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हिंदी फिल्मों के मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद आख्तर आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं। आज जावेद अख्तर ने जो मुकाम हासिल किया है उसके बाद वो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। जावेद अख्तर के हर एक लफ़्ज़ में वह जादू है जो सीधा लोगों के दिलों में उतर जाता है। पुरानी पीढ़ी ही नहीं आज की पीढ़ी के लोग भी जावेद अख्तर के लिखे गीतों को सुनना पसंद करते हैं। उनके पिता जां निसार अख्तर बड़े उर्दू शायर और फिल्म गीतकार थे।17 जनवरी 1945 को जन्में जावेद की मां सैफिया अख्तर गायिका-लेखिका थीं।
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जावेद अख्तर की लिखी गजलों और गानों का जादू लोगों पर तो चला ही साथ ही कोई ऐसा भी आया जिसका जादू उनके ऊपर चला। जावेद पर जादू चलाने वाली कोई और नहीं बल्कि वो थीं शबाना आजमी। शबाना से पहले जावेद अख्तर की पहली शादी उनसे दस साल छोटी हनी से हुई थी। उनके दो बच्चे ज़ोया और फरहान अख्तर हैं।
साल 1970 में जब जावेद, कैफी आजमी के यहां गीत संगीत सीखने जाते थे। इस दौरान उनके और शबाना आज़मी के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। धीरे-धीरे इसकी खबर जावेद की पत्नी हनी को हुई, जिसके बाद दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए। फिर जावेद ने हनी से तलाक लेने का फैसला कर लिया।
साल 1978 में दोनों ने अलग होने का फैसला किया लेकिन इसके बारे में बच्चों को नहीं बताया। हालांकि हनी और जावेद का डिवोर्स नहीं हुआ था। ऐसे में शबाना से शादी में दिक्कत आ रही थी, लेकिन साल 1984 में हनी और जावेद का तलाक हो गया।
हालांकि, जहां जावेद अख्तर शादी के लिए तैयार थे तो वहीं शबाना आजमी के पिता कैफी आजमी इस रिश्ते को लेकर तैयार नहीं थे। कैफी को लगता था कि शबाना के चलते ही हनी और जावेद का रिश्ता टूट गया। इस वजह से वह यह नहीं चाहते थे कि शबाना, शादीशुदा शख्स से शादी करें।
हालांकि, शबाना ने पिता कैफी को यकीन दिलाया की जावेद और हनी का रिश्ता, उनकी वजह से नहीं खत्म हुआ। जिसके बाद कैफी आजमी ने शबाना आजमी को जावेद अख्तर के साथ शादी करने की इजाजत दी।
हिंदी फिल्मों के मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद आख्तर आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं। आज जावेद अख्तर ने जो मुकाम हासिल किया है उसके बाद वो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। जावेद अख्तर के हर एक लफ़्ज़ में वह जादू है जो सीधा लोगों के दिलों में उतर जाता है। पुरानी पीढ़ी ही नहीं आज की पीढ़ी के लोग भी जावेद अख्तर के लिखे गीतों को सुनना पसंद करते हैं। उनके पिता जां निसार अख्तर बड़े उर्दू शायर और फिल्म गीतकार थे।17 जनवरी 1945 को जन्में जावेद की मां सैफिया अख्तर गायिका-लेखिका थीं।
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जावेद अख्तर की लिखी गजलों और गानों का जादू लोगों पर तो चला ही साथ ही कोई ऐसा भी आया जिसका जादू उनके ऊपर चला। जावेद पर जादू चलाने वाली कोई और नहीं बल्कि वो थीं शबाना आजमी। शबाना से पहले जावेद अख्तर की पहली शादी उनसे दस साल छोटी हनी से हुई थी। उनके दो बच्चे ज़ोया और फरहान अख्तर हैं।
साल 1970 में जब जावेद, कैफी आजमी के यहां गीत संगीत सीखने जाते थे। इस दौरान उनके और शबाना आज़मी के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। धीरे-धीरे इसकी खबर जावेद की पत्नी हनी को हुई, जिसके बाद दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए। फिर जावेद ने हनी से तलाक लेने का फैसला कर लिया।
साल 1978 में दोनों ने अलग होने का फैसला किया लेकिन इसके बारे में बच्चों को नहीं बताया। हालांकि हनी और जावेद का डिवोर्स नहीं हुआ था। ऐसे में शबाना से शादी में दिक्कत आ रही थी, लेकिन साल 1984 में हनी और जावेद का तलाक हो गया।
हालांकि, जहां जावेद अख्तर शादी के लिए तैयार थे तो वहीं शबाना आजमी के पिता कैफी आजमी इस रिश्ते को लेकर तैयार नहीं थे। कैफी को लगता था कि शबाना के चलते ही हनी और जावेद का रिश्ता टूट गया। इस वजह से वह यह नहीं चाहते थे कि शबाना, शादीशुदा शख्स से शादी करें।
हालांकि, शबाना ने पिता कैफी को यकीन दिलाया की जावेद और हनी का रिश्ता, उनकी वजह से नहीं खत्म हुआ। जिसके बाद कैफी आजमी ने शबाना आजमी को जावेद अख्तर के साथ शादी करने की इजाजत दी।
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