बॉलीवुड और टीवी के मशहूर एक्टर अन्नू कपूर (Annu Kapoor) ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से सभी को दीवाना बनाया है. किसी भी किरदार को बयां करने के लिए वह पूरी तरह से इसमें समां जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अन्नू कपूर के नाना, दादा और चाचा भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारी थे.अन्नू कपूर भी अपनी मातृभूमि की सेवा करना चाहते थे. 12वीं की परीक्षा में 93 फीसदी अंक हासिल करने वाले अन्नू कपूर के माता-पिता के पास उनके आईएएस बनने के सपने का समर्थन करने के लिए पैसे नहीं थे. जिसके बाद अन्नू कपूर को एक्टिंग की दुनिया में आना पड़ा.
"मैं राजनीति के लिए फिट नहीं हूं"- अन्नू कपूर
हिंदुस्तान टाइम्स से हाल ही में बातचीत में अन्नू ने कहा कि मैं एक आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा नहीं कर सका, लेकिन मैं एक एक्टर के रूप में अपनी मातृभूमि की सेवा करने के लिए अपनी नौकरी को बहुत गंभीरता से लेता हूं. राजनीति में आने का सवाल मेरे दिमाग से कोसों दूर है". उन्होंने कहा, "मैं राजनीति के लिए फिट नहीं हूं. मेरे पास राजनेता बनने की प्रतिभा नहीं है। अपने एक शो में, मैं समझा रहा था कि एक राजनेता का शाब्दिक अर्थ क्या है. पॉली (poli) का अर्थ है कई और कुछ गुप्त शब्दों में, टिशियन (tician) का अर्थ है 'रेंगने वाले कीडे'. राजनेता या न्यायपालिका या नौकरशाही में रहने वाले सभी लोग हमारे सिस्टम की देन हैं. दुर्भाग्य से, हमारा सिस्टम सबसे भ्रष्ट, पाखंडी और दिखावटी प्रणालियों में से एक है. मुझे स्विट्जरलैंड, अमेरिका की परवाह नहीं है, मुझे भारत की परवाह है. मैं अपने देश को बहुत गंभीरता से लेता हूं और मैं इसके बारे में बहुत दयनीय महसूस करता हूं".
अरुंधति रॉय ने दिया देश को धोखा
इंटरव्यू के दौरान अन्नू कपूर ने बुकर पुरस्कार विनर राइटर अरुंधति रॉय के बारे में भी बात की. इन दौरान अन्नू कपूर ने अरुंधति रॉय पर भारत को धोखा देने का आरोप लगाया. "ओटीटी में सबसे ऊपर बैठे लोग विज्ञापन की दुनिया से आए हैं, जो एक मिनट में सब कुछ दिखाना चाहते हैं। विज्ञापन की दुनिया में आपको ऐसी चीजें बेचनी पड़ती हैं जिनका कोई मूल्य नहीं होता. आप एक झूठी दुनिया को बेचने की कोशिश करते हो. मुझे लगता है कि सिनेमा वही है. वैसे मैं केवल अरुंधति रॉय का नाम ले रहा हूं, उन्होंने कई बार देश को धोखा दिया है".
असना ज़ैदी