मशहूर कवि, लेखक, पत्रकार और गीतकार इन सभी प्रतिभाओं के धनी प्रसून जोशी इस समय सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) के अध्यक्ष हैं। प्रसून जोशी ने ना केवल यादगार गाने बल्कि कई ऐसे एड के लिए टैग लाइन भी लिखी जो आसानी से आम लोगों की जुबां पर चढ़ गई। प्रसून जोशी एक ऐसी हस्ती हैं जिनकी बारे में जितनी बात की जाए और उनकी जितनी तारीफ की जाए वो भी कम है। तो आइए आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...
- प्रसून जोशी का जन्म 16 सिंतबर को उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था। वो बचपन से ही कवि बनना चाहते थे। उनके पिता पीसीएस अधिकारी थे। मां क्लासिकल सिंगर। ऐसे में उन्हें एक ऐसा वातावरण मिला जहां वह अपने मन से उस क्षेत्र में करियर बना सकते थे, जो वह चाहते थे। उनकी मां को गाना पसंद था लेकिन और उन्हें लिखना।
- प्रसून जोशी को लिखने-पढ़ने का शौक इस कदर था कि जब बचपन में एक फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेना था तो जहां दूसरे बच्चे एक्टर, पॉलिटिशियन की ड्रेस पहनकर गए थे तो वहीं प्रसून एक कवि की तरह तैयार होकर गए थे। उन्होंने कवि जय शंकर प्रसाद जैसा गेटअप लिया। यही नहीं प्रसून ने उनकी कविता 'आंसू' भी पढ़ी थी।
- 17 साल की उम्र में प्रसून जोशी ने अपनी पहली किताब 'मैं और वो' लिखी। एमबीए करने के बाद उन्होंने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली की एक एड कंपनी से की। यहां पर वो 10 साल तक काम करते रहे। उन्होंने कोका कोला, मास्टर कार्ड, नेस्ले और हैप्पीडेंट जैसे कई बड़े बैंड्स के एड के लिए स्क्रिप्ट लिखी।
- बतौर गीतकार प्रसून ने अपने करियर की शुरुआत राजकुमार संतोषी की फिल्म 'लज्जा' से की। उसके बाद से वो लगातार फिल्मों से जुड़े हैं। उन्होंने 'मौला', 'कैसे मुझे तू मिल गई', 'तू बिन बताए', 'खलबली है खलबली', 'सांसों को सांसों' में जैसे मशहूर गाने लिखे हैं, तारे जमीन पर, क्या इतना बुरा हूं मैं मां, चांद सिफारिश...जैसे मशहूर गाने लिखे हैं।
- प्रसून McCann World के सीईओ भी हैं। McCann World ने मेक इन इंडिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी कैंपेन और जिंगल्स को डिजाइन किया है। प्रसून जोशी उस वक्त चर्चा में आए जब अप्रैल 2017 में लंदन में प्रधानमंत्री मोदी का 2 घंटे 20 मिनट तक इंटरव्यू लिया।
- वो पीएम का सबसे लंबा इंटरव्यू लेने वाले कवि और लेखक बन चुके हैं। साल 2017 में प्रसून जोशी को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) का अध्यक्ष चुना गया। उन्हें ये पद पहलाज निहलानी को हटाकर दिया गया था।
- विज्ञापन की दुनिया में छाई उनकी लिखी टैगलाइन...
- ठंडा मतलब कोका कोला...
- क्लोरमिंट क्यों खाते हैं? दोबारा मत पूछना...
- ठंडे का तड़का...यारा का टशन...
- अतिथि देवो भव:...
- उम्मीदों वाली धूप, सनसाइन वाली आशा...रोने के बहाने कम हैं, हंसने के ज़्यादा...
- इन अवार्ड से हुए सम्मानित
2002: विज्ञापन जगत का ABBY अवॉर्ड
2003: कान्स लॉयन अवॉर्ड
2005: 'सांसों को सांसों' गाने के लिए स्क्रीन अवॉर्ड
2007: चांद सिफारिश गाने के लिए फ़िल्मफेयर अवॉर्ड
2008: 'मां' गाने के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर
2013: फ़िल्म 'चिटगॉन्ग' के गीत 'बोलो ना' के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार
2014: फ़िल्म 'भाग मिल्खा भाग' के गाने 'ज़िंदा है तो प्याला पूरा भर ले' के लिए फिल्मफेयर
2015: फ़िल्म 'भाग मिल्खा भाग' के लिए बेस्ट स्टोरी अवॉर्ड
2015: पद्मश्री पुरस्कार