‘जल्द ही मिलते हैं ...हॉस्पिटल में रुटीन विजिट है...जल्द ही लौटता हूं।‘
अमिताभ ने उनके चियरफुल अंदाज को बयां करने के लिए फ्रेंच फ्रेज का श्रवपम कम अपअतम का इस्तेमाल किया है और लिखा है, ‘जिंदगी की भरपूर खुशियां...वो जीन जो उन्हें अपने पिता से मिला...लेजंड, द अल्टीमेट शोमैन, आइकॉनिक राज कपूर...
मैं कभी उन्हें देखने हॉस्पिटल नहीं गया...मैं कभी उनके हंसते हुए मनमोहक चेहरे पर तकलीफ देखना नहीं चाहता था।
लेकिन मुझे यकीन है कि, जब वह जा रहे होंगे तब भी उनके चेहरे पर वही सौम्य स्माइल रही होगी।