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यकीन नहीं होता कि बेला बोस को जिंदगी से इतनी जल्दी सन्यास ले लेंगी लेकिन वह स्वयं बताती हैं-"67 में मेरी शादी हुई और शादी के बाद फिल्म तथा पति दोनों को एक साथ खुश नहीं रखा जा सकता. यह सच है कि शादी करने का फैसला मैंने स्वयं लिया और स्वम ही मैंने यह भी फैसला लिया कि कभी फिल्मों के आकर्षण जाल में नहीं बंधूगी. एक साथ पत्नी और अभिनेत्री के रुतबे का कायम रखना बेहद मुश्किल है और जो ऐसा करती हैं वह दोनों जगहों से गिर जाती हैं. पहनी बात तो यह है कि शादी करने के बाद फिल्म वालों को नजर बदल जाती है और दर्शक भी पूरी तरह किसी शादी-शुदा अभिनेत्री को स्वीकार करने में महसूस करता है. आज अगर बड़ी से बड़ी अभिनेत्री भी शादी करने के बाद कैमरे के सामने आती है तो लोग उसमें फर्क महसूस करने लगते है बल्कि सीधे-सीधे उसकी उम्र दस वर्ष बढ़ा देते हैं. शादी का मतलब होता है परिपक्व अथवा दुनियादारी को समझने वाली औरत को फिल्म के लोग यह स्थान नहीं देते जो किसी बारी अभिनेत्री को देते हैं इस तरह यह तो फिल्म में होकर भी अप्रत्यक्ष रूप से अपमान की जिदगी को स्वीकार करने जैसी बात है. दूसरी बात है जो अभिनेत्री शादी के बाद भी फिल्मों में मैं काम करने लगी तो निश्चित रूप से वह अपने पति और बच्चों को पत्नी और माँ की जगह नहीं दे पायेगी. इस तरह यह साफ है कि शादी के बाद फिल्मों के अति मोह रखना ठीक नहीं है
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शादी के बाद एक अभिनेत्री को स्थिति पर बेलाबोस ने अपना अनुभव बिल्कुल साफ ढंग से व्यक्त किया और उनकी एक-एक बात से यह साफ जाहिर था कि वह अपनी जगह पर सही है.
यह मजे की बात है कि उन्होंने शादी करने का फैसला तब लिया जब वे अपने कैरियर के चरम विकास की दिशा में बागे बढ़ रही थीं. हिंदी फिल्मों में नर्तकियों को जमायत में बेला बोस ने एक मामूली डांसर की हैसियत से अपने कैरियर को शुरुआत की और पहली बार नरेश सहगल की फिल्म में स्वतंत्र रूप से मुख्य करने का अवसर मिला. और धीरे-धीरे उन्होंने अपने आपको इस तरह विकसित किया कि हेलन जैसी नर्तकी के बाद उन्हें दूसरे नंबर पर रखा जाने लगा. फिर अचानक समय आया कि शादी कर लेना अच्छा होगा और इस तरह उनके जीवन में आशीष कुमार पति के रूप में आये पत्नी बनाने के बाद धीरे- धीरे फिल्मो से रिश्ता टूटता गया और घरेलू औरतों की तरह सारी जिम्मेदारियों के बीच उन्होंने अब अपने आपको इस तरह मिला लिया है कि. अब तो यह पहचानना मुश्किल होता है कि कभी बेला बोस फिल्मों में मशहूर नर्तकी थीं और उनको कमर कोलोन पर दर्शक कभी सीटियां बजाया करते थे.
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लेकिन फिल्म उद्योग में कई उदाहरण ऐसे मिलते हैं जब अभिनेत्रियों ने शादी के बाद भी अपने कैरीअर को कायम रखा है. ऐसा लगता है जैसे फिल्मों से नाता तोड़ना नामुमकिन- सी बात है, बेला बोस बताती है, यह भी एक अजीब बात है कि हमारे उद्योग में लोगों को बर्बाद करने में एक दूसरे तरह का सुख मिलता है स्वयं यहाँ के लोग किसी शादीशुदा अभिनेत्री को न सिर्फ सांस लेने नहीं देते है-अरे अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है, तुम्हारा 'फिगर' तो अभी ठीक हैं, तुम्हें तो काम छोड़ना नहीं चाहिये
"कोई भी अभिनेत्री शादी के बाद अपने बारे में इतना सुनकर खामोश बैठने को तैयार नहीं होगी. उसका दिमाग खराब हो जाना स्वाभाविक है. मुझे स्वयं अपने बारे में याद है जब शादी के बाद कई औरतों ने मुझे फिल्म छोड़ने पर कोस रही थी. उन औरतों का नाम में आज नहीं लेना चाहती लेकिन इतना जरूर है कि आज जब वे मुझे देखती हैं मेरे बदले हुए रूप को देखकर हैरत होती है कि अपने दो बच्चों को कैसे संभालती है. सब कैसा चल रहा है. यानि उन्हें स्वयं अपनी स्थिति पर दया आती है. औरत का मां बनना और पत्नी बनना एक विशेष मतलब रखता है और इसके बिना जीवन अधूरा होता है. आज मुझे इस बात का गर्व है कि मैं अपने पति और बच्चों की दुनिया में पूरी तरह खुश हूँ और मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं अपने आप से भी नहीं”
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लेकिन फिल्मों में व्यस्त रहने के बाद शादी के बाद जो सुनापन जाना है. उसका क्या इलाज है ? फिल्मों में तो सारे दिन व्यस्त रहने के बाद उस खालीपन को शादी के बाद कैसे काटा ये यह तो एक समस्या है? बेला बोस इस मसले पर बात करते हुए कहती है-"यह कहना बिल्कुल गलत है कि फिल्म करने के लिए शादी के बाद कोई काम नहीं. वस्तुत यह बहाना उनका है जो सारी जिम्मे- दारियों से भागकर अपने मन की करने में यकीन रखती है, बल्कि शादी के बाद तो औरत को सुबह से लेकर रात तक इतने काम होते हैं कि उसे फालतू बातों को सोचने का वक्त नहीं मिलता है. जो औरतें आरामतलब होती है और सारा काम नौकरों के हवाले छोड़ देती है, उनके लिए सचमुच पति के इंतजार करने के अलावा कोई काम नहीं. लेकिन मेरे जिम्मे तो इतना काम है कि पति का इंतजार करू इसके लिए वक्त ही नहीं बचता मैं तो खाना खाकर सो गयी. उठकर एक्सरसाइज करना, बच्चों को तैयार करना नाश्ता करना, पति को क्या जरूरत है इसे समझना, बाजार से सामान लाना बच्चे स्कूल से आयें तो उनसे बातें करना काम है, कोई एक हो तो कहे भी.
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शादी के बाद पति को सारी दुनिया पत्नी के हाथों में होती है और घर को संभालना फिल्मों में काम करने की व्यस्तता से ज्यादा है. अब इसमें किसी सूनेपन को भरने का कोई सवाल ही नहीं उठता.
और सारी बातें तो मुझे ठीक ही लगी एक्सरसाइज करने की बात पर मुझे बड़ी हैरानी हुई मैंने कहा- "आप अब भी एक्सरसाइज करती है”
"हां, लेकिन इसमें कुछ करने की बात ही कहां है बात बुरी तरह से फैल जाती है और बेडौल शरीर के कारण सभी के लिए मैं अपने आप बनाये रख सकती पता यहां मेरा अपना स्वार्थ है मैं नहीं चाहती के मेरे कारण मेरे पति का भी मजाक उड़ाया जाये एक्सरसाइज की वजह से भी मेरे लिए साल पुराने ब्लाउज भी आज भी फिट बैठते है"-बेला बोस एक्सर साइज़ के महत्व को समझाती हुई कहती है-
बल्कि एक्सरसाइज के फायदे आगे कहती है यह सुनकर आश्चर्य होगा कि इसी एक्सरसाइज के कारण अपनी फिल्म- सोलह गुरुवार में जी टीवी के साथ कंपीटिशन में बिना किसी अभ्यास के मुझे साथ देना पड़ा. मुझे खुद हैरानी हुई कि मैंने ये कैसे किया?
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ये कहने को बेला बोस ने फिल्मों में डांस करना बन्द कर दिया है फिर भी अपनी फिल्मों में उन्हें पर्दे पर देखा जरूर गया. इसके अतिरिक्त बाहर की फिल्मों में भी उन्हें जब-तब देखा गया. ऐसा क्यों? बेला बोस जवाब देती है- 'शादी के बाद जिन फिल्मों में मैंने काम किया उसे मै पहले से ही कर रही थी और मैं जब तक अपनी फिल्मों में काम करने का समय है, वहां मैं पहले से काम करती हूँ. अपनी फिल्मों की शूटिंग में पहले घर के कामों को देख लेती हूं और मुश्किल से कहती हूं कि इस समय की शूटिंग करना मुस्किल है तो उन्हें समझाने की जरूरत नहीं होतो. दूसरों की फिल्मों में मुझे उनकी मर्जी से चलना होगा, वे जब कहेंगे मुझे सेट पर आना होगा किन्तु घर की फिल्म में सारी बात घर जैसी होती है और जिस ढंग से मैं फिल्मों में काम कर रही हूँ उसे काम करना नहीं कहेंगे. अब तो वह उमंग नहीं है कि मेरी विग ऐसी होनी चाहिए और ड्रेस देसी होनी चाहिये, फिल्मों में करने का मतलब होता है फिल्मों के पीछे पागल हो जाना'
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इन दिनों को फिल्मों में नग्नता कुछ ज्यादा हो बाड गई है. इसके पीछे किसका हाथ है? कसूरवार कौन है दर्शक अथवा निर्माता? अपने संदर्भ में इस सवाल के उत्तर में देना बस कहती है- फिल्मों की दुनिया में मैं शायद पहली औरत हूँ जिसने घाघरा नाभि के नीचे तक पहना बोल्डनेस के नाम पर इस चुनौतो को स्वीकार किया था.लेकिन धीरे-धीरे वह एक चलन-सा बन गया उन्ही दिनों 'गुमनाम' में हेलन ने स्वीमिंग कास्ट्यूम पहनकर कैमरे के सामने अपने को पेश किया. अब हर निर्माता-निर्देशक ने यह मांग करना शुरु कर दिया कि स्वीमिंग कास्ट्यूम में एक गाना होना जरुरी है यह मांग फिल्म के निर्देशक की है. आज भी कोई फिल्म देखकर आता है तो वह कहता है कि यह फिल्म बच्चों के साथ बैठकर देखने लायक नहीं. इसका अर्थ हुआ दर्शक फिल्मों में नग्नता के पक्ष में नहीं हैं बल्कि उस पर नग्नता थोपी जा रही है.
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क्या फिर कभी बेला बोस. फिल्मों में आने की दौड़ में शामिल होना पसंद करेगी?
शादी के बाद पति की सारी दुनिया पत्नी के हाथों में होती है और घर को यस्ता फिल्मों में काम करने की व्यस्तता से ज्यादा है. अब इसमें किसो सूनेपन को भरने का कोई सवाल हो नहीं उठता.
और सारी बातें तो मुझे ठीक ही लगन एक्सरसाइज करने की बात पर मुझे बड़ी हुई मो कहा- "आप अब भी एक्सरसाइज करती है
"हां, लेकिन इसमें कोई करने की बात हो कहा है बाद बुरी तरह से फैल जाती है और बेडौल शरीर के कारण सभी के लिए मैं अपने प बनाये रख सकती पोती यहां मेरा अपना स्वार्थ है में नहीं चाह कमेरीन पारी के कारण मेरे पति का भी मजाक उड़ाया जाये एक्सरसाइज की वजह से भी मेरे लिए साल पुराने ब्लाउज भी आज भी फिट बैठते है"-देला होस एक्सर साइंस के महत्व को समझाती हुई कहती है-
एक्सरसाइज के फायदे आगे कहती है यह सुनकर आश्चर्य होगा कि इसी एक्सरसाइज के कारण अपनी फिल्म- सोह गुरुवार में जीटी के साथ कंपीटिशन में बिना किसी अभ्यास के मुझे साथ देना पड़ा. मु हैरानी हुई कि मैंने कहने को बोस ने फिल्मों में डांस करना बन्द कर दिया है फिर भी अपनी फिल्मों में उन्हें पर देखा जरूर गया. इसके अतिरिक्त बाहर को फिल्मों में भी उन्हें जब-तब देखा गया. ऐसा क्यों? बेला बस जवाब देती है- 'शादी के बाद जिन फिल्मों में मैंने काम किया उसे मै पहले से ही कर रही थी और म तक अपनी फिल्मों में काम करने का सम है, वहां मैं परेलू ग से काम करती है. अपनी फिल्मों की शूटिंग में पहले पर के कामों को देव लेती हूं और बागीपनों से कहती हूं कि इस समय की शूटिंग करना मुि कम है तो उन्हें समझाने की जरूरत नहीं होतो. दूसरों की फिल्मों में मुझे उनकी मर्जी से चलना होगा, वे जब कहेंगे मुझे सेट पर आना होगा कित घर की फिल्म में सारी बात पर जैसी होती है और जिस ढंग से में फिल्मों में काम कर रही है उसे काम करना नहीं कहेंगे. अब तो वह उमंग नहीं है कि मेरी विग ऐसी होनी चाहिए और ड्रेस देसी होनी चाहिये, फिल्मों में करने का मतलब होता है फिल्मा के पीछे पागल हो जाना'
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इन दिनों को फिल्मों में ना कुछ ज्यादा हो गयी है. इसके पीछे सिका हाथ है? कसूरवार कौन है दर्शक अथवा निर्माता? अपने संदर्भ में इस प्रस्न के उत्तर में देना बस कहती है- फिल्मों की दुनिया में मैं शायद पहली औरत हूँ जिसने पारा नामी के नीचे तक पहनी बोने के नाम पर इस चुनौतो को मैंने स्वीकार किया था. लेकिन धीरे-धीरे वह एक चलन-सा बन गया उन्हों दिनों 'गुमनाम' में हेलेन ने स्वीमिंग कास्ट्यूम पहनकर कैमरे के सामने अपने को पेश किया. अब हर निर्माता-निर्देशक ने यह मांग करना शुरु कर दिया कि स्वीमिंग
कास्ट्यूम में एक गाना होना जरुरी है यह मांग फिल्म के निर्देशक की है. आज भी कोई फिल्म देखकर आता है तो वह कहता है कि यह फिल्म बच्चों के साथ बैठकर देखने लायक नहीं. इसका अर्थ हुवा दर्शक फिल्मों में मन्ना के पक्ष में नहीं जिस पर मत बोपी जा रही है
वह की फिल्मों को दौड़ में शामिल होने के लिए शारीरिक से मानसिक तैयारी का महत्व अधिक होता है दिमागी तौर पर में इस दौ में शामिल हो, इसकी कोई उम्मीद नहीं अगर यह स्थिति नहीं होती तो कम से कम 'जय संतोषी मां' के बाद में लगभग 26 फिल्मों में अभि निम के प्रस्ताव को इन्कार नहीं कर सकती थी अब मैं बिरयानी ज्यादा अच्छा बना तो संद बोलने में थोड़ो दिनत महसूस कर
साब से बातें करने के बाद फिल्म- जोवन के दर्शनीय तथ्यों को जानकारी गरायो में होता है. से उनके बात करने का ढंग भी बेहद प्यारा है और लगता है बातचीत क सिलसिला कुछ देर और चलता रहे.
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