बॉलीवुड के मशहूर प्लेबैक सिंगर कुमार सानू हिंदी फिल्मों के एक ऐसे गायक हैं जिन्होंने सिर्फ अपने गानों से न जाने कितनी फिल्मों को सुपरहिट बना दिया। 90 के दशक में कुमार सानू एक ऐसे गायक थे जिनके गानों को सुनकर ही लोगों को प्यार हो जाता था। रोमांटिक गानों के लिए मशहूर कुमार सानू ने लोगों को अपनी आवाज़ का दीवाना बना लिया। आज कुमार सानू अपना जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। तो आइए आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताते हैं उनकी लाइफ से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...
- कुमार सानू का रियल नेम केदारनाथ भट्टाचार्य है। उनका जन्म 22 सितंबर 1957 को कोलकाता में हुआ था। उनके पिता पशुपति भट्टाचार्य वादक और संगीतकार थे। बचपन से ही कुमार सानू का रूझान संगीत की ओर था और वह प्लेबैक सिंगर बनने का सपना देखा करते थे। उनके पिता ने संगीत के प्रति बढ़ते रूझान को देखते हुए पुत्र को तबला और गायन सीखने की अनुमति दे दी। कुमार सानू ने अपनी कोलकाता यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया।
- इसके बाद उन्हें कोलकाता के कई कार्यक्रमों में गाने का मौका मिला। किशोर कुमार से प्रभावित रहने के कारण कुमार सानू उनकी आवाज में ही कार्यक्रमों में गीत गाया करते थे। 80 के दशक में प्लेबैक सिंगर बनने का सपना लेकर वह मुंबई आ गए। मुंबई आने के बाद कुमार सानू को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस दौरान उनकी मुलाकात जाने माने गज़ल गायक जगजीत सिंह से हुई। जिनकी सिफारिश पर उन्हें फिल्म 'आंधियां’ में प्लेबैक सिंगिंग करने का मौका मिला।
- साल 1989 में आई फिल्म 'आंधियां’ की असफलता से कुमार सानू को गहरा सदमा पहुंचा। इस बीच उनकी मुलाकात संगीतकार कल्याण जी-आनंद जी से हुई। कल्याण जी-आनंद जी ने उनका नाम केदारनाथ भट्टाचार्य से बदलकर कुमार सानू कर दिया और उन्हें अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘जादूगर’ में प्लेबैक सिंगिंग करने का मौका दिया। हालांकि दुर्भाग्य से यह फिल्म भी असफल साबित हुई।
- कुमार सानू साल 1990 में आई फिल्म 'आशिकी’ से सफलता मिली। बेहतरीन गीत-संगीत से सजी इस फिल्म की जबर्दस्त कामयाबी ने न सिर्फ अभिनेता राहुल राय, गीतकार समीर और संगीतकार नदीम-श्रवण को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया बल्कि प्लेबैक सिंगर कुमार सानू को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया। फिल्म के सदाबहार गीत के लिए लोग आज भी उतने ही दीवाने हैं।
- फिल्म ‘आशिकी’ की सफलता के बाद कुमार सानू को कई अच्छी फिल्मों के ऑफर मिलने शुरू हो गए। ‘सड़क’ , ‘साजन’ ,’दीवाना’ और ‘बाजीगर’ जैसी बड़े बजट की फिल्में शामिल थीं। इन फिल्मों की सफलता के बाद कुमार सानू ने सफलता की नई बुलंदियों को छुआ और एक से बढ़कर एक गाने गाकर श्रोताओं को मंत्रमुंग्ध कर दिया।
- ‘आशिकी’ की सफलता के बाद संगीतकार नदीम-श्रवण कुमार सानू के प्रिय संगीतकार बन गए। इसके बाद कई फिल्मों में उनकी जोड़ी ने अपने गीत-संगीत के जरिए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में लगातार 5 बार बेस्ट प्लेबैक सिंगर के तौर पर फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त करने का रिकॉर्ड कुमार सानू के नाम दर्ज है। इनमें आशिकी-1990, साजन-1991, दीवाना- 1992 ,बाजीगर -1993 और 1942 ए लव स्टोरी -1994 शामिल है।
- साल 1993 में एक दिन में 28 गाने रिकार्ड करने का कीर्तिमान भी कुमार सानू बना चुके हैं। इसके लिए उनका नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज किया गया। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को देखते हुए 2009 में उन्हें देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
- कुमार सानू फिल्म ‘आशिकी’ को अपने लिए इतना भाग्यशाली समझते हैं कि उन्होंने अपने बंग्ले का नाम भी आशिकी रख लिया। शायद इससे बेहतर नाम कुमार सानू के घर के लिए कुछ और हो ही नहीं सकता था।
- आमिर खान, शाहरुख खान जैसे नामचीन नायकों की आवाज़ कहे जाने वाले कुमार सानू ने तीन दशक से भी ज्यादा लंबे करियर में लगभग 9000 फिल्मी और गैर फिल्मी गाने गाए हैं। उन्होंने हिन्दी के अलावा बंगला फिल्मों के गीतों को भी अपनी आवाज़ दी है। कुमार सानू आज भी अपनी मधुर आवाज से संगीत जगत को सुशोभित कर रहे हैं।