बचपन से ही दीवाली मेरे फेवरेट त्योहारों में से एक रही है। कपूर खानदान हर त्यौहार को बहुत शानदार ढंग से मनाने के लिए मशहूर तो है ही। दीवाली के दिन घर रंगीन लट्टुओं से जगमगा जाता है,बचपन से आज तक हम दीवाली के तीनों दिन अपनी दादी जी के घर जरूर जातें है, पहले दादी जी खुद अपने हाथों से दीवाली की ट्रेडिशनल मिठाइयां, खीर, पुलाव बनाती थी। हम सब बच्चे, कजिन्स वहाँ खूब जश्न मनाते थे, पटाखे फोड़ते थे। आज भी दीवाली जश्न की शुरुआत दादी जी के बंगले से करते है, उसके बाद अपने बॉलीवुड के मित्रों की पार्टी अटेंड करने जाते है। बचपन की दीपावलियां यादगार है, ननिहाल में जो दीवालियाँ हम मानते थे वो भी बहुत मस्त होती थी। आज स्टार बन जाने के कारण व्यस्तता बढ़ गयी है और मौज मस्ती के दिन सिमट गए है। अब पटाखे फोड़ने में ना तो मजा आता है ना ही आज के वातावरण में पटाखों का प्रदूषण हम फैलाना चाहते है। इसलिए नो क्रेकर्स। हैप्पी दिवाली।
नो क्रैकर्स, हैप्पी दीवाली- रणबीर कपूर
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