बर्थडे स्पेशल: कविताओं के रूप में हमेशा जिंदा रहेंगे हरिवंश राय बच्चन By Mayapuri Desk 26 Nov 2019 | एडिट 26 Nov 2019 23:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर हमारे देश में जब भी सुप्रसिद्ध और विश्व विख्यात कवियों का जिक्र किया जाता है तो हरिवंश राय बच्चन का नाम सबसे पहले लिया जाता है। लोग आज भी उनकी कविताओं को उतनी ही शिद्दत से पढ़ते हैं जितना कि सालों पहले पढ़ा करते थे। हिंदी भाषा के जाने माने कवि, लेखक और बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन का जन्म आज ही के दिन यानि 27 नवंबर 1907 को इलाहाबाद के एक गांव बाबूपट्टी में हुआ था। बचपन में बच्चन कहे जाने की वजह से ही वो इस नाम से मशहूर हुए। राय ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापन किया इतना ही नहीं वे बाद में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ रहे। कायस्थ परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरिवंश राय जी उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों में से एक हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला रही। उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण रचनाएं की लेकिन उनकी कृति दो चट्टाने को 1968 में हिन्दी कविता का साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मनित किया गया था। बच्चन को भारत सरकार द्वारा 1976 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था इनके अलावा उन्हें और भी कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है। मधुशाला, सतरंगिनी, खादी के फूल और दो चट्टानें जैसी कविताओं के इस रचयिता ने 18 जनवरी 2003 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। भले ही आज वो इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी गिनती हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में होती रहेगी और उनकी स्मृतियां उनकी कविताओं के जरिए हमेशा लोगों के जहन में ताजा रहेंगी। #Amitabh Bachchan #Birthday Special #Harivansh Rai Bachchan हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article