फागुन की ओट में रंगों की रानी होली अपनी अंजुरी में 'कुछ रंग प्यार के', लेकर आ चुकी है बॉलीवुड की हसीनाओं के चूनर रंगने के लिए। इन रंगों का असर हमारी इन फ़िल्म नायिकाओं पर कितना गहरा पड़ा आईये देखते है।
दीपिका पादुकोण
शादी के बाद दीपिका की यह पहली होली है। जाहिर है उनके दिल की धड़कन कुछ बढ़ी हुई होगी। ऐसा भी नहीं कि रणवीर के साथ वे ये पहली होली खेलने वाली है क्योंकि विवाह से पहले पांच वर्षों की कोर्टशिप में पांच बार तो होली खेलने का मौका उन्हें मिला ही होगा लेकिन अगर पपराज़ी की वजह से झूम के होली खेलने का मौका ना भी मिला हो तो भी फ़िल्म 'रामलीला' के सेट पर तो दोनों ने होली खेल ही ली थी, भले ही उस फिल्म के सीन के लिए ही सही। फिल्म का वह गीत 'लहू मुंह लग गया' में दोनों के रंग खेलने का दृश्य बॉलीवुड में आज तक के सारे होली दृश्यों में सबसे सेंशुएस दृश्य और होली गीत बन गया है। वैसे दीपिका को होली खेलने में हद से ज्यादा दिलचस्प कभी नहीं रही और ना ही उन्होंने होली की धींगा मस्ती और धमाल में कभी खुलके भाग लिया। वे बोली, 'बचपन में हल्के फुल्के ढंग से थोड़ी देर के लिए होली खेला करती थी लेकिन जैसे-जैसे बड़ी होती गई होली खेलना कम होता रहा। सच पूछो तो मुझे खुद होली खेलने से ज्यादा दूसरों को खेलते हुए देखने में मजा आता है। कई बार एक दूसरे पर रंग लगाने का जुनूनी दृश्य मुझे विचलित कर देती है। हां कभी-कभार बॉलीवुड के अपने अच्छे मित्रों की होली बैश में जरूर शामिल हुई और इंजॉय भी किया। एक बार शाहरुख खान के घर पर होली पार्टी में गई थी, वहां सभी अपने जैसे लगे तो मैंने वहां बहुत आनंद उठाया।' क्या इस बार की होली उनके लिए स्पेशल है क्योंकि शादी के बाद उनकी ये पहली होली होगी। इस प्रश्न पर वे कहती हैं, 'हर त्योहार हमेशा स्पेशल होता है, हां इस बार मैं अपनी फैमिली के साथ साथ एक नई फैमिली के साथ होली का आनंद शेयर करने वाली हूं इस हिसाब से कुछ खास फीलिंग्स जरूर है।' जब उनसे पूछा गया कि वे होली त्यौहार पर क्या पहनना, क्या खाना और कौन से रंग से होली खेलना पसंद करती है ? तो वे बोली , 'मैं हर त्यौहार को पूरे इंडियन ट्रेडीशनल पोशाक पहनकर मनाना पसंद करती हूं। सारी डेकोरेशन के साथ। और खाने में मुझे होली की स्पेशल मिठाइयां बहुत पसंद है जो बैंगलोर में मेरी मम्मी हमेशा बनाती थी , आज भी बनाती है। इस बार मैं खुद उसे बनाने की कोशिश करूंगी। रंगो का जहां तक सवाल है तो मुझे लाल रंग सबसे प्यारा लगता है। लाल प्यार का रंग है, लाल शक्ति का रंग है, लाल ऊर्जा का रंग है।' जब दीपिका को बताया कि उन पर फिल्माई गयी होली गीत 'बलम पिचकारी' अब होली का नया 'रंग
बरसे- --' गीत बन गया है तो वे मुस्कुरा पड़ी, 'अच्छा? लेकिन रंग बरसे तो रंग बरसे ही है।'
प्रियंका चोपड़ा
'डू मी अ फेवर, लेटस प्ले होली' के साथ प्रियंका चोपड़ा ने कुछ वर्ष पहले पर्दे पर बड़े ही सेक्सी अंदाज़ से होली खेलने का नया गर्मजोश स्टाइल दर्शकों को दिखाया था जिसे आज भी लोग भूल नहीं पाएं। आज भी होली पर दिनभर ये नटखट होली नम्बर, गली मुहल्ले में बजती रहती है। इस बार की होली को लेकर प्रियंका का कहना है, 'वो होली आ गई जिसका मैं कई महीनों से इंतजार कर रही थी, क्योंकि शादी के बाद यह मेरी पहली होली है और पहली बार मेरे मायके और ससुराल वाले एक साथ इस रंग के त्यौहार को मनाएंगे, यही मेरे मन का उत्साह था और है, लेकिन इसी बीच वक्त का माहौल कुछ बदल गया है, हमारे देश के कितने वीर जवान शहीद हो गए, मन का भारी रहना स्वाभाविक है। लेकिन होली या फिर कोई भी त्योहार हमारे देश की एकता और मजबूती को डंके की चोट पर पूरी दुनिया को दर्शाती है कि कोई परिस्थिति हमें झुका नहीं सकती है। होलिका दहन से शुरू होने वाला ये त्योहार, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। कड़ाके की ठण्ड खत्म होकर स्प्रिंग के आगमन का उल्लास है। निक उत्साह में है। उनकी आँखों में शरारत के रंग साफ नजर आ रहे हैं, मैं भी तैयार हूं हर शरारत का जवाब शरारत से देने के लिए। यह त्यौहार मुझे मेरे बचपन में खींच के ले जाती है जब हमारे सारे दोस्त रिश्तेदार होली पर एक दूसरे से मिलते थे, हम बच्चे होली के दिन एक दूसरे को रंग से भिगोने के नए-नए तरीके और मंसूबे बाँधते थे। होली त्योहार होती ही है खेलने खिलने के लिये, मिलने मिलाने के लिए, खाने खिलाने के लिए हंसने हंसाने के लिए। बीती बिसार कर नई शुरुआत करने के लिए। टूटे रिश्ते जोड़ने के लिए। मेरे सारे चाहने वाले फैन्स, पाठकों को हैप्पी होली।
करीना कपूर खान
होली मेरा फेवरेट त्यौहार तो है लेकिन अब पहले की तरह हम लोग होली नहीं खेलते हैं। सबको यह पता है कि फिल्म नगरी में मेरे दादाजी, स्वर्गीय श्री राज कपूर द्वारा सजाए गए होली उत्सव सबसे शानदार और सबसे बड़ी हुआ करती थी जिसका कभी कोई मुकाबला नहीं होता था। वे ओरिजिनल शो मैन थे और रहेंगे जिन्होंने सबसे पहले बॉलीवुड में होली को भव्य तरीके से मनाना प्रारंभ किया था, जिसे मैं होश संभालने के बाद चन्द वर्ष ही देख पाई थी और उनका निधन हो गया। उस वक्त मैं बहुत ही छोटी थी। काश आज भी वे हमारे साथ होते तो हम सब कपूर परिवार वालों के जीवन का रंग ही कुछ और होता। अब पहले की तरह हम होली नहीं मनाते, दादा जी की डेथ के बाद हम सब ने आर.के. स्टूडियो में होली खेलना भी बंद कर दिया। अब सिर्फ जब हम कहीं मेहमान बनकर होली मनाने जाते हैं या कोई हमारे घर पर होली मिलने आते हैं तो हम होली की रस्म निभा देते हैं। हां कई बार अपने कलीग्स और फिल्म इंडस्ट्री के गणमान्य सीनियर्स द्वारा आयोजित होली में हम शरीक होते हैं, रंग भी खेलते हैं, हमारे सफेद परिधान रंगों की बौछारों से लाल, गुलाबी, नीली पीली हो जाती है लेकिन जो रंग दादा जी के होली पार्टी में हम कपूर खानदान के दिल में समा जाता था, वह उनके निधन के बाद फिर कभी नहीं चढ़ा। हाल में मेरी सबसे यादगार होली वो है जो मैंने कुछ वर्ष पहले अपने देश के वीर जवान भाइयों के साथ मनाई थी। हम सबने शाम घिरने के साथ साथ बोनफायर जलाकर उसके इर्द गिर्द डान्स किया था, गाना गाया, भंगड़ा किया, उन्हें अपने घर की बनी स्वीट्स खिलाई थी, उन्हें गुलाल लगाया था और उनके साथ उनकी रसोई में खाना खाया था। खैर, होली की मुबारकबाद देते हुए मैं गुजारिश करूंगी कि पानी को ज़ाया ना करते हुए सूखी होली खेलिये।
कंगना रनौत
खूबसूरत और दिलेर बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत का जन्म होली के पावन त्यौहार के आसपास (23मार्च) होने से अक्सर उनका जन्मदिन उनके हिमाचल प्रदेश स्थित बंगले में मनाया जाता रहा है, जहां जन्मदिन की पूजा समारोह के साथ होली उत्सव भी धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है लेकिन व्यस्तता के चलते घर जाकर बर्थडे और होली मनाना धीरे धीरे कम होता गया और अब तो कंगना की मम्मी और बहन खुद मुंबई में ही आकर कंगना का बर्थडे मनाते हैं और होली उत्सव भी यही मनाया जाता है। बचपन से ही कंगना होली त्यौहार के साथ मन से जुड़ी हुई है। रंगों का यह पर्व, जोश, उमंग के साथ साथ अपनी पवित्रता के लिए भी कंगना के दिल के बेहद करीब है। होली को लेकर वे कहती हैं, 'बचपन से होली त्यौहार का इंतजार हम बड़ी बेसब्री से करते थे और होली के दिन हम सब सहेलियां सुबह से होली के मूड में आ जाते थे और एक दूसरे को रंगने के साथ साथ हम अपने स्कूल टीचर्स के घर में भी होली खेलने पहुंच जाते थे जहां हम उनका आशीर्वाद लेतें थे और उनके साथ भी होली खेलते थे। वह बचपन की होली मेरे दिल के एक कोने में हमेशा के लिए बसी हुई है। आज बॉलीवुड में मेरे शेड्यूल्स बहुत व्यस्त हो गए हैं। पहले से कोई प्रोग्राम तय नहीं हो पाता है, लेकिन फिर भी होली खेलने की रस्म जरूर पूरी करती हूँ। आज भी बर्थडे के अवसर पर और होली के अवसर पर मेरी मां मेरी पसंद की बेसन के लड्डू जरूर बनाती है। मैं ज्यादातर उन लोगों के साथ होली खेलना पसंद करती हूं जो मुझे सच्चे, अच्छे और अपने से लगते हैं। उन लोगों के साथ होली क्या खेलना जो मुंह में कुछ और पीठ पीछे कुछ और बोलते हैं और मौका मिलते ही एक दूसरे की बुराई करके उन्हें नीचे खींचने में लगे रहते हैं। ऐसे लोगों से दूरी रखना ही अच्छा है। होली एक पवित्र त्यौहार है जिसमें पवित्र मन से होली खेलना होता है। आप सबको होली की ढेरों शुभकामनाएं।
आलिया भट्ट
होली आलिया का फेवरेट त्यौहार है जिसे वे बचपन से मनाती आ रही है। बचपन से ही होली के अवसर पर बॉलीवुड के टॉप सेलिब्रिटीज़ को उन्होंने होली मिलने के लिए अपने घर आते देखा है और पापा मम्मी से होली खेलते देखा है। खुद आलिया भी उन दिनों अपने दोस्तों सहेलियों के साथ होली खेलती थी, लेकिन एक बात जो सब जानतें हैं वो ये कि आलिया कभी डर्टी होली खेलना पसंद नहीं करती थी। कलर मीन्स कलर। कीचड़, मिट्टी, उठा पटक वाली होली उन्हें चाइल्डहुड से ही नागवार थी। बड़े स्टाइल और ऐटिट्यूड के साथ खेलती थी वे होली, अगर किसी की कोई बात उन्हें अच्छी ना लगे तो बिंदास झिड़क देती थी वे तब भी और अब भी। स्टार बनने के बाद उनकी होली पहले की तरह तो नहीं रह गयी, ये सही बात है। हर वक्त पपराज़ी की नजरों के दायरे में रहना और उनके फालतू प्रश्न, जैसे, 'आप होली क्यों मनाती हैं?', 'किसके साथ होली खेलना पसंद करती है' आलिया को खूब अखरता है। इस बार होली से पहले महाशिवरात्रि के अवसर पर अपनी नवीनतम फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' की यात्रा, कुम्भ के पावन महा मेला से शुरू करने के चमत्कृत एहसासों को आलिया ने इस फ़िल्म की पूरी टीम के साथ अनुभव किया जिसे वे कभी नहीं भूल सकती। अब यहाँ से होली मनाने तक के प्रोग्राम को लेकर भी आलिया बेहद एक्साइटेड है। पिछली बार अपनी फिल्म 'बदरीनाथ की दुल्हनिया' के प्रमोशन के लिए जब वे मथुरा गई थी तो वहां उन्होंने मथुरा की होली भी मनाई थी। वे कहती है, 'मैं होली खेलती तो हूं लेकिन होली दंगल में शामिल होना मुझे पसंद नहीं। कुछ भी हद से ज्यादा अच्छा नहीं होता। मस्ती, मजाक, शरारत अपनी जगह ठीक है, लेकिन होली के नाम पर गंदगी मचाना, किसी का मन दुखाना, किसी को गुस्सा दिलाना अच्छी बात नहीं है। पाठकों से होली की हैप्पीनेस शेयर करते हुए मैं कहूंगी की होली खेलिये जरूर लेकिन सामने वाले की भावना की कद्र भी कीजिए और जानवरों पर रंग डाल कर उन्हें कभी परेशान मत कीजिए। हैप्पी होली।
कृति सेनन
दिल्ली की दिलवाली हसीना कृति को होली से उतना ही प्यार है जितना किसी दिल्लीवाली लड़की को होता है। होली के नाम पर उनके चेहरे में जिस तरह रंग खिल जाते हैं, जिस उमंग, उत्साह से वे भर जाती है और जिस जोश से वे 'होली है' के नारे लगाती है, उससे साफ़ जाहिर होता है कि होली उनका पसंदीदा त्योहार है। जब कभी होली की फ़ोटो शूट रखी जाती है तो इस प्यारी सी लड़की का उत्साह देखते ही बनता है। फोटोशूट के दौरान भी मुट्ठी भर गुलाल हवा में उछालने से वे नहीं चूकती और उनके होली उत्साह को देखते हुए यह पता लग जाता है कि अभी बचपन ने कृति का दामन नहीं छोड़ा है। होली के अवसर पर वे कहती है 'मुझे हमेशा से ही होली त्यौहार से प्यार रहा है, जब से होश संभाला है मैंने दिल्ली की हुल्लड़ वाली होली देखी है और खेला है। लेकिन जब से बॉलीवुड में कदम रखा है, मैं पहले की तरह होली नहीं खेल पाई हूं। यहां मुझे वो माहौल, वो बचपन की सहेलियाँ नहीं मिलती है जो दिल्ली में मिला करती थी। साथ ही अब फिल्म कलाकार होने के कारण मुझे अपने चेहरे और त्वचा को रंग पकड़ने से बचाना पड़ता है क्योंकि अगले दिन की शूटिंग में चेहरा साफ दिखना चाहिए होता है। दिल्ली में होली के दिन पहले हम सब लड़कियां अपने बालों, चेहरा और त्वचा पर खूब तेल लगा लेते थे, फिर हम सब परिवार और मित्र सहेलियां मिलकर पटपरगंज पार्क में इकट्ठा होते थे और फिर शुरू होता था होली की हुल्लड़बाज़ी और धींगा मस्ती। होड़ लग जाती थी एक दूसरे को रंगने के लिए। शाम तक सर से लेकर पांव तक ऐसा रंग जाते थे हम सब, कि पहचान पाना मुश्किल हो जाता था। फिर हम सब पकौड़ियाँ, समोसे खाते, ठंडाई पीते, खूब मौज करते थे। गुजिया तो बनता ही बनता था। उसके बिना होली के पकवान अधूरे लगते थे। देर शाम तक होली मनाने के बाद जब हम सब रंग उतारते थे तो घंटा भर लग जाता था रंग उतारने में और कई कई बार तो हफ्ते तक लग जाते थे चेहरे और शरीर से रंग उतारने में। इस बार होली का माहौल पहले जैसा नहीं है। होली पार्टी भी नहीं है। बस आप सब को होली की मंगलकामनाएं।
यामी गौतम
मैं होली का त्यौहार अपने चंडीगढ़ वाले घर में अपने परिवार के साथ मनाना पसंद करती हूं। वैसे काफी समय से मैं पहले की तरह अब होली नहीं खेलती हूं। मुझे अब गीले रंगों से होली खेलना पसंद नहीं होता है, मेरे लिए होली मनाने का मतलब है परिवार, दोस्त, रिश्तेदारों, कजंस के साथ मिल कर बैठना, उनके साथ बहुत अच्छा वक्त गुजारना, फूड एंजॉय करना। बचपन में जब चंडीगढ़ में रहती थी उस वक्त की होली का मजा ही कुछ और था हम सब आस-पड़ोस की सहेलियां मिलकर यह तय करते थे कि किसके घर जाकर सबसे पहले रंग लगाने की शुरुआत करना चाहिए, उसके बाद आगे क्या क्या प्लान करना चाहिए ये हम एक दूसरे के साथ बैठकर तय करते थे कि किस को किस तरह से रंग लगाएंगे, फिर जब रंग रोगन का कार्यक्रम खत्म हो जाता था तो पापा हम सब बच्चों को अपनी गाड़ी में बैठाकर दूर तक घुमाने ले जाते थे, रास्ते में जिसको जो चाहिए होता था, जैसे स्वीट्स आइसक्रीम, सब ले कर देते थे और हम कार में ही बैठे बैठे चट कर जाते थे। घर लौट कर हम लंच करते, फिर पूरा परिवार मिलकर घर पर ही कोई फिल्म देखते थे। मोहल्ले के सारे बच्चे हमारे घर आकर हमारे साथ बैठकर फिल्म देखते और मजे की बात यह होती कि हम रंग से भीगे हुए अपने कपड़े शाम तक नहीं उतारते थे। लेकिन अब मैं गीला होली खेलना पसंद नहीं करती हूं सिर्फ सूखा होली (गुलाल वाली) खेलती हूं और होली की मिठाइयों का मज़ा लेती हूं। मैं वर्कआउट और हेल्थ डाइट फॉलो करती हूं लेकिन त्योहारों के दिन मैं जरूर थोड़ा ब्रेक लेकर खूब लजीज मिठाइयां और पकाने खाती हूं और अगले दिन डबल वर्कआउट करती हूं। पिछले दिनों जब मैं अपनी फ़िल्म 'उरी' के दौरान अपने देश के वीर जवानों से मिली तो मुझे एहसास हुआ कि वह मेरे जीवन का सबसे बड़ा और खूबसूरत दिन था। वो दिन मेरे लिए सब दिनों और सब त्योहारों से ज्यादा मूल्यवान दिन था और मैं उसे जीवन भर चेरिश करती रहूंगी। जय जवान, जय किसान, अपने सारे देशवासियों को हैपी होली।
सोनम कपूर आहूजा
बॉलीवुड की होली में अक्सर रंगीनियों और लैविश पार्टी, रेन डांस, रंगो की दंगल और तरह-तरह की टेस्टी पकवान मिठाइयों, भांग, ठंडाई की बौछार होती है लेकिन पिछले साल सोनम की आंटी श्री देवी के निधन पर सारी पार्टियां कैंसिल हो गई थी। इस वर्ष हमारे देश के जवानों की शहादत को सलाम करते हुए होली को शांति से मनाए जाने का फैसला किया गया है।
शादी के बाद सोनम कपूर की यह पहली होली है लेकिन सोनम उन लोगों में से नहीं है जो होली बहुत हुल्लड़ बाजी के साथ मनाती है। वे कहती है, 'जब मैं छोटी बच्ची थी तो होली खेलती थी, लेकिन अब घर से बाहर निकल कर होली खेलने में मजा नहीं आता है। मुझे अजनबियों द्वारा कलर बलून फेंके जाना या कलर लगाना अच्छा नहीं लगता। एक वह वक्त था जब वातावरण काफी सुरक्षित था। उन दिनों मैं बाहर निकलकर होली खेलती थी, होली पार्टियों में शिरकत करती थी, रेन डांस में भी भाग लेती थी। मुझे बहुत मजा आता था। उस वक्त अधिकतर विकृत तरीके से होली नहीं खेली जाती थी। लेकिन अब लड़कियां बहुत असुरक्षित महसूस करती है। जैसे कोई रोक-टोक ही नहीं रह गया है। इसलिए जब तक स्त्रियों के लिए वातावरण सुरक्षित नहीं हो जाता उन्हें सावधान रहने की जरूरत है।' शादी के बाद अपनी पहली होली को लेकर वे कहती है, 'ऑफ़कोर्स मैं बहुत एक्साइटेड हूं। लेकिन यह होली मैं अपने तरीके से, अपने फैमिली के साथ मनाना पसंद करूंगी। मेरी मॉम के घर पर हम लोग होली की पूजा में शरीक होंगे, वहां हम सब मिलकर बैठेंगे, बातें करेंगे इंजॉय करेंगे, लंच करेंगे। होली के मौके पर हम अपने दोस्तों रुश्तेदारों से मिलेंगे और इस तरह होली त्योहार मनाएंगे।