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जन्मदिन पुनरावलोकन का दिन होता है, अपनी गलतियों को सोचने का दिन! मानते हैं धर्मेंद्र

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By Sharad Rai
जन्मदिन पुनरावलोकन का दिन होता है, अपनी गलतियों को सोचने का दिन! मानते हैं धर्मेंद्र
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कुछ सितारे होते हैं जो अपनी विस्मृतियों को जिंदा रखना चाहते हैं.उनको अपने अतीत से बहुत प्यार होता है और वे भविष्य को भी उसी ज़िंदादिली के साथ जीना पसंद करते हैं. परदे के डार्लिंग हीरो, हरदिल अज़ीज हीमैन धर्मेंद्र का 88वां जन्म दिन (8 दिसम्बर) कुछ विशेष है. उनके चाहने वालों के लिए उनका हर जन्म दिन प्रसन्नता का दिन होता है. इसदिन को वह स्वयम बड़े उत्साह से जीना पसंद करते हैं.

"खुश रहने के बहुत से बहानो में एक यह दिन भी होता है. लेकिन, मेरे लिए यह एक दिन-जन्म दिन- पुनरावलोकन का दिन होता है.'' कहने के साथ ही वो कोई शायरी गुनगुनाए थे जो मुझे याद नही आरही है. 'पुनरावलोकन' के लिए भी वह कोई उर्दू का शब्द ही बोले थे. यह बातचीत कुछ साल पहले के उनके एक जन्मदिन की चर्चा का हिस्सा है जब वह घंटों में काम करना शुरू किए थे और छोटी बड़ी फिल्म में फर्क नहीं कर रहे थे.फिल्मसिटी स्टूडियो में एक घंटे की शूट के लिए एक निर्माता को समय दिए थे. इतेफाक से उस दिन उनका जन्मदिन था. सेट पर सब लोग उनको बधाई दे रहे थे. उनके व्यस्त शेड्यूल में कट कट कर जो बातें हुईं थी, उसका स्मरण मुझे आज तक है. जीवन की गूढ़ता को मुस्कराहट के साथ सरल बनाकर जीने की उनकी वो बातें मुझे आज भी याद हैं. आज भी वो बातें उतनी ही सही हैं जिनका वे पालन करते हैं. बाद के वर्षों के जन्मदिन पर जीने की वही फिलासफी उनसे सुनता हूं तो मन मे यही बात आती है कि यह आदमी नही बदला. उन्होंने जीवन का जो सत्य जीया है हमेशा वही कहा है. वही आज भी कहते हैं जो हमेशा कहते रहे हैं.

सेलिब्रेशन होना चाहिए लेकिन दिखावे के लिए नहीं बल्कि इसलिए कि अपने पास्ट को याद करें. याद करें कि ऊपरवाले- वो गॉड खुदा जो भी हों, तुमने मुझे जो जीवन दिया है, उसके लिए शुक्रिया अदा करते हैं. अपने अतीत को मुड़कर देखने के लिए जन्मदिन होता है कि हमने कहां कहां गलतियां किया है.

वह आगे कहते हैं- हमने अपने जीवन के हर पड़ाव को एक जन्मदिन के रूप में देखा है. ईश्वर की मर्जी है देखो कबतक वह मुझे अपनी मर्जी से अपनी ज़िंदगी जीने की छूट देकर रखता है. अबतक उसने मुझे जो कुछ जितना कुछ दिया है मैं उससे  संतुष्ट हूं. मैं सभी से यही कहना चाहूंगा कि संतुष्ट रहने की सोच अपने अंदर रखो. उम्र छोटी और बड़ी होने से कुछ नही होता, सेलिब्रेशन से कुछ नही होता, होता है रियलाइजेशन से.

आपने गलतियों से सीखा है, कुछ गलतियां याद हैं?

सीखा तो हमेशा है, गलतियां भी खूब किया हूं लेकिन गलतियां बताने की  चीज नहीँ होती. (हंसते हैं धर्मेंद्र.) मैंने जब भी गलतियाँ किया है उसको रियलाइज किया है. फिर उनको दुहराया नही है. इंसान हैं  गलती हर किसी से होती है, होती ही होती है, पर उसको महसूस करना ज़रूरी होता है. मैंने अपने हर निर्माता को कहा है कि मैं जब भी कोई गलती करूँ मुझे धीरे से बता दो. और, ऐसा बहुत बार हुआ है जब मेरे अजीज किसी निर्देशक ने मुझसे कान में मेरी गलती बताया है और मैंने उसे तुरंत सुधार लिया है. मैंने कभी जीवन मे ईगो नहीं पाला है.

जन्म दिन के दिन की कोई गलती?

कई  खूबसूरत गलतियां हुई हैं... जो मैं या कोई और भी मेरी जगह होता तो नही बताता. (वह मुस्कराते हैं.)

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