पहनने वहनने की बातें चल ही रही है तो बता दूं कि कृति सैनन को पहनावे की स्वतंत्रता प्यारी है । उन्हें उन लोगों से बेहद चिढ़ है जो डिक्टेट करते हैं कि लड़कियों को क्या पहनना चाहिए और क्या पहनना नहीं चाहिए। हाल ही में उन्होंने एक इवेंट के दौरान खुलकर अपना एतराज जताते हुए कहा कि, 'बस, बहुत हो चुका। अब सब लोगों को औरतों के पहनावे के बारे में अपनी राय मशविरा देना बंद करना चाहिए।' पिछले दिनों दीपिका,प्रियंका और साना शेख के बिंदास पहनावे को लेकर जो ट्रोल जंग शुरू हुआ था उससे कृति बेहद खफा है। उनका मानना है कि 'आज की दुनिया में यह डिक्टेटरशिप वाली बातें बहुत बुरी लगती है। डिसेंसी की हद में रहकर कोई भी स्त्री कुछ भी पहन सकती है, यह उसकी मर्जी है। मर्दों की, या किसी की यह लुक आउट नहीं होनी चाहिए कि औरत क्या पहने।' कुछ समय पहले वूमेंस डे पर भी कृति ने एक वीडियो के माध्यम से कुछ ऐसा जाहिर किया था, 'सिर्फ नारी शक्ति, नारी मुक्ति की बातें बोलने से कुछ नहीं होता है, बल्कि इन बातों से यह जाहिर होता है कि नारी कमजोर है,जबकि ऐसा है ही नहीं। नारी को शक्तिशाली बनाने की बात क्यों उठती है? वह तो पहले से ही शक्तिशाली है और पुरुषों की बराबरी में है। ऐसा विश्वास होना चाहिए।' कृति की बातों पर इतराते हुए मैं तो कहूंगी, 'जय बोलो हम महिलाओं की, जय बोलो।'
कृति सैनन का कहना है कि औरतों के पहनावे को लेकर चर्चा करना बंद करें
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