एक्टर अंशुमन झा, अपने कलात्मक/विचारोत्तेजक ऑप्शंस के लिए जाने जाते हैं. लेकिन अर्जुन माथुर और रसिका दुगल के साथ मार्वल गर्ल जोहा रहमान, परेश पाहुजा, तन्मय धननिया और स्टार वार्स अभिनेता गैरिक हैगन के साथ - उनके निर्देशन में पहली फिल्म "लॉर्ड कर्ज़न की हवेली" के लिए कलाकारों की एक ड्रीम कास्ट ऑलरेडी तैयार है. लेकिन अब चूंकि फिल्म, जिसकी शूटिंग पिछले साल यूके में हुई थी, अब पूरी होने वाली है - फिल्म निर्माता के बारे में एक दुर्लभ और दिलचस्प तथ्य सामने आया है - अंशुमन ने अपनी पूरी डेब्यू फिल्म सिंगल लेंस (35 मिमी) पर शूट की है. यह एक ऐसा कारनामा है जो किसी अन्य हिंदी मुख्यधारा के फिल्म निर्माता ने कभी नहीं किया.
कल्ट क्लासिक्स जैसे हिचकॉक की "साइको" और कुरोसावा की "रशमोर" ऐसी फिल्में हैं जिन्होंने पिछली शताब्दी में सिंगल लेंस मिनिमलिस्ट फॉर्मूला का इस्तेमाल किया था. ऐसे समय में जब कई फिल्म निर्माताओं को लेटेस्ट इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों को इकट्ठा करने और स्टॉक करने का जुनून सवार है, मॉडर्न तकनीक के जानकार अंशुमन इस बात की याद दिला रहे हैं कि इतने कम में, कितना कुछ किया जा सकता है.
पुरस्कार विजेता लेखक विकास मिश्रा, जिन्होंने अंशुमन की पहली फिल्म की पटकथा लिखी है, कहते हैं, "अंशुमन ने राइटिंग टेबल पर ही यह चुनाव किया था कि वह इस फिल्म को सिंगल लेंस पर शूट करेंगे." अंशुमन की पहली निर्देशित फिल्म के दो सिनेमैटोग्राफर - फ्रेंच डीओपी जीन मार्क सेल्वा (एएफसी) और भारतीय डीओपी रामानुज दत्ता - इसे पहली बार फिल्म निर्माता द्वारा 'बोल्ड एंड ब्रेव' पसंद' कहते हैं.' इस फिल्म पर उनकी बहुत स्पष्ट दृष्टिकोण थी और वे एक कलाकार के रूप में जोखिम लेने से नहीं डरते' - जीन मार्क कहते हैं.
'जब मेरे पास लेंस विकल्प थे - मैंने एक सोलो लेंस कथा को चुना क्योंकि मैं चाहता था कि यह मानव दृष्टि के जितना संभव हो उतना करीब रहे और -35एम एम ने मुझे वह दिया. एक सिंगल लेंस फिल्म में सबकॉनसिएश रूप से देखने का प्रभाव होता है. और मैं चाहता था कि फिल्म न केवल देखी जाए, बल्कि इस फिनिश्ड प्रोडक्ट को महसूस किया जाए. 'लॉर्ड कर्ज़न की हवेली' मेरे पसंदीदा फिल्म निर्माता - अल्फ्रेड हिचकॉक और उनकी क्लासिक फिल्म 'द रोप' के प्रति एक समकालीन श्रद्धांजलि है - अंशुमन कहते हैं.
गोल्डन रेशियो फिल्म्स और झा की फर्स्ट रे फिल्म्स द्वारा निर्मित 'लॉर्ड कर्ज़न की हवेली' इस दुर्लभ क्वालिटी वाली पहली भारतीय फिल्म होगी और इस साल के अंत में रिलीज़ होने वाली है.