मै पॉलिटिशियन नहीं बन सकता क्योंकि मै झूठ : अमजद खान By Mayapuri Desk 25 Dec 2023 in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर minor-latin;mso-fareast-font-family:Calibri;mso-fareast-theme-font:minor-latin; mso-hansi-font-family:Calibri;mso-hansi-theme-font:minor-latin;mso-ansi-language: EN-US;mso-fareast-language:EN-US;mso-bidi-language:HI">शोले के गब्बर को हम कैसे भूल सकते हैं, जितना हमें शोले के जय-वीरू की जोड़ी याद है, उतनी हीं हमें गब्बर के डायलॉगस याद हैं. आपको बता दें शोले के गब्बर यानि कि अमज़द खान ने अपने बीस साल के करियर में 132 से भी ज्यादा फ़िल्में की थीं. उनको लोकप्रियता 1975 की क्लासिक फिल्म शोले में गब्बर का किरदार निभा कर मिली. आपको बता दें की अमजद खान ने ज्यादतर फिल्मों में खलनायक की हीं भूमिका में नज़र आएं हैं. इनमे से हीं उनकी एक फिल्म थी मुकद्दर का सिकंदर जिसमे उन्होंने दिलावर की भूमिका निभा कर लोकप्रियता बटोरी थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें की अमजद खान ने अपने करियर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी. 12 नवंबर 1940 को जन्मे अमजद ने बेहद कम उम्र में 27 जुलाई 1992 को दुनिया को अलविदा कह दिया. अमज़द न सिर्फ अच्छे कलाकार थें, बल्कि वो बहुत अच्छे विचारों वाले इंसान थें. आइये एक ऐसी हीं झलक से आपको रूबरू करवाएं क्या आप कभी पॉलिटिक्स में जायेंगे? कभी भी नहीं. मेरी दिक्कत ये है कि मै झूठ नहीं बोल सकता हूँ, और इसलिए मै पॉलिटिशियन नहीं बन सकता हूँ. तो क्या आपको लगता है कि पॉलिटिशियन बनने के लिए झूठ बोलना जरूरी है? बहुत ज्यादा जरूरी है. क्योंकि पॉलिटिक्स में आपको बहुत सारे लोगो को खुश रखने की जरुरत होती है. अगर भारत में करप्शन कम हो जाये तो? मै इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं हूँ कि सिर्फ भारत में हीं करप्शन है. करप्शन सारी दुनिया में है. क्या आप इस बात से सहमत होंगे कि भारत में करप्शन छोटे स्तर से शुरू होकर बड़े स्तर तक जाते हैं? मेरा तो ये मानना है कि बड़े स्तर से शुरू होकर ये छोटे स्तर तक पहुँचती है. इसकी भी एक वजह है, वो ये कि मान लो कि अगर मै एक नौकर हूँ और मेरा मालिक शराब नहीं पीता है, जुआ नहीं खेलता है, तो मेरी बिल्कुल भी हिम्मत नहीं होगी कि मै शराब पीकर और जुआ खेलकर घर में काम करने जाऊंगा. लेकिन अगर मेरा मालिक हीं गलत काम कर रहा है तो फिर मुझे कौन रोक सकता है. आपको लगता है कि जब तक करप्शन ऊपर से खत्म नहीं होगा, देश में करप्शन खत्म नहीं हो सकता है? बिल्कुल, ये तो कैंसर की तरह है हर हालत में आपको इसे अपने शरीर से निकाल कर फेक देना है, वरना ये अन्दर हीं अन्दर आपको खाता रहेगा. क्या आपको लगता है करप्शन कभी खत्म होगा? ये तो मुश्किल है. आप दोस्ती को कितना महत्व देते हैं? मै दोस्त को फैमिली मेंबर जितना महत्व देता हूँ. क्या आप दोस्त के लिए सबकुछ कर सकते हैं? हाँ, अगर जरुरत पड़े तो उसके लिए जान भी दे सकते हैं. क्या आपने कभी ऐसा किया है? दोस्तों के लिए तो कई बार ऐसा हुआ कि मरते मरते बचा हूँ. लेकिन मै उसके बारे में कुछ बोलना नहीं चाहता हूँ, क्योंकि अगर बोल दिया तो दोस्ती खत्म हो जाएगी. क्या आपको कभी ऐसा दोस्त मिला है, जिसने आपको दोस्ती का गलत फायदा उठाया है? हाँ, ऐसे तो बहुत मिले हैं. आप तो ये पूछिए कि क्या कभी कोई ऐसा मिला है, जिसने फायदा नहीं उठाया है. ऐसे लोग बहुत दिनों तक आपके दोस्त रहते भी नहीं हैं. - आयुषी सिन्हा हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article