राजनीति की देहलीज पर खड़े और ग्लैमरस चेहरे By Mayapuri Desk 27 Apr 2019 | एडिट 27 Apr 2019 22:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर चुनाव-2019 ने फिल्मी सितारों में जो उत्साह संचारित किया है, देखने लायक है। पिछले छः महीनों से कई सितारे अपनी भूमिका और पार्टी में महत्व दर्ज कराने के लिए खूब जुगाड़ करते देखे गये हैं। आइये, मिलते हैं कुछ पर्दे के चेहरों से कि उनकी राजनीतिक राजनीति क्या है ? मनोज तिवारी दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर वह अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं। पिछले दो चुनावों में वह सक्रिय भागीदारी करके खूब सीख-पढ़ लिये हैं और फिल्मों से करीब-करीब दूर जा चुके हैं। भोजपुरी फिल्मों की क्रेज बनाने वाला यह सितारा ‘ससुरा बड़ा पैसा वाला’ फिल्म करने से पहले लोक गायिकी में एक नाम हुआ करता था। फिर भोजपुरी में कई बहुत हिट फिल्में दिए। मनोज ने 2009 में गोरखपुर (उ.प्र.) से समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा था और योगी आदित्यनाथ से चुनाव हार गये थे। फिर 2014 में वह दिल्ली उत्तरपूर्व से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और ‘आप’ पार्टी के आनंद कुमार को 1,44,084 वोटों से हराकर राजनीति में अपनी जगह बना लिया। परेश रावल परेश रावल को दर्शक फिल्म के पर्दे पर देखते रहे हैं। ‘हेराफेरी’, ‘ओह माई गॉड’, ‘जुदाई’, ‘उरी- जैसी कामयाब फिल्मों का यह सितारा इनदिनों राजनीति की बातें करने की बजाय मुंबई में अपने नाटक ‘किशन वर्सीज कन्हैया’ को लेकर व्यस्त है। परेश ने 2014 में बीजेपी के प्रत्याशी के रूप में अहमदाबाद (पूर्व) से चुनाव लड़ा था और विजयी हुए थे। इस बार वह 2019 के लोकसभा चुनाव से वह खुद को दूर रखे हैं और चुनाव ना लड़ने की बात पहले से ही कह चुके हैं। रवि किशन भोजपुरी फिल्मों के तीन सुपर सितारों (मनोज तिवारी, निरहुआ और रवि किशन) में से एक रवि को राजनीति में रहने का बड़ा शौक है। वह 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में जौनपुर से चुनाव लड़े थे और ‘मोदी लहर’ में हार गये थे। 2019 के इलेक्शन में वह भाजपा के साथ हैं। ‘देवरा बड़ा सताबेला’, ‘विदाई’, ‘तेरे नाम’, ‘गंगा’, ‘सनकी दारोगा’ आदि फिल्मों का यह नायक चुनावी भीड़ जुटाकर अपनी बात कहने में बेहद दक्ष हैं। किरण खेर पर्दे पर इनकी असरदार भूमिका के दर्शक कायल हैं। अभिनेता अनुपम खेर की पत्नी, किरण पिछले आम चुनाव में चंडीगढ़ से एम.पी. बनी थी। इन्होंने वहां के सीटिंग एम.पी. पवन बंसल को एक लाख 21 हजार वोटो से हराया था और एक्ट्रेस गुलपनाग को इसी सीट पर तीसरे नम्बर पर छोड़ा था। किरण अपना स्वयं सेवी संगठन ‘लाडली’ और ‘कैंसर रोको’ संगठन भी चलाती हैं। इन्होंने चंडीगढ़ में पंजाबी फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए फिल्म स्टूडियो बनवाने का वादा किया था- जिस पर काम चालू है। जया प्रदा जब अपने फिल्मी करियर के पीक पर थी, जयाप्रदा को राजनीति का शौक लग गया था। वह चंद्रबाबू नायडू की तेलुगुदेशम (टीडीपी) पार्टी की सदस्य बनकर सक्रिय राजनीति में उतर गई। वह अमर सिंह से अपने अच्छे सम्बन्धों के चलते 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर रामपुर (उ.प्र.) से चुनाव लड़कर एम.पी. का चुनाव जीती और 2014 में राष्ट्रीय लोकदल (त्स्क्) के टिकट पर बिजनौर से चुनाव लड़कर हार गई। अब 2019 में वह भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं। कभी रामपुर में वह आजम खान के साथ प्रचार में जुड़ी थी, इस लोकसभा चुनाव में वह उसी रामपुर से आजम खान के सामने प्रबल प्रतिद्वन्दी बनकर चुना लड़ रही हैं। अपने जन्मदिन पर चुनाव का पर्चा दाखिल करके जयाप्रदा ने एक मीटिंग की और उन पर अत्याचारों की बात बताकर रो पड़ी थी। लोग जयाप्रदा को उनकी रैलियों में ध्यान से सुन रहे हैं। पांच बार के विजेता आजम खान जो सपा-बसपा के प्रत्याशी हैं, से जयाप्रदा का मुकाबला दिलचस्प रूप ले रहा है। बाबुल सुप्रियो गायक, कंपोजर, एंकर बाबुल सुप्रियो जो भाजपा के चुनाव पर 2014 में एम.पी. बने थे, एक बार फिर चुनाव की लड़ाई में सक्रिय हैं। वह इस सरकार में हैवी इंडस्ट्रीज और पब्लिक इंटरप्राइजेज विभाग के मंत्री भी रहे हैं। हुगली नदी के किनारे बसे, एक संगीतप्रेमी-परिवार में पले बढ़े बाबुल के तमामगीत (‘कहो ना प्यार है’, ‘दिल ने दिल को पुकारा’, ‘हम तुम’ आदि) लोगों को खूब पसंद हैं। पिछले दिनों प्रचार के लिए बनाए गये उनके एक वीडियो एलबम की कंट्रोवर्सी भी खड़ी हुई थी। बाबुल पश्चिम बंगाल में भाजपा की बढ़ती कोशिशों के लिए एक आधार के रूप में भी देखे जाते हैं। वह प्रधानमंत्री मोदी के परम भक्तों में हैं। मूनमून सेन कोलकाता-पश्चिम की लोकसभा सीट हमेशा से चुनाव के समय सुर्खियां बटोरती है। यहां से तृणमूल कांग्रेस की चर्चित चेहरा रही हैं। मूनमून ने बंगाली, हिन्दी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, मराठी और कन्नड़ भाषा की फिल्मों में काम किया है। मशहूर अभिनेत्री सुचित्रा सेन की सुपुत्री मूनमून एक ग्लैमरस अभिनेत्री रही हैं। मूनमून की दो बेटियां-रिया और राइमा भी एक्ट्रेस हैं जो इस बार प्रचार में मां के साथ हैं। मूनमून ने 2014 में ममता बनर्जी के प्रभाव और दोस्ती के चलते तृणमूल पार्टी के रास्ते राजनीति में कदम रखा था। इस चुनाव 2019 में, वह युनियन मिनिस्टर बाबुल सुप्रियो (भाजपा) के सामने प्रबल प्रतिद्वन्दी के रूप में खड़ी हैं। बांकुरा-आसनसोल में इनदिनों मूनमून सेन के ही पोस्टर दिखाई दे रहे हैं। #Ravi kishan #Babul Supriyo #Paresh Rawal #Manoj Tiwari #Kirron Kher #Jaya Prada #Politician #bollywood politics #Mun Mun Sen हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article