फिल्म 'बाबूमोशाय बंदूकबाज़' में बाबू नवाज़ुद्दीन, एक डार्क एंड हैंडसम शूटर के रोल में खूब जँच रहे है। पिछले महीने साँवले सलोने नवाज़ ने अपने ट्विटर पर उन लोगों को करारा जवाब दिया था जो लोग, रंग भेद करते हुए, काले रंग के लोगों पर हंसी मजाक वाली टिप्पणियाँ करते हैं। नवाज के इस करारे जवाब को ढेर सारे लोगों ने खूब सराहा, खासकर वह लोग जो काले स्किन वाले होने के कारण रंगभेद की पीड़ा भोग रहे हैं। अब यह सांवले सलोने बाबू मोशाय हंक, इन सब लोगों का नया हीरो बन गया है। फिल्म के निर्देशक, कुशन नंदी और निर्माता किरण श्रॉफ का कहना है कि इस फिल्म से नवाजुद्दीन एक साँवले,, हैंडसम और बेशर्म शार्पशूटर के रूप में आम जनता के बीच एक रेज और क्रेज़ बन गए हैं। हर तबके की आम जनता, इस हीरो के केअरफ्री और बेशर्म रुख से अपने आप को जुड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं। फिल्म में नवाजुद्दीन का वह डायलॉग, 'माना कि टॉल नहीं हूं पर डार्क और हैंडसम तो हूं, इसीलिए तो लड़कियां मरती है हम पर।' बहुत लोकप्रिय हो रहा है और यह फिल्म इसी पर आधारित है:- बे परवाह, बेशर्म और सच्चा।
नवाज़ुद्दीन पर मरती है वो लड़कियाँ
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