Anurag Thakur Speech In Lok Sabha: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार प्रेस की स्वतंत्रता और मीडिया के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. वहीं प्रेस और पत्रिकाओं का रजिस्ट्रेशन विधेयक-2023 को लेकर मीडिया एवं विरोधी दलों की आशंकाएं खारिज करते और इसे अंग्रेजों व कांग्रेस शासनकाल की गुलामी की मानसिकता से मुक्त बताते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि पहले का बिल मीडिया पर दबाव बनाने वाला था, लेकिन अब ये बिल अवसर देने वाला हैं. वहीं अब अखबारों व पत्रिकाओं के रजिस्ट्रेशन के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे और छोटी-छोटी गलतियों पर प्रकाशकों को जेल भी नहीं जाना होगा. गुरुवार को यह विधेयक लोकसभा से भी पारित हो गया.
गुलामी की मानसिकता से मिलेगी मुक्ति- अनुराग ठाकुर
प्रेस और पत्रिकाओं का डर रजिस्ट्रेशन विधेयक पर चर्चा के दौरान अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह विधेयक डिजिटल इंडिया, ईज बन बिल आफ डूइंग बिजनेस और ईज आफ लिविंग देने वाला है. इसे अंग्रेजों के लिए जमाने के प्रेस एवं पुस्तक रजिस्ट्रेशन बिल-1867 के स्थान पर लाया गया है. इसके पारित होने से गुलामी की मानसिकता व उस समय बने कानून से मुक्ति मिलेगी और छोटी-छोटी गलितयों पर जेल में डाले जाने का डर भी चला गया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उस समय के कानून से मीडिया को दबाया जाता था, अब बढ़ाया जाएगा. डिजिटल इंडिया के माध्यम से यह होगा.
बिना अनुमति समाचार पत्र और पत्रिका निकालने पर होगी कार्रवाई
पहले इसके आठ चरण थे, कई महीने लगते थे. अब एक ही बार में होगा. दो-तीन महीने में सारी औपचारिकताओं के बाद प्रमाण पत्र मिल जाएगा. उस समय किताब को भी इसके अधीन लिया था, अब उसमें से किताब को निकाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि 2011 में संप्रग सरकार स संबंध में जो बिल लाई थी.उसमें छोटे अपराध पर भी जेल का प्रविधान था. मोदी सरकार ने उसमें से वे पांच प्रविधान निकाल दिए. सिर्फ एक रखा है कि बिना अनुमति के समाचार पत्र या पत्रिका निकालने पर नोटिस देकर छह माह का समय दिया जाएगा, उसके बाद कार्रवाई होगी.
प्रेस पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास है- सैयद इम्तियाज जलील
वहीं एआइएमआइएम (AIMIM) सांसद सैयद इम्तियाज जलील ने कहा, एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया ने माना कि यह विधेयक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा. इसके साथ-साथ सैयद इम्तियाज जलील ने कहा कि प्रेस में निरीक्षण और जांच का अधिकार अन्य एजेंसियों को दिया जाना प्रेस पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास है. वहीं, अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार प्रेस की आजादी और मीडिया के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.